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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, January 2, 2014

हमारा विधयाक खो गया है , पता बताने वाले को भारी इनाम मिलेगा

चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
 जगमोहन कंडारी एक इज्जतदार अर कर्मठ कार्यकर्ता च। जगमोहन कंडारी की बड़ी महत्वाकांक्षा नि छन तो ग्राम प्रधान पद से ही संतुष्ट रौंदन। घ्याळ दा तैं जिताणम जगमोहन कंडारी को बड़ो हाथ च। 
घ्याळ दा -हेलो ! जगमोहन  भाइ मि घ्याळु बुलणु छौं। 
जगमोहन - मेरी ब्वे अचकाल द्यो -दिवता खुज्याण सरल ह्वे गेन पण नेता खुज्याण कठण ह्वे गे। 
घ्याळ दा - नै भै जगमोहन !  इन बात नी  च 
जगमोहन -क्या बात करणु छे घ्याळ दा।  मीन कथगा फोन लगैन मीन पण त्यार  ऑफिस का लोग हर समय या तो बुल्दन बल मंत्री जी टूर पर छन या मीटिंग मा व्यस्त छन 
घ्याळ दा -अरे त म्यार मोबाइल पर ?
जगमोहन -मि द्वी दैं देहरादून बि औं
घ्याळ दा -त मील किलै नि छे ?
जगमोहन -द्वी दिन मीन त्यार इक लंच कार
घ्याळ दा -क्या पण कैन नि बताइ कि …… 
जगमोहन -बोडी बुलणि छे बल तू अब ड्यारम बि अदिखळ ,  अपछ्याणक , अणबच्यौ ह्वे गए बल   
घ्याळ दा -तुम लोगुन अर खासकर तीन मि कखि जोग नि राख। 
जगमोहन -ये क्या कार हमन ?
घ्याळ दा -मि टिकेट मिलणो बाद बि चुनाव नि लड़ण चाणु छौ।  तीन अर चार पांच लोगुन ब्वाल विधायक बणन मा क्या नुकसान च !
जगमोहन -हां तो हमर क्षेत्र कु ईमानदार अर विचारक मनिख छे तो ....
घ्याळ दा -अरे पर इख त मंत्री पद मील अर मि अपणो से ही दूर ह्वे ग्यों।  ड्यारम बीस दिन ह्वे गेन ब्वे से बात नि ह्वे सौक.  
जगमोहन -हाँ वो त शाका बोडि बुलणी बि छे बल जब क्वी मंत्री बणी जावो तो वो मनिख नि रै जांद वो पता नि कैक गुलाम ह्वे जांद धौं !
घ्याळ दा -अच्छा बोल जनता  क्या सुचणि  च ?
जगमोहन -क्यांक बारा मा ?
घ्याळ दा -म्यार बारा मा 
जगमोहन - भली छवि त अबि तलक खराब नि ह्वे पण कुछ दिनु बाद लोगुन त्वे तै  भूल जाण
घ्याळ दा -नै मि गिंदी म्याळा मा ब्वेक दगड़ जरुर गां ऑल। 
जगमोहन -चलो दिखला ! अर सूण ब्याळि , गां मा त्यार कै विरोधिन चार पांच पोस्टर लगैन 
घ्याळ दा -पोस्टर ?
जगमोहन -हाँ बड़ा बड़ा पोस्टर
घ्याळ दा - क्या च पोस्टरुं मा ?
जगमोहन -तेरी बड़ी फोटो च अर तौळ लिख्युं च हमारा विधायक देहरादून में खो गया है।  पता बताने वाले को भारी इनाम दिया जाएगा।
घ्याळ दा -कैन लगैन इन पोस्टर ?
जगमोहन -सुण विरोधी पार्टी क त यी काम नी ह्वे सकुद किलैकि 'विज्ञान पुरुष ' अबि  बि  हार  से बेहोश च
घ्याळ दा -तो मतबल यि हमर ही पार्टी का कै खुरापातीक काम च। 
जगमोहन -हां
घ्याळ दा -अच्छा सूण तू एक पोस्टर लेक भोळ देहरादून आ फिर इखि सोचे जाल कि क्या करण।  मि त्यार रौणो इंतजाम शिक्षा गेस्ट हाउस मा कौर लींद 
जगमोहन -ठीक च मि भोळ देहरादून पौंछदु . अब मि फोन कटदु। 
 घ्याळ -ठीक च। 
घ्याळ दा - जरा डिकोरम ऑफिसर बिचखोळा जी तैं भ्याजो जरा !
चपड़ासी - जी भिजद छौं
***भोळ पढ़ो -क्या जगमोहन कंडारी को एज्युकेशन गेस्ट हॉउस में जगह मिल पायेगी ? यदि नही तो क्यों नही ? 

Copyright@ Bhishma Kukreti  31/12/2013 



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