कवि : विजय गौड़
त देखा कनू घपरोल मच्युं सरया दुन्या मा,बुना क्या छन कि, बल हमरु मन्नू दादा, देस कु प्रधानमंत्री "अंडर अचीवर" ह्वै ग्ये.
यु 'टाइम मैगज़ीन' वला भी सच मा लाटा हि छन,
अरे लोलाओ तुमुन कब समझण कि,
'अचीव' कन्न का वास्ता वेथैं प्रधानमंत्री कख बणे ग्ये.
यु हिन्दुस्तान च मेरा विदेसी लिख्वारो, समीक्षकों,
और तुम मा बस एक अदद हिन्दुस्तानी दिमाग कि कमी व्है ग्ये.
व्हैला तुम अकलबर अपणा देस मा मिथें पूरू विस्वास च,
पर ये मैना तुमुन सच मा अपणु मैगज़ीन कु मुखपृष्ठ बर्बाद कै द्ये.
अरे दगिद्यो अगर लिखणा कि यनि आतुरी आयीं छै,
त 'माँ सोनिया' का बारा मा किलै नि लिख्ये ग्ये,
जौंका अखंड परताप से एक "वर्डक्लास इकोनोमिस्ट",
'अचीव' कन्न का वास्ता गिरज्वोड़ा लगान्दु रै ग्ये.
दिदाओ! अब मी आप लोगु थैं अपणा परदेस मा आमंत्रित कनू छौं,
जख ये साल यी नयी भारतमाता ना अपणु आशीर्वाद बरसै द्ये,
और उत्तराखंड कि लाटी जनता का मथी भी,
देस कि जन्न, नक्क एक अपणु 'धिन्ग्वा' बैठे द्ये!
खबरदार! भोल कखि तुम उत्तराखंड का विश्लेषण पर एक द्वी पन्ना बर्बाद कल्या,
त मिन पैली तुमरू ध्यान यी तरफ लै द्ये,
हिन्दुस्तान मा मंत्री, प्रधानमंत्री कु आधार तुमरा देस जनु नि होंद दिदा,
तभि त तुम चट्ट 'डेवलप कंट्री' कि सूची मा ऐ ग्यो,
और मी और म्येरू हिन्दुस्तान सदानि 'डेवलपिंग' रै ग्ये....
सदानि डेवलपिंग हि रै ग्ये....
विजय गौड़ १०/०७/२०१२
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