उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, May 28, 2017

"त्वी बिंगौ अब"

Garhwali Poems by Dharmendra Negi 

दिन द्वफरि
दिखयाँ
तेरा स्वीणा 
अर
माया मा 
तेरी करीं
सौं - करारौं 
तैं भलि कै 
खरोळि- खराळी 
छीटि-फटकी
अर 
रकरै- बतै की 
देखियाल मिन 
सब उनि
बुसिला छन
जन कोन्ना पेट
मूसा ठुन्ग्याँ सट्टि 
छूड़ु भुखु 
अब 
त्वी बिंगौ मैतैं
यूं 
बुसिला स्वीणों 
अर
सौं- करारौं 
का सारा 
कनक्वे ठ्यलण
मिन अपणी 
या सैरी जिन्दगी

सर्वाधिकार सुरक्षित -:

            धर्मेन्द्र नेगी
       चुराणी, रिखणीखाळ
            पौड़ी गढ़वाळ



Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Pauri Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Chamoli Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Rudraprayag Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Tehri Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Uttarkashi Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Dehradun Garhwal, UttarakhandGarhwali Poems, Folk Songs , verses from Haridwar Garhwal, Uttarakhand; Himalayan Poetries, North Indian Poetries , Indian Poems, SAARC countries poems, Asian Poems 
 गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; पौड़ी  गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; चमोली  गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; रुद्रप्रयाग  गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ;  टिहरी गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; उत्तरकाशी गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; देहरादून   गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ;  हरिद्वार गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; 

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments