कवि-डॉ नरेन्द्र गौनियाल
मि सदनि दगड़ मा,जब तू याद करणी रैलि.
तेरि याद का सहारा,इनि कटि जाला यु दिन,
मन की पीड़ मन मा,जिंदगी ख़ुशी से कटेली.
सुख कि जूनी इनि चमकणी रैलि,
दुःख कि बदळी इनि हटणी रैलि.
जिंदगी कु बाग़ इनि महकणू रालो,
प्रेम कि खुशबू इनि आणी रैलि.
मन का फूल इनि खिलणा राला,
धीत कि प्वतळी इनि उड़णी रैलि.
दुःख का दिन मि इनि बिसरि जौंलु.
याद जब तू इनि करणी रैलि.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल..सर्वाधिकार सुरक्षित
कविताएँ व गीत, गढ़वाली कविताएँ व गीत; उत्तराखंडी कविताएँ व गीत; मध्य हिमालयी कविताएँ व गीत; हिमालयी कविताएँ व गीत; उत्तर भारतीय कविताएँ व गीत; भारतीय कविताएँ व गीत; दक्षिण एशियाई कविताएँ व गीत; एशियाई कविताएँ व गीत लेखमाला जारी ...
[कविताएँ व गीत, गढ़वाली
कविताएँ व गीत; उत्तराखंडी कविताएँ व गीत; मध्य हिमालयी कविताएँ व गीत;
हिमालयी कविताएँ व गीत; उत्तर भारतीय कविताएँ व गीत; भारतीय कविताएँ व
गीत; दक्षिण एशियाई कविताएँ व गीत; एशियाई कविताएँ व गीत लेखमाला ]
जिकुड़ी य धक-धक, धड़कणी रैलि,
तेरो नौं य जब तक,इनि लीणी रैलि.
त्वे बिसरणु च अब, भौत मुश्किल,
जिंदगी य बस इनि,कटिणी रैलि.
उनु त कतगे होला,फिरबी तू होलि यखुली,जिकुड़ी य धक-धक, धड़कणी रैलि,
तेरो नौं य जब तक,इनि लीणी रैलि.
त्वे बिसरणु च अब, भौत मुश्किल,
जिंदगी य बस इनि,कटिणी रैलि.
मि सदनि दगड़ मा,जब तू याद करणी रैलि.
तेरि याद का सहारा,इनि कटि जाला यु दिन,
मन की पीड़ मन मा,जिंदगी ख़ुशी से कटेली.
सुख कि जूनी इनि चमकणी रैलि,
दुःख कि बदळी इनि हटणी रैलि.
जिंदगी कु बाग़ इनि महकणू रालो,
प्रेम कि खुशबू इनि आणी रैलि.
मन का फूल इनि खिलणा राला,
धीत कि प्वतळी इनि उड़णी रैलि.
दुःख का दिन मि इनि बिसरि जौंलु.
याद जब तू इनि करणी रैलि.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल..सर्वाधिकार सुरक्षित
कविताएँ व गीत, गढ़वाली कविताएँ व गीत; उत्तराखंडी कविताएँ व गीत; मध्य हिमालयी कविताएँ व गीत; हिमालयी कविताएँ व गीत; उत्तर भारतीय कविताएँ व गीत; भारतीय कविताएँ व गीत; दक्षिण एशियाई कविताएँ व गीत; एशियाई कविताएँ व गीत लेखमाला जारी ...
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments