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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, April 23, 2014

प्रियंका वाड्रा जी ! इनि दुःख त जयद्रथ पत्नी दुशाला तैं बि ह्वै छौ

हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

भारत  एक  अति विशेष देस च।  इख जब युद्ध मा कुछ नि चलद त भावनाओं का तीर आखरी हथियार चलाये जांदन।  क्वी रखड़ि पैरान्दु त क्वी कुछ हौर भावनाओं से काम चलांदु। 
अबारी सन 2014 का  सभा चुनाव की शुरुवात विकास जन विषय से शुरू ह्वे अर अंत धार्मिक उन्माद अर व्यक्तिगत छींटा कशी से समाप्त हूण वाळ च।  चुनाव आंद आंद विकास खड्डा जोग ह्वे गे , भ्रस्टाचार ढैपरम से गे , आम जनता की समस्या कुज्याण कख हर्ची गेन धौं ! 
अब त व्यक्तिगत लांछनाओं से वोटरूं पुटुक भरणै आश्वासन दियाणा छन।  
इनि एक लांछन नरेंद्र मोदीन गांधी परिवार की बेटी प्रियंका वाड्रा  का हजबैंड राबर्ट बाड्रा पर लगै दे कि एक लाख की मूल धन राशि से 300 करोड़ रुपया करणो बान RSVP योजना बौण, R से राहुल , S से सोनिया , V से वाड्रा अर P से प्रियंका। 
अर यांपर गांधी परिवार की शहजादी प्रियंका वाड्रा भावनात्मक रूप से आहत ह्वे गे कि राबर्ट वाड्रा का भ्रस्टाचारी कार्य तो राजकीय पाप च अर ये राजकीय पाप तैं चुनावी मुद्दा नि बणाये जाण चयेंद।  प्रियंका वाड्राक बुलण च कि यि व्यक्तिगत आक्षेप छन। 
प्रियंका वाड्रा सही बुलणि च कि वाड्रा विर्तांत एक व्यक्तिगत वृतांत च। 
त हे राजकुमारी ! जब एक साल पैल बिटेन दिग्विजय सिंह नरेंद्र मोदी की पत्नी कख च ? नरेंद्र मोदीन अपण पत्नी छोड़ीं च जन भगार लगैन तो क्या यी अभियोग व्यक्तिगत अभियोग नि छ्याई जु अब प्रियंका वाड्रा RSVP, जीजाजी शब्दों से चिड़नि च ?
हे नेहरू -गांधी परिवार की लाड़ली ! जब राहुल गांधीन नरेंद्र मोदी की पत्नी प्रकरण की बात चुनावी सभाऊँ मा उठाइ तो क्वी कॉंग्रेसी प्रियंका वाड्रा से  पूछन त सही कि क्या मोदी पत्नी प्रकरण व्यक्तिगत लांछन नि छौ ? 
हे नेहरू खानदान की प्रिया प्रियंका वाड्रा ! कॉंग्रेसन भारत मा उद्यम बढ़ाणो बान अलग अलग समय पर विभिन्न उद्योगपतियों तैं जगा अर टैक्स रियायत दे।  इख तक कि कॉंग्रेसन कोयला उत्पादन बढ़ाणो बान मुफ्त मा कोयला खान उद्योगपतियों तै देन (मि बुल्दु कि नीति का हिसाब से यु कुछ हद तलक सही कदम छौ )। किन्तु हे मिसेज वाड्रा ! जब राहुल गांधी बि अरविन्द केजरीवाल की सकासौरी मा अदानी -मोदी प्रकरण तै हथियार बणाला तो चुनावी दंगल मा नरेंद्र मोदी सरीखा घाघ राजनेता राहुल गांधी तैं  वाड्रा रूपी पटकनी तो  द्याल कि ना ? केजरीवाल तो नया राजनेता च तो वु कै बि उद्योगपति तैं टारगेट बणै सकुद , किन्तु कॉंग्रेस इन नि बोलि सकिद कि गुजरात मा अदानी -अंबानी तैं महत्व मिलणु च। 
त प्रियंका वाड्रा जी ! जब आप सर्वोच्च परिवार का छंवां तो छवि का मामला मा नेहरू-गांधी -वाड्रा परिवार तैं ध्यान दीण ही पोड़ल कि नेहरू परिवार पर रति भर भी दाग नि लग।  यदि भारत की जनता (विरोधी दल समेत ) नेहरू -गांधी परिवार की इज्जत करदि तो या जनता अपेक्षा भि करदि कि राबर्ट वाड्रा -जमीन घोटाला (?) जन प्रकरण नि ह्वावन।  मिसेज वाड्रा जी ! जनता नेहरू -गांधी परिवार से छुट से छुट दाग की बि अपेक्षा नि करदि। 
उन मिसेज वाड्रा ! महाभारत मा बि इनि एक धुर्या -लोभी जंवाई छौ।  वु छ्याइ सिंधु नरेश जयद्रथ।  सिंधु नरेश जयद्रथ कौरबुं जीजा याने दुस्साला कु पति छौ।  जयद्रथ द्वारा अपण जेठूं  पत्नी द्रौपदी हरण से बि कौरव बंश की नाक कटी छे अर मृत अभिमन्यु तै लत्याणो पाप कर्म बि जयद्रथन करि छौ अर अर्जुनन जयद्रथ तै मारी छौ। 
जयद्रथ का पाप कर्मों की सजा केवल जयद्रथ तैं हि नि मील छौ अपितु दुस्साला तैं बि दुःख भोगण पोड़ छौ। जयद्रथ का पापकर्मों से धृतराष्ट्र अर गांधारी बि बार बार दुखी ह्वे छा। 
तो प्रियंका वाड्रा जी ! तुम सरीखा शिखर मा बैठ्याँ  परिवार से भारत की जनता गुजारिस करदि कि जयद्रथ का पापुं दोष भीम या अर्जुन पर नि लगावो अपितु जयद्रथ तैं पाप करण से रोको।  


Copyright@  Bhishma Kukreti  23/4/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  

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