चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
Copyright@ Bhishma Kukreti 10 /1/2014
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
कार्यालय का खर्चा पर दौरा करण तो टीए -डीए बिल बणाण ही पोड़ल अर टीए -डीए बिल बौणल तो ऊच -नीच ह्वैइ जांद अर इनमा आंतरिक चुटकला जोक्स बणी जांदन।
जन कि सेल्स लाइन मा टीए -डीए पर यु जोक्स बड़ो प्रसिद्ध च।
एक देस कु राजा मोरी गे। वै देसाक रिवाज छौ कि जु बि दुसर दिन सबसे पैल देस मा प्रवेश कारो वै तैं राजा बणै दींदा छा।
दुसर दिन सबसे पैल एक सेलसमैनन देस मा प्रवेश कार तो वै तैं राजा घोषित करि दे।
सेलसमैनक राजतिलक का बाद राजा की शोभा यात्रा निकळण वाळ छे अर शोभा यात्रा का वास्ता राजाक बान हाथी सज्यूं छौ।
हाथी देखिक सेलसमैनन प्रधान मंत्री कुण ब्वाल ," सुणो मी शोभा यात्रामा पैदल ही चल ल्यूल अर हाथीक बिल राजकोष मा दे द्योला। कुछ तुम खावो , कुछ मि खै ल्योल। "
खैर यु त जोक्स च पण अमूनन कम्पन्युं का सेलसमैन सेकंड क्लास से जांदन अर बिल फर्स्ट क्लास का लगांदन। सेल्स लाइन मा या एक संस्कृति च।
ब्याळि शिक्षा मंत्री घ्याळ दान उत्तर प्रदेस की सड्याण उत्तराखंड मा द्याख अर आज त आज घ्याळ दाकी एक हैंक उत्तर प्रदेस से आयतित चिराण से मुखाभेंट (आमाना -सामना ) ह्वे।
विभाग का चपड़ासी किंक्वळ जी कुछ फ़ाइल अध्ययन का वास्ता घ्याळ दाक समिण धौरिक चलि गे। माणावाल जी अर मिसेज मुर्खलवाल जी कैं समस्या समाधान मा व्यस्त छा।
घ्याळ दान एक फाइल द्याख अर दुसर फाइल दिखण बिसे गेन। असल मा चपड़ासी जी वीं फाइल तैं गल्ती से लै गे छौ।
घ्याळ दा तैं पता चली गे कि या फाइल कर्मचार्युं टीए -डीए की फ़ाइल च।
सबसे मथिन मिस्टर चम्बावाळ जीका टीए -डीए बिल छा जु स्वीकृत ह्वे गे छा अर मिस्टर चंबावाळ जीन पैसा बि ले आलिन छा ।
बिल देखिक घ्याळ दान माणावाल जी अर मिसेज मुर्खलवाल जी बुलैन ।
माणावाल - एस सर ?
घ्याळ दा - माणावाल जी मि एक टीए -डीए बिल दिखणु छौ।
मिसेज मुर्खलवाल - ए मेरि ब्वै ! बुड्या किंक्वळन गलत फ़ाइल मंत्री जी तैं दे दे।
घ्याळ दा - ह्यां पण इन बतावदी कि देहरादून से नरेंद्र नगर जाण मा कथगा समय लगद ?
मिसेज मुर्खलवाल - जी नरेंद्र नगर देहरादून बिटेन इकसठ किलोमीटर च।
घ्याळ दा - याने तीन घंटा से जादा समय नि लगण चयेंद कि ना ?
मिसेज मुर्खलवाल - सर यु निर्भर करद कि च कि काम निजी च या सरकारी काम च ।
घ्याळ दा - ह्यां पण सरकारी काम बि ह्वावो अर आदिम पैदल बि आवो तो देहरादून से नरेंद्र नगर चौबीस घंटा मा पौंछि जाल कि ना ?
मिसेज मुर्खलवाल - सर …।
घ्याळ दा - मिस्टर चम्बावाल जी एख बिटेन अड़तालीस घंटा मा नरेंद्र नगर गेन अर उख ऊंन एक दिन काम कार अर फिर चम्बावाल जीन नरेंद्र नगर से देहरादून आण मा अड़तालीस घंटा लगैन।
मिसेज मुर्खलवाल - सर सन 1889 का यूनाइटेड प्रोविंसियल रूल संख्या 420 उपखंड B . A. I. L. G . A . D . I , सन 1953 कु अमेंडमेंट अंडर उत्तर प्रदेस रुल नंबर 840 उपखंड G. H. A. P. L. A का हिसाब से मिस्टर चम्बावाल कु टीए-डीए बिल सही च।
घ्याळ दा -क्या च वै रूल मा ?
मिसेज मुर्खलवाल - सर सन 1889 का रूल का हिसाब से प्रोविंसियल हेड क्वार्टर से टिहरी रियासत अथवा ब्रिटिश कुमाऊं -गढ़वाल जु बाद मा अमेंड करिक टिहरी जिला , कुमाऊं कमिशनरी व्हेन, याने कि कर्मचारी द्वारा प्रोविंसियल हेड क्वार्टर से टिहरी , ओल्ड पौड़ी गढ़वाल अर कुमाऊं क्षेत्र तक पंहुचने में अधितम समय अड़तालीस घंटा लगना चाहिए और इसके लिए सरकार कर्मचारी को यात्रा माध्यम व्यय व ठहरने के लिए यात्रा भत्ता देगी।
घ्याळ दा - क्या ?
मिसेज मुर्खलवाल -जी प्रोविंसियल हेड क्वार्टर से उत्तराखंड का कै बि हिस्सा तलक पौंछण मा अधिकतम समय सीमा अड़तालीस घंटा छन।
घ्याळ दा - वो तबि चम्बावाल जीन देहरादून से डोईवाला का बस टिकेट लगाइन फिर उख वू होटलम ठहरिन फिर ऊन डोईवाला से यात्रा शुरू कार अर दूसर दिन मुकाम ऋषिकेश अर फिर तीसर दिन नरेंद्र नगर।
मिसेज मुर्खलवाल - सर टोटल ऑवर्स स्पेंट इन ट्रैवेलिंग आर नौट मोर दैन फोर्टी एट ऑवर्स।
घ्याळ - ह्यां पण यि बाबा आदम जमाना का नियम बदल्याणा किलै नि छ्न ?
माणावाल - सर ! बैलगाड़ी युग का नियमों तैं बदलणो बान हरेक मुख्यमंत्री जीन अपण टैम पर कमिसन बैठै। पर चूँकि मुख्यमंत्री बदल जांदन तो नया मुख्यमंत्री पुराणा कमिसन तै निरस्तर कौरि दीन्दन , नै कमिसन बैठै दीन्दन अर हम लोग स्पेस युग मा बि बैलगाड़ी युग का नियमों से चलणा छंवां।
घ्याळ दा - हां तबि त उत्तर प्रदेस की चिराण उत्तराखंड मा सबि जगा बदबू फैलाणी च ! नि बोल जाण ?
माणावाल - येस सर ! नो सर !
Copyright@ Bhishma Kukreti 10 /1/2014
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments