Forces influencing Development of Tourism Destination
(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--34)
किसी पर्यटक स्थल के विकास में निम्न शक्तियां निर्णायक होती हैं -
पर्यटन स्थल विकास में भौगोलिक शक्ति की भूमिका
पर्यटक स्थल विकास में भौगोलिक स्थिति कई तरह से प्रभावित करती है। भौगोलिक स्थिति पर्यटन विकास में सहायक भी हो सकती है और व्यवधान भी डाल सकती हैं। उत्तराखंड में भौगोलिक पर्यटन विकास व आपदाएं पर्यटन को प्दोनों और से रभावित करते रहती हैं. स्थानीय वस्तुओं की उपलब्धि भी भौगोलिक शक्ति का एक अंग है।
जलवायु परिवर्तन की पर्यटन विकास में भूमिका
जलवायु परिवर्तन से पर्यटन स्थल के विकास के जलवायु के लिए कई प्रकार के प्रोडक्ट सुनियोजित करने होते हैं।
पर्यावरण सुरक्षा दबाब
उत्तराखंड सरीखे प्रदेस के पर्यटन विकास में रक्षा दबाब हमेशा बना रहेगा। अत पर्यटन योजना में हमेशा ही पर्यावरण सुरक्षा को समुचित स्थान है। जैसे 2013 की आपदा से पता चला कि होटलों के निर्माण में भौगोलिक व पर्यावरण सुरक्षा की अनदेखी की गयी थी।
सामाजिक व सांस्कृतिक शक्तियों की भूमिका
बहुत बार स्थल की सांस्कृतिक स्थिति ऐसी होती है कि समाज पर्यटक स्थानीय समाज का दोहन करने लगते हैं। या अभिनव संस्कृति सुरक्षा के कारण पर्यटन विकास में कई रुकावटें भी आती हैं। बहुत सी जगह संस्कृति ही पर्यटन का केंद्र बिंदु होता है।
राजनैतिक शक्तियों की भूमिका
दसियों तरह की राजनैतिक शक्तिया पर्यटन विकास को करती रहती है जैसे -
केंद्रीय राजनैतिक शक्ति
राज्य स्तर की राजनैतिक शक्तिया जिनमे चुनाव के बाद बदलाव आता जाता रहता है।
स्थानीय राजनैतिक शक्तियां जैसे माओवादी संगठन
प्रशासकीय शक्तियां
स्थानीय जनसंख्या
स्थानीय जनसंख्या की दूरदर्शिता , शैक्षणिक क्षमता , आयु , आय , आदि सभी कारक पर्यटन विकास को प्रभावित करते हैं।
आर्थिक शक्तिया
केंद्र , राज्य व निवेशक स्थल के विकास में प्रभाव डालते रहते हैं।
तकनीक उपलब्धि व अनुपलब्धि
पर्यटन विकास में सैकड़ों तकनीक की परम आवश्यकता पड़ती है। तकनीक उपलब्धि व अनुपलब्धि पर्यटन विकास में प्रभाव डालने में सहायक होती हैं।
वैश्वीकरण का प्रभाव
वैश्वीकरण के कारण सब जगह कई तरह के बदलाव आ रहे हैं जो कि पर्यटन के तरीकों को रोज प्रभावित कर रहे हैं।
पर्यटन स्थल की योजना व कार्यवनित करने में शक्तियों का विश्लेषण व क्रियावनीतिकरण
उपरोक सभी तरह की शक्तियों का अध्ययन के बाद ही विकास योजना व कार्यवनित करने के कदम उठाये जाते हैं।
अधिकतर उपरोक्त शक्तियां समय बद्ध उद्येस्य प्राप्ति को प्रभावित करती हैं।
Copyright @ Bhishma Kukreti 8 /1/2014
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Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना ,शैलवाणी (150 अंकों में ) , कोटद्वार , गढ़वाल
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