उत्तर दिशम च देश का तभि ता उत्तराखंड ।
बंणाद बंणाद ये थईं कतगौंन फ्वड़नी मुन्न्ड ॥
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कतगौंन फ्वड़नी मुन्न्ड राज्य त बंणि ही ग्याया ।
फरक द्यखीणू कुछ नी जन की तन च काया ॥
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ब्वल्द कृष्ण ममगाईं हूंन्दु क्वी इन्नू पुत्तर ।
कैकी काया पलट दींदु कुछ सुन्दर उत्तर ॥ {७}
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.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
गढ़वाली कुण्डलियाँ {गढ़वलिम}
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{On : डिलीट कैर कै बार}.
झूठ ब्वन्नु आसान का ये विज्ञानन यार ।
सफेद झूठ बोली की डिलीट कैर कै बार ॥
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डिलीट कैर कै बार सबूत कुछ भी नी रांदा ।
तकनीकी इन छन की सच भी झूठ दिखींदा ॥
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ब्वल्द कृष्ण ममगाईं अरे तू दाड़ि न कीट ।
करले मुन्ड कपाल झूठन सदनि रांण झूठ ॥ {११}
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.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
गढ़वाली कुण्डलियाँ {गढ़वलिम}
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{On : पाड़न कन्नि द्वी भौ }.
डांडा कांठा हमरा छन वादी छन कश्मीर ।
कुलैं कु लीसु हम खुणे ऊँ कू केसर खीर ॥
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ऊँ कू केसर खीर बिगाड़ी क्या जी हमना ।
वख ता सेब बदाम यख त दलम्या भी नीना ॥
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ब्वल्द कृष्ण ममगाईं लगनि ई कन्ना कांडा ।
पाड़न कन्नि द्वी भौ हम्म थैं पोड़ी डांड ॥ {१३}
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.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
.Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
गढ़वाली कुण्डलियाँ {गढ़वलिम}{On : भदैली गौ माता }.
गौ माता की सेवा त पुण्य कु काम च भाई ।
भदैला गौड़ौ फिर किलै त्यगदन हमरी माई ॥
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त्यगदन हमरी माई वे गौड़ौ चा क्या दोष ।
भदौम बियेकि चुचों वे फर क्यांकु रोष ॥
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ब्वल्द कृष्ण ममगाईं छोड़ा बेकारै बार्ता ।
अब न छ्वड्यां कब्बी कै भदैली गौ माता ॥ {*8*} .
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Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
गौ माता की सेवा त पुण्य कु काम च भाई ।
भदैला गौड़ौ फिर किलै त्यगदन हमरी माई ॥
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त्यगदन हमरी माई वे गौड़ौ चा क्या दोष ।
भदौम बियेकि चुचों वे फर क्यांकु रोष ॥
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ब्वल्द कृष्ण ममगाईं छोड़ा बेकारै बार्ता ।
अब न छ्वड्यां कब्बी कै भदैली गौ माता ॥ {*8*} .
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Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
बुजर्ग त सरप्लस
एक उ जमनु छौ
जब बड़ौं कि कदर
राय मशवरा का वास्ता
जरूरि समझे जांदि छै।
आज बड़ा बूढ़ौं कि कदर
कख रै गि ।
रांण भि कनम छै
गूगल जु ऐ गि ।
सब्बि धांणि वे मै पुछणैनी
बुजर्ग त सरप्लस ह्वे गेनी ।
Of and By : कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म] :: {जै भैरव नाथ जी की}
मेरो गांव मोल्ठि च
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म्यारा गौं कु नौ मोल्ठि च
तु अपड़ा गौं कु नौ जणिदि छै ।
नि जंणदी ।
जबाब मी पता च
तिन ब्वन कि
हमता यखि पैदा ह्वै छा ।
अरे चुचा करौं
कम से कम अपड़ा गौं कु
नौ, पट्टी अर जिला त याद राखा
परमानेन्ट होम टाउन च उ ।
बगत प्वण पर
डौमिसाइल सर्टिफिकेट कू कन भगदां ।
अर फिर देर सबेर
दाखिल खारिज भि त हूंदा ॥
Of and By कृष्ण कुमार ममगांई
ग्राम मोल्ठी, पट्टी पैडुल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल
[फिलहाल दिल्लि म]:: [जै भैरव नाथ जी की ]
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