कथा - पूरण पंत पथिक
[आधुनिक गढवाली कहानियों का के सौ साल की यात्रा, गढवाली कथाएँ, गढ़वाली कहानियाँ , गढवाली कथाओं के सौ साल लेखमाला]
-- डागटर साब नमस्कार
-- नमस्ते
-कनै बटि सिद्धांत ?
- यूनिवर्सिटी बटि
--आपन त गढवळि भाषा पर डागटरी करी छै
- हाँ
--अच्गाल क्या कन्ना छन आप?
-पढ़ाणु छौं
--क्या गढवळि ?
-- न न जि ना
--किलै ?
-- गढवळि बि क्वी पढाणै चीज च
--पण आपन त गढवळि भाषा पर डागटरी ...
-- वो s s हो s s . वो बात त अलग च
सर्वाधिकार - पूरण पंत पथिक
साभार- चिट्ठी --अंक तीन १९८९
आधुनिक गढवाली कहानियों की सौ साल की यात्रा , गढवाली कथाएँ, गढ़वाली कहानियाँ , गढवाली कथाओं के सौ साल लेखमाला जारी ...
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