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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, April 23, 2014

कृपया मुझे मारने की धमकी अवश्य दें !

हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
अचकाल आम आदमी पार्टी का बुरा हाल छन।  आप पार्टी से ज्यादा आजम खान अर अमित शाह चर्चा मा छन।  जख कुछ दिन पैल केजरीवाल ऐंड कंपनी ज़रा टीवी   न्यूज खै जांद छे उख अचकाल अाजम खान अर अमित शाह टीवी चैनलों टीआरपी बढ़ाना छन। 
मि सुचणु छौ बल  अाजम खान अर अमित शाह द्वारा सोसल मीडिया कु वाइरल न्यूज  , टीवी न्यूज अर अखबारुं खबरूं पर भयंकर अतिक्रमण से कुमार विश्वास का त भौत बुरा हाल होला।  मीन घड़याई कुमार विश्वास ब्रेकिंग न्यूज बणनो बान क्या क्या करणा होला। 
एकान पूछ ," कुमार जी क्या हाल छन ?
कुमार विश्वास "सर जी ! बुरा हाल छन।  दिन बुरा चलणा छन। "
"कनो जितणो थ्वड़ा बि आस नि रै गे ?" कुमार विश्वास से सवाल छौ। 
कुमार कु जबाब छौ ," ओहो ! कु वेवकूफ अमेठी मा जितणो ऐ छौ ?"
प्रश्न -"तो तुम अमेठी मा जितणो भावना से नि ऐ छया ?"
कुमार विश्वास - ना , इख तक कि केजरीवाल जी बि वनारस जितणो मनशा से थ्वड़ा अयाँ छन। "
प्रश्न - तो ?
कुमार विश्वास - हम त टीवी न्यूज बणना बान चुनाव लड़ना छंवां। 
प्रश्न - त रूणा किलै छंवां ?
कुमार विश्वास - अमेठी मा हम तैं क्वी बि न्यूज कवरेज नी दीणु च। 
प्रश्न - त कुछ टुटब्याग कारो , कुछ ऊट -खाटी कारो। 
कुमार विश्वास - टुटब्याग कार किलै नि छन पर कुछ  असर ही नि हूणु च। 
प्रश्न - क्या क्या टोटका करिन ?
कुमार -विश्वास - अरे वैदिन मीन मुंड फुड़वाइ अर मुंड फुंडनो क्लिप सोसल मीडिया मा डाळ कि लोगुं सहानुभूति मीलली ।  तो पता च क्या क्या कमेंट्स ऐन ?
प्रश्न -क्या ? 
कुमार -विश्वास -अरे ऊँ कमेंट्स पौढ़िक कॉंग्रेसी नेता दिग्विजय सिंग जीक फोन आई। 
प्रश्न -हैं ?दिग्गी बाबुक फोन आयि ? क्या बुलणा छा ?
कुमार -विश्वास -दिग्गी बाबुन पूछ कि मुंड फुड़णो नाटक कु डाइरेक्टर क्वा च ?
प्रश्न -मुंड फुड़णो नाटक कु डाइरेक्टर क्वा च ? क्या मतबल ?
कुमार -विश्वास -दिग्गी बाबू मध्य प्रदेश मा कॉंग्रेस्युं मुंड फुडण चाणा छन कि मध्य प्रदेश बिटेन कॉंग्रेस्युं कुछ त न्यूज आवो ।
प्रश्न -त तुमन दिग्गी बाबु तैं मुंड फुड़ण वाळ नाटको डायरेक्टरों नाम बथाइ च कि ना ?  
कुमार -विश्वास -यां मि इख अमेठी मा चुनाव लौड़ कि मध्य प्रदेश  मा कॉंग्रेस्युं कुण नाटक कौरुं ?
प्रश्न -अच्छा त अपण विरोध मा काळा झंडा दिखवावो अर टीवी वाळु तैं बथावदी कि द्याखो कॉंग्रेसी डौर गेन अर म्यार विरुद्ध झंडा दिखाणा छन। 
कुमार -विश्वास -ये नाटक पर केजरीवाल जीक प्रभुत्व याने एकाधिकार च। हमन मीडिया मा न्यूज मा रौणो कुण काम बंट्या छन। 
प्रश्न -अच्छा ?
कुमार -विश्वास -हाँ , केजरीवाल जी थप्पड़ बि खाला अर अपण विरोध मा झंडा बि दिखाला। 
प्रश्न -औ ! त प्रेस कॉन्फ्रेंस मा टोपी ही उछवाल्या।  
कुमार -विश्वास -प्रेस कॉन्फ्रैंस मा अपण टोपी अफिक उछवाळणो ठेका तो प्रशांत भूषण तैं मिल्युं च।  अर फिर टीवी अर मीडिया वाळ प्रेस कोन्फेरेंस मा अपर टोपी अफिक उछळवाणै न्यूज नि दिखाँदन ।
प्रश्न -ओहो यी त बुरा हाल छन। 
कुमार -विश्वास -हाँ कुछ समझ मा नि आणु च कि न्यूज की चीज कनै बणे जाव। 
प्रश्न -तो प्रियंका बड्रा पर अभियोग ही लगै द्यावो कि कुमार विश्वास को मारने की साजिस रची जा रही है। 
कुमार -विश्वास -हाँ यी टुटब्याग बि आजमाई याल पर टीवी पत्रकार दोस्त बुलणा छन कि यीं न्यूज दिखाण से ऊंक टीआरपी बढ़णो जगा लोग टीवी दिखण बंद करणा छन।   
प्रश्न -तो अब क्या करिल्या ?
कुमार -विश्वास -अब क्या करण ? चुनाव लड़न पर ही ध्यान द्योल्या अर बकै त हम तैं कुछ नि आंद।  



Copyright@  Bhishma Kukreti  19 /4/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]  

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