11 Immutable Laws for gaining Brand Loyalty in term of Tourism Marketing
(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--49 )
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणनप्रबंधन -भाग 49
मार्केटिंग में मैंने Customer Loyalty संबंधित कई पुस्तकें पढ़ीं किन्तु Customer Loyalty पैदा करने हेतु जो सूत्र नारद भक्ति सूत्र में हैं वे कोई भी मार्केटिंग विजार्ड आज तक नही दे पाया है।
मार्केटिंग विशेषज्ञों को नारद भक्ति सूत्र अवश्य पढ़ना चाहिए।
भक्त ग्राहक लाभदायक होते हैं।
भक्त ग्राहकों से विज्ञापन पर बहुत कम खर्च करना पड़ता है।
भक्त ग्राहक अन्य ग्राहकों को ब्रैंड की ओर मोड़ते हैं याने भक्त ग्राहक ब्रैंड एजेंट या दूत का कम करते हैं।
नारद भक्ति सूत्र पर आधारित निम्न मार्केटिंग सूत्र ग्राहक भक्ति पाने के अमर सूत्र हैं -
ग्राहक के गुणों से अप्रतिम प्रेम - ग्राहक के चरित्र से प्रेम कर भक्त ग्राहक प्राप्ति हो पाती है।
रूप - आप अपने प्रोडक्ट की ब्यूटी, सुंदरता या रूप से आकर्षित कर सकते हैं।
पूजा - आप ग्राहक की पूजा कर ग्राहक भक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
ग्राहक स्मरण - बार बार ग्राहक स्मरण से आप अपने ग्राहक को सदा के लिए अपना बना सकते हैं।
सेवा द्वारा - विशिष्ठ सेवा द्वारा भी भक्त ग्राहकों की प्राप्ति होती है ।
सखा भाव - सखा भाव याने ग्राहक को सम्पूर्ण संतुष्टि द्वारा भक्त ग्राहक प्राप्त हो पाते हैं।
ग्राहक को माता -पिता मानकर - ग्राहक को माता पिता मानकर उसके दुःख -सुख में शामिल होकर भक्त ग्राहक प्राप्ति होती है।
ग्राहक को प्रेमी समझना - ग्राहक को प्रेमी मानकर भक्त ग्राहक की प्राप्ति होती है।
ग्राहक के सम्मुख शरणागत होना - ग्राहक के सामने सम्पूर्ण रूप से शरणागत होने से भक्त ग्राहक जाते हैं।
ग्राहक में मिल जाना -ग्राहक और अपने का भेद समाप्त करने से भी भक्त ग्राहकों की प्राप्ति होती है।
ग्राहक से दूर हो जाना - ग्राहक के मन में अलग या दुरी होने की भावना पैदा करने से भी भक्त ग्राहक मिलते हैं।
प्रोडक्ट , प्राइस या प्लेसमेंट के अनुसार ब्रैंड मैनेजमेंट को उपरोक्त सूत्रों में से एक सूत्र पर आधारित मार्केटिंग रणनीति बनानी चाहिए।
Copyright @ Bhishma Kukreti 5 /4/2014
Contact ID bckukreti@gmail.com
Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना , शैलवाणी (150 अंकों में) , कोटद्वार , गढ़वाल
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