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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, January 10, 2014

पर्यटन विकास नीति के मुख्य अंग

Areas Addressed by Tourism Policy
(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--35) 
                                          उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग35   
                                        लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )

किसी  भी पर्यटक स्थल विकास की औपचारिक नीतियों में निम्न मुख्य पक्षों  का ध्यान रखा  आवश्यक है।
१- पर्यटन उद्यम का  स्थानीय सामाजिक आर्थिक विकास में भूमिका 
२-पर्यटन का वह भाग  जो मुख्य रूप से स्थानीय सामाजिक -आर्थिक विकास के लिए सम्बल का कार्य करेगा 
३- पर्यटक स्थल में विभिन्न करों का प्रावाधान 
४-पर्यटक स्थल के विकास में निवेश सुविधाएं व  स्रोत्र 
५-पर्यटक स्थल के लिए कौन कौन से प्रोडक्ट सुनियोजिय किये जायं व  स्रोत्र  क्या हो 
६-यातायात सुविधाएं व संचार सुविधाएं 
७- मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर 
 ८-ट्रैवेल ऐजेंसियों  जैसे कुमाऊं विकास मंडल या गढ़वाल मोटर यूनियन की भूमिकाएं 
९-पर्यावरण संरक्षण नीतियां 
१०-  आचार संहिता के नियमा
११-उद्यम की छवि व विश्वास वर्धन 
१२-स्थानीय समाज का उदयम के साथ संबंध नीतियां 
१३-मानव कार्मिक स्रोत्र , मानव संसाधन सुविधाएं व प्रशिक्षण सुविधाएं 
१४- केंद्र , राज्य , स्थानीय स्वायत शासन के नियम 
१५- विदेस व प्रावजन नीति एवं विदेसी निवेश नीति 
१६-निवेश धन प्राप्ति के लिए व्याज दर  नीति 
१७-श्रमिकों के लिए न्यूनतम दैनिक आय के नियम 
 १८-संचार, सूचना, प्रसार , प्रचार नीतियां व  किन वस्तुओं के  विज्ञापन  पर रोक होगी 
१९- शिक्षा नीति 
२०- सांस्कृतिक -धार्मिक नीति 
२१- न्यायिक प्रक्रिया व संवैधानिक नियम 
२२- विनियम सुविधाएं 
२३- वन संरक्षण नियम 
२४- विशेष  वनस्पति संरक्षण नीतियां व नियम 
 २५-विशेष  पशु पक्षी संरक्षण नियम 
२६-मनोरंजन साधन के नियम 
२७-व्यापार व  खरीदी के कोई विशेष नियम 


Copyright @ Bhishma Kukreti 10 /1/2014

Contact ID bckukreti@gmail.com

Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी 

                                   
 References

1 -
भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना ,शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल 

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