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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, July 29, 2012

स्पैमई.मेल क तड़क्वणि( झड़ी )-गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य


चबोड्या - भीष्म कुकरेती
               परसि मीम क्वि ई. मेल नि आई त मी बगैर पाणि माछ जन टापि टापि करण मिसे ग्यों. अरे ये जमानो मा चौबीस घंटा मा एक बि ई.मेल नि आवो त समजी ल्याओ तुमारि औकात इ ना तुम मनिख इ नि छंवां. जैको ई..मेल नि आवो स्यू मनिखौ गणत मा नि रावो. मीन अपण नौनु तै पूछ बल क्या ह्व़े ग्याई त वैन बताई बल द्वी चार दिन बिटेन आपन साफ सफै , झाड़ण पोछण नि कौर होलू त तुमर मेल-संदकुडि भरे गे होली. उन त मी डिलिट को वैक्यूम क्लीनर से घड़ी घड़ी सफाई करणो रौंद पण डिलिट ब्वानोक/झाड़ू क सामर्थ्य कि हद होंद कि ना ?
                   जैदिन बिटेन मीन ई.मेल क्या गड़ी बस तै दिन बिटेन सरा दुन्या का लोग म्यार प्रेमी /यार /दगड्या बणणो आतुर्दी छन अर मेरी मदद करणो तैयार छन. मी ऊं तै नि जाणदो पण ओ सैत च मि तै पछ्याणदा छन.
एक दिन मा सैकड़ो मेलर मै तै कै ट्रस्ट या कै बड़ो अदिमौ जायजाद दीणो मिन्नत करणा रौंदन. मि तै समज मा नि आन्दु मीमा क्या च जु यि मेलर मि तै करोडपति बणाण मा आतुर्दी छन. अर इन जायजाद मिलण सरल बि च बस रजिस्ट्रेसन का पांच हजार रूप्या यूँका बैंक मा जमा करण पोडद . यि लिखदन बल बस पांच हजार रूप्या जमा करो अर कैकी बि औतळि खै ल्याओ. इन्टरनेट से इ पता चौल कि ईं दुनिया हजारो लोग रोज आउट मरदन अर यूँका दुरो वारिश या मैनेजर सरा जायजाद मै सरीखा मनिख तै दीण चंदन .
                       इनी रोज सैकड़ो मेलर मि तै उधार दीणो धार मा खड़ा हुंयाँ रौंदन. बस यूंकि एकी शर्त होंदी आप अपण बैंक अकौंट नम्बर यूँ तै द्याओ फिर यि लोग बगैर गैरेंटरो करोड़ो मिलियन लोन दे द्याला. मै लगद यों मा योजना योग कु अध्यक्ष मोंटेक सिंग क मेल एड्रेस नी च निथर भारत तै वर्ल्ड बैंक मा जाणै जरूरत इ नी छे.
              फिर पचास से जादा कम्पनी मी तै ताकतवर मर्द बणाणो बान एक गोळी लीणो बान रोज चिट्ठी भिजदन. अब मी यूँ तै क्या बतौं कि मी तै तागत वर मर्द इ जी बणण हूंद त  विदेशी गोळी या सलाहकारों क्या जरुरत ! अपण नारायण बाडा कम च ?
सैकड़ो मेल से पता चलद कि दुन्या मा रिसेसन भौत इ ह्व़े ग्याई तबी त इथगा मेल सौ टक्का डिस्काऊन्ट मा माल बिचणो रौंदन. अर डिस्काऊन्ट मेलरूं तादात से त इन लगद कि सौ साल तलक दुन्या मा रिसेसन न अड्डा जमै क रौण .
यूँ मेलुं तै सुरद सुरद मेरा ख़ास ख़ास मेल बि डिलीट का चपेट मा ऐ जान्दन.
                      असला मा सरा मैना मा द्वी पाठ्कुं मेल हून्दन . यी बि म्येकुण इ ना हरेक लिख्वारो खुण मेल भिजदन बल ' भौत बढिया लिख्युं च '. जब मीन अपण दगड्या पाराशर गौड़ अर धनेश कुठारी कुण कैड़ा शब्दों मा लाब काब बख तबि बि यूँ द्वी पाठ्कुं उत्तर ऐ छौ. एकाक जबाब छौ , " आपक यू लेख उत्तराखंड विकास का बान महत्वपूर्ण च.". हैंक पाठकौ जबाब छौ,' आपन ये लेख मा नेताओं की बढिया ढंग से भद्द पीट अर जु एक सच च". चूंकि हम गढवळी लिख्वारो तै बंचनेरूं चिट्ठी आँदी इ नी च त मेखुण यि पाठक इनी छन जन नि-ममा से काणु ममा भलो .हम गढवळि लिखवारूं खुणि इथगा इ काफी च कि कैन हमर गढवळि हेडिंग त बांच च , पौढ़ च
एक या द्वी इन लोग हुंदन जु लिखदन बल भीष्म जी ! मीन तुमारो गढवळि साहित्यौ बाड़ी- फाणु भौत खै याल अर यांसे मि तैं कचै ह्व़े ग्याई . जरा म्यार नाम अपण मेलिंग लिस्ट से काटि द्याओ.
मैना द्वी मैना मा कुछ द्वी चार मेल इन हुन्दन गाँ मा जोंकी प्रेमिका फेस बुक को प्रभाव से भाजी जान्दन वो में खुण लिखदन कि क्वी मंत्र बथाओ बल जांक प्रभाव से जैन मेरी प्रेमिका भगाई मीतै वैकी पुराणि प्रेमिका नसीब ह्व़े जावो.
मैना मा द्वी चार मेल मीमन अपण गाँ , अपण कुल देवी या कुल दिवता अर अपण जातिक इतिहास पुछणो बारा मा हून्दन.
अब जब मी 'डिलीट आल' को जोळ लगान्दु त सि कुछ ख़ास अर अति महत्वपूर्ण मेल बि ट्रैश कि ठुपरी मा चलि जान्दन. अर याँ से भौत सा पाठक, अपण जातिक इतिहास खुजनेर में से नाराज ह्व़े जान्दन अर फिर फेस बुक मा लिखदन कि मै सरीखा लिख्वार धोका बाज हून्दन.
                    समज मा नि आंदो डिलीट आल को जोळ नि लगान्दो अर एकैक मेल तै डिलीट करदो त मै तै सौब मेलुं तै डिलीट करण मा एक ना सात जनम लगी जाला.
मीन इन बेकारक स्पैम मेल बन्द करणो बान जी-मेल मा सिकैत कार त ऊंन म्यार मोबाइल नम्बर मांग. मीन बि इमानदार भारतीय ह्वेक अपण मोबाइल नम्बर दे द्याई अर अब वै मोबाइल मा हर घड़ी दुन्या भर से , हरेक देस से भौं भां चीजुं पर डिस्काउंट का एस.एम्.एस. (SMS ) अर फोन आन्दन. मोबाइल कम्पनी मा सिकैत कार त वो अब रोज एक सेल्समन मीम भिजदन कि मी तै अपण स्कीम अपग्रेड करण चएंद.
                                            जु आपम स्पैम मेलु विरुद्ध क्वी दवा ह्वाओ त मी तै फोन पर बथै दियां .
Copyright@ Bhishma Kukreti , 30/7/2012
गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य जारी ....

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