-- आवा आवा चला आवा चला गों की तिर्फ़
गौं हमारा गौं नि छन गौं छन हमारा तीर्थ
तिबरी डडेली छजा देली , हथ जोड़ी आस माँ रांदी
ओबरू पांडू मोर सांगड़ गाणीयू की लगुली बटांद
माटां गारा का थुपडा नि छन, पितरों को पस्यो संदिष्ट
उर्खेला चौक का तीर उदास उदास च
न छण मणदी चूडी च न ब्यओनु आसपास च
बरसूँ बटे गंजेली की , छिव बत कानु न नि सुणई
छल छलंद पान्णी बोलद बोग्न्णु छो मी दिन रात
सेरा सटेडी प्याजे सगोड़ी ,बंजें गैनी बिना बात
आण वाली पीढ़ी पूछली कख छन, तुम्हरा भीत्र
शुक्रिया,
नीता कुकरेती
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