Uses of Proverbs, Sayings, Idioms in Garhwali Poems
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:बालकृष्ण बहुखण्डी
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पूजिक त्वेथैं भ्यटणू छौं मि ,
अक्वे जामाफर आदी !
कना कना त्यारा दादा प्वड्यां छीं ,
धार पोर त जादी ।।
अन्धों म तू कांणु बण्यूं छै ,
हमसबकू सरदार !
लतु का द्यवता बतु से नि मनदा ,
त्वे नि सुहांदू प्यार । ।
काम न काजकु दुश्मन नाजकु,
किलै मि त्वेथै सुमुरू !
ना दूधा ना मूता कामा ,
बखऱा गाल़ा लुमरू ।।
ऐनसैन तुम लगणा छव जन ,
पढ्य़ाई लिख़ाई बल जाट !
काल़ू आखर भैंस जनू अर ,
सोल़ा दूनी आट ।।
बालकृष्ण बहुखण्डी
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