न्यूज के नाम पर जोर से जड़ दे बाबा एक थप्पड़ ! ! तू एक थप्पड़ मारेगा ओ दस हजार देगा !
Copyright@ Bhishma Kukreti 9 /4/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
नौनु -पापा आप ममी की बात क्यों नहीं मान जाते ?
मि -अरे या क्वी बात ह्वे ?
घरवळि -तुम त जनमुं स्वार्थी छंवां , तुमन हमर बात किलै मनण। परिवारो नाम बडु ह्वे जाल तो तुमर नाक नि कट जालु?
मि - ह्यां ! या उमर थप्पड़ मारणो च। या उमर थप्पड़ खाणै नी च।
नौनु - पर डैडी ! एक ही थपपड की तो बात है। कोई लात घूंसे थोड़े खाने हैं।
घरवळि -हाँ ! थप्पड़ ही त खाण। लोगुन त परिवारौ इज्जत बढ़ाणो बान गोळी बि खैन। हम त केवल थप्पड़ खाणै बात करणा छंवां।
मि -अरे जब होश संभाळ त अफुसे से बड़ो थप्पड़ इ त खाणु रौं।
घरवळि -पर या थपपड़ अलग च।
मि - फिर स्कूलम , इंटर कॉलेज तक मास्टरुं थप्पड़ खाणु रौं।
घरवळि -हाँ पर देखो ये थप्पड़ अर वुं थप्पड़ूं मा भौत अंतर च।
मि -क्या अंतर च ?
घरवळि -देखो अचकाल तुम तैं क्वी पुछणु बि च
नौनु - मुहल्ला में कोई आपके बारे में कोई बहस करता है क्या ?
मि - ना , घौरम बि क्वी नि पुछणु च।
घरवळि -स्थानीय केबल टीवी वाळ तुमर खबर दिखाणु च क्या ?
मि -ना।
नौनु -कोई गढ़वाली पत्रिका आपके बारे में लिखते हैं ?
मि - ना ! क्वी बि पत्रिका म्यार बारा मा कुछ बि नि छापदी ।
नौनु -मतलब साफ़ है यू आर आउट ऑफ न्यूज।यू आर टोटली इरिलेवेंट फॉर न्यूज।
घरवळि -गढ़वाली सामाजिक संस्थाएं अपण प्रोग्रैमों मा तुम तैं निमंत्रण भिजद छन क्या ?
मि -ना !
घरवळि -अब त बस एकी तरकीब च कि स्पोंसर्ड थप्पड़ खावो अर न्यूज मा ऐ जावो।
मि - स्पोंसर्ड थप्पड़ खैक न्यूज मा आवो ?
घरवळि -हाँ अजकाल जब मीडिया तुम पर ध्यान नि द्याउ त अपण गाडी का शीशा फुड़वै द्यावो। बस तुम न्यूज मा ऐ जैल्या।
मि -क्या न्यूज मा ऐ जैल्या ? न्यूज मा ऐ जैल्या …
घरवळि -जब न्यूज मा नि रावो तो योगेन्द्र यादवक तरां अपण आदिम से अफु पर स्याही घुसवै द्यावो अर फट फटाक न्यूज मा ऐ जावो।
मि - योगेन्द्र यादव क तरां अपण आदिम से अफु पर स्याही घुसवावो अर तड़ाक से न्यूज बण जावो ?
घरवळि -हाँ।
मि -पर
घरवळि -फिर जब न्यूज लायक कुछ नि ह्वावो तो अरविन्द केजरीवालौ तरां हर दुसर दिन थप्पड़ खावो अर न्यूज मा खबर बण जावो।
मि - पर थप्पड़ खैक न्यूज मा आण क्वी ऐथिकल बात त नी च ना ? थप्पड़ खैक समाचार बणन क्वी प्रशंसा की बात त नी च ना ?
नौनु-जब ऐथिक के ठेकेदार थप्पड़ खाकर ही न्यूज में रहते हों तो आपको थप्पड़ खाने में क्या ऐतराज है ?
घरवळि -हाँ , अपण नाम कमाणो बान तुम बि एक थप्पड़ खै ल्यावो।
मि -मतलब तुमन मि तैं थप्पड़ खलवाण बगैर नि मानण ?
घरवळि -हाँ ! हमन त सौं घटीं छन कि जब तक तुम थप्पड़ नि खैल्या हमन अपण ब्रत नि तुड़ण।
मि - ठीक च! न्यूज मा रौणो बान मि थप्पड़ खाणो तयार छौं।
घरवळि - द्याखो प्रोफेसनल थप्पड़ मारण वाळो इंतजाम बि ह्वै गे।
घरवळि -दैट्स अ स्पिरिट !
नौनु (फोन पर ) - हेलो केजरीवाल अंकल ! मेरे पापा भी थप्पड़ खाने को तैयार हैं। प्लीज अरविन्द अंकल ! एक थप्पड़ मारने वाले को जल्दी भेज दीजिये। थैंक्स ! अच्छा ! थप्पड़ मारने वाला एक घंटे में पंहुच जाएगा। हाँ हाँ ! थप्पड़ मारने के पूरे पैसे मिल जायेंगे।घरवळि - द्याखो प्रोफेसनल थप्पड़ मारण वाळो इंतजाम बि ह्वै गे।
नौनु (मोबाईल पर ) - हेलो ! पुण्य प्रसून बाजपई अंकल ! पापा को थप्पड़ खाना है। केजरीवाल अंकल ने थप्पड़ मारने वाले का इंतजाम कर दिया है। आप दो चार चैनेलों से रिपोर्टर्स भेज दीजिये प्लीज। हाँ हाँ रिपोर्टरों को शाम की पार्टी और मेहनतताना पूरा मिलेगा। थैंक यू ! बाजपई अंकल।
Copyright@ Bhishma Kukreti 9 /4/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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