चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(ब्याळि आपन पौढ़ कि जगमोहन कंडारीन शिक्षा मंत्री घ्याळ दा तैं सूचना दे कि गां मा द्वी चार पोस्टर लग्यां छन जखमा लिख्युं छौ हमारा विधायक देहरादून में खो गया है। पता बताने वाले को भारी इनाम दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रीन जगमोहन तै देहरादून बुलाइ )
घ्याळ दा - ए भै जरा डिकोरसन सेक्रेटरी तैं भेजो।
चपड़ासी - भिजुद छौं
माणावाल -एनीथिंग स्पेसिफिक सर !
घ्याळ दा -हां वु म्यार क्षेत्र से म्यार दगड्या अर पार्टी कार्यकर्ता भोळ इख आणु च।
माणावाल - तो ? डिकोरेसन सेक्रेटरी !
घ्याळ दा - वु जरा जगमोहन कु शिक्षा विभागौ गेस्ट हॉउस मा रौणो इंतजाम करण छौ।
माणावाल (चपड़ासी से ) - भै सूणो डिकोरेसन सचिव तै अबि नि बुलावो।
घ्याळ दा - तो आप ही जगमोहनौ रौणो इंतजाम शिक्षा विभाग गेस्ट हॉउस मा करि देल्या ?
माणावाल -येस सर ! नो सर !
घ्याळ दा -क्या ? हाँ बि अर ना बि ?
माणावाल -सर ! येस सर त सम्बोधन च अर नो सर माने जगमोहन जीक रौणो इंतजाम शिक्षा विभागौ गेस्ट हाउस मा नि ह्वे सकद ?
घ्याळ दा -किलै ? अबि त क्वी बड़ी मीटिंग बि नी च तो ?
माणावाल -सर गेस्ट हॉउस फुल्ल च।
घ्याळ दा -माणावाल जी ! मान ग्यों आप हरेक चीज को एडमिनिस्ट्रेसन बड़ा बारीकी से करदां भै कि आप तैं गेस्ट हाउस की अक्युपेंसी का बारा मा बि पूरी मालुमात च।
माणावाल -एस सर ! नो सर !
घ्याळ दा -मतबल ?
माणावाल -जी ! मि तैं पता च कि अगला दस सालुं मा बि शिक्षा विभागौ गेस्ट हाउस खाली नि ह्वे सकुद।
घ्याळ दा -क्या मतलब ? तो जगमोहन गेस्ट हॉउस मा नि रै सकुद ?
माणावाल -ना ! अगला दस साल तलक त चांस नी च।
घ्याळ दा -किलै ?
माणावाल -जी गढ़वाल कमिश्नरी का क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक कु प्रमोसन अगला दस साल तक त ह्वे नि सकद तो ....
घ्याळ दा -क्या ?
माणावाल -इनी कुमाऊं मंडलीय शिक्सा निदेशक को प्रमोसन अगला तेरा साल तलक ह्वे नि सकुद। तो गेस्ट हाउस का तिसर मंजिल खाली नि ह्वे सकद।
घ्याळ दा -माणावाल जी कुमाऊं या गढ़वाल मंडलीय शिक्षा निदेशकों प्रमोसन से गेस्ट हॉउस कु क्या तालुकात ?
माणावाल - जी इन च कि यी द्वी मंडलीय शिक्षा निदेशक परमानेंटली गेस्ट हॉउस मा रौंदन
घ्याळ दा -पण मंडलीय निदेशक याने रीजनल एज्युकेशन डाइरेक्टर्स तो पौड़ी अर अल्मोड़ा मा राला कि ना ?
माणावाल -ऑफिसियली येस ! बट इन रियल सेन्स दे रिसाइड परमानेंटली इन देहरादून
घ्याळ दा - क्या मतलब भै कि गढ़वाल क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक ऑफिसियली पौड़ी मा रौंद पण वास्तव मा वो देशरादून मा ही रौंद ?
माणावाल -जी ऑफिसियली कुमाऊं मंडल शिक्षा निदेशक अल्मोड़ा मा रौंद पण वास्तव मा वो हमेशा देहरादून मा ही निवास करदन।
घ्याळ दा - माणावाल जी यी चकरघिनी ब्यूरेक्रेटिक भाषा मा नि ब्वालो सीधा ब्वालो कि असलियत क्या च ?
माणावाल -जी इन च यद्यपि गढ़वाल मडल शिक्षा निदेशक कु कार्यालय पौड़ी मा च पण निदेशक साब मगलवार से शुक्रवार तक देहरादून मा ही रौंदन। इनी कुमाऊं का हाल छन
घ्याळ दा -फिर शनिवार से रविवार तक कख रौंदन
माणावाल -जी हरेक मडंलीय निदेशक शनिवारौ -रविवारौ कुण पौड़ी या अल्मोड़ा मा रौंदन।
घ्याळ दा -अर सोमवारौ कुण ?
माणावाल -सोमवार ट्रांजिट डे।
घ्याळ दा -तो समझ ग्यों। याने द्वी मंडलीय शिक्षा निदेशक वीकेंड पिकनिक मनाणो पहाड़ जांदन
माणावाल -एस सर ! नो सर !
घ्याळ दा -मतबल ?
माणावाल -मी ऑफिसियली इन नि बोल सकुद कि द्वी मंडलीय शिक्षा निदेशक वीकेंड पिकनिक मनाणो पहाड़ जांदन।
घ्याळ दा -कब बिटेन चलणु च यु गोरखधंधा ?
माणावाल -जी लखनऊ से ही। जब उत्तरप्रदेश राज्य छौ।
घ्याळ दा -तो जब यूं क्षेत्रीय निदेशकुन देहरादून ही रौण तो फिर यूँकुण इखि स्थायी निवासौ इंतजाम किलै नि करे गे भै ?
माणावाल -सर ऑफिसियली क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक देहरादून मा स्थायी तौर से निवास नि करि सकदन। मंडलीय शिक्षा निदेशकों मुख्य कर्तव्य च कि क्षेत्रीय शिक्षा स्टैंडर्ड मा बढ़ोतरी हो।
घ्याळ दा -पण अनऑफिसियली तो द्वी इखि देहरादून ही रौंदन।
माणावाल -एस ऐंड नो। .
घ्याळ दा -क्या ?
माणावाल -द्वी क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक देहरादून ऑफिसियल विजिट पर आंदन।
घ्याळ दा -हफ्ता मा छै दिन काम हूंद अर यी रीजनल डाइरेक्टर चार दिन देहरादून विजिट पर आंदन या रौंदन अर एक दिन ट्रांजिट मा ?
माणावाल -जी !
घ्याळ दा -माणावाल जी ! क्या इन व्यवस्था शिक्षा विभाग का वास्ता ठीक च ?
माणावाल -जी ऑफिसियली मि क्वी टिप्प्णी नि कौर सकुद।
घ्याळ दा -चलो अनऑफिसियली अपण विचार बतावो।
माणावाल -सर प्रावेट सक्रेटरी शिक्षा मंत्री समिण अनऑफिसियली विचार नि रख सकुद।
घ्याळ दा -अच्छा चलो यदि रिटायरमेंट का बाद आप आत्मकथा लिखिल्या तो इन प्रशासन का बारा मा क्या लिखिल्या
माणावाल -तो मी लिखुल कि शिक्षा का दगड़ ये से बड़ो भयंकर मजाक ह्वैइ नि सकुद कि क्षेत्रीय निदेशक देहरादून मा रौंदन अर छुट्टी मनाण जन पौड़ी या अल्मोड़ा अपण दफतर जांदन।
घ्याळ दा -एक बात त बथावदी कि गढ़वाल रीजनल डायरक्टर की फेमिली कख रौंदि ?
माणावाल -जी दिल्ली।
घ्याळ दा -किलै ?
माणावाल - गढ़वाल मंडलीय शिक्षा निदेशक कु मानण च कि उत्तराखंड मा एज्युकेशन स्टैण्डर्ड थर्ड क्लास च, रद्दी च,बोगस च, त बच्चों शिक्षा बान ऊंक फेमिली दिल्ली ही रौंद। उख रिहायसी इलाका मा ऊंक बड़ो बंगलो च।घ्याळ दा -अर कुमाऊं मंडलीय शिक्षा निदेशक की फेमिली कख रौंदि ?
माणावाल -जी लंदन मा। . कुमाऊं मंडलीय शिक्षा निदेशक कु नजरिया च कि इंडिया मा एज्युकेशन स्टैंडर्ड कबि बि नि सुधर सकुद तो ऊंक फेमिली बच्चों शिक्षा बान लंदन मा रौंदि।
घ्याळ दा - माणावाल जी ! इन नि लगुद कि हर शाख पर उल्लू बैठा है इस गुलिस्तां का क्या होगा ?
माणावाल - येस सर ! नो सर !
** कल पढ़ें शिक्षा गेस्ट हॉउस में और कौन कौन लोग रहते हैं ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 1/1/2014
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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