चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बौण त गेन पण घ्याळ दाक समज मा अबि तलक नि आयि कि मंत्री करदा क्या छन। अर राजनीतिज्ञ मंत्री बंणनो राजनीति मा किलै आंद ?
घ्याळ दा तैं तरतीब से काम करण इ कठण हुयुं च।
सबसे बड़ी समस्या च हफ्ता या दस दिन मा दिल्ली भागण। यद्यपि घ्याळ दान बि मंत्री पद कु सुपिन नि देख छौ जन राखी बिरलान कबि नि सोची छौ कि वा इथगा कम उमर मा दिल्ली परदेश की मंत्री बौणलि। पैल पैल उंन मंत्री पद तैं महत्व नि दे किन्तु अब ऊं तैं मंत्री पद से प्रेम , लगाव हूण बिसे गे। अर अब वु नि चांदन कि वु मंत्री पदहीन रावन। अब घ्याळ दा तैं हर समय डौर लगणि रौंद कि मंत्री पद नि छिन जावो। अर उत्तराखंड मा मंत्री बण्युं रौण तो दिल्ली मा सत्ता का गलियारों मा कै ना कै तैं सलाम ठोकणो आण ही पोड़द।
फिर इथगा काम च कि घ्याळ दा की समज मा ही नि आंद कि कब यु काम पूरो ह्वाल।
रोज दैनंदिनी भरीं रौंद अर रोज एक चौथाइ बि काम पूर नि हूंद।
रोज चार जगा भाषण ह्वेइ जांदन। एक भाषण तयार करण मा अंडर सेक्रेटरी या अपर डिवीजन कलर्क तै तीन चार घंटा त लगदी होला , फिर सुधार कारो अर तब जैक भाषण दीण लैक हूंद। कबि कबि त इन हूंद कि सुबेर रुड़की महाविद्यालय मा मांश अर अंडा भक्षण कु महत्व पर घ्याळ दा एक घंटा भाषण द्यावों त द्वी घंटा बाद शिवानंद आश्रम मा शिवानन्द जयंती की मीटिंग मा मांश व अंडा विक्री बंद करणै सरकारी नीति का बारा मा बतांदन।
रोज फाइलुँ चट्टा लगणु च पर घ्याळ दामा टैम इ नी च कि फाइलुं निपटारा सुव्यवस्थित , सुचारु रूप से ह्वे साको। कति फ़ाइल त इन छन जु बणी जांदन पण मंत्री दस्तखत का वास्ता इनी तरसणा रौंदन जन मध्यकाल मा नबाब लोग कैं कज्याण से ब्यौ त कर लींद छा पण फिर कबि बि जिंदगी भर बेगम साहिबा तैं नबाब साहेब की सूरत दिखणो मौक़ा हि नि मिल्दो छौ। बेगम साहिबा सुचदि छे कि यां से बढ़िया तो वा ऊं मजदूरों मासे कै एक मजदूर को दगड़ ही भागि जांदी जो वीं तैं डोलि मा उठैक बजार घुमांदन। इनी फ़ाइल बि सुचदि होलि कि हम खाली ही ठीक छा । अम्बानी ग्रुप कम्पनी का मैनेजिंग डाइरेक्टर क्या इन कौर सकद कि वैक ऑफिसम हजारों फ़ाइल सालों तक अनिर्णीत रावन ? पर घ्याळ दा बि क्या कारु बिचारु शिक्षा मंत्रालय छोड़िक कैबिनेट मीटिंग , कैबिनेट सब कमीटी की दसियों मीटिंग, पार्टी मुतालिक कथगा ही कमेटी मीटिंग मा जाण ही ना कुछ जगा तो अपण भागीदारी बि निभाण पोड़द।
विधान सभा चलणि ह्वावो तो मुसीबत। इना ऑफिस मा एक फ़ाइल उठाओ ना कि घंटी बज जांद कि वोटिंग का वास्ता विधान सभा भितर आवो कि कखि सरकार नि गिर जावो। कबि सरकार गिरणो डौर नि बि ह्वावो तो विरोधी पार्टी कु घ्याळ -हल्ला तैं निरस्तर करणो बान घ्याळ लगाणो विधान सभा अटकण पोड़द। कबि सूण च कि रिक भगाणो बान तुम घ्याळ लगावो अर तुमर घ्याळ का जबाब मा रिक ही घ्याळ लगाण बिसे जावो। जी हां विधान सभा मा विरोधी पार्टी कु घ्याळ कम करणो बान सरकारी दल बि घ्याळ लगांद। कबि विरोधी पार्टी गम्भीर प्रश्न (बकौल सरकारी दल राजनीती से प्रेरित ) विधान सभा मा उठावो अर सरकारी दल नि चाँद कि विषय पर प्रश्न उठ तो सरकारी दल विधान सभा की बैठक मुल्तवी करणो बान खुद ही घ्याळ लगाण बिसे जांदन अर विधान सभा अध्यक्ष तैं वै दिन विधान सभा मुल्तवी याने एडजोर्न करण पोड़द।
फिर जब बिटेन हाई कमांड को जंवाई जॉर्ज बड्रा जीन प्रेम नगर मा कुछ चाय बगीचा क्या खरीदेन कि विरोधी पार्टी विधान सभा मा ये विषय पर प्रश्न उठावो ना कि मंत्री तो छोड़ो , मुख्यमंत्री तैं बि घ्याळ लगाण पोड़द। फिर सरा दिन हरेक मंत्री कु काम हूंद कि पत्रकारों या टीवी चैनेलों तैं जॉर्ज बड्रा की तरफ से सफाई द्यावो। एक दिन घ्याळ दान एक रास्ट्रीय चैनेल मा जॉर्ज बाड्रा की तरफ से सटीक सफाई दे तो हाई कमांड से आदेस आइ कि अब घ्याळ दा तैं हमेशा ही इनि सफाइ दीण पोड़ल। अब जब बि जॉर्ज बाड्रा का बारा मा रास्ट्रीय चैनेलों मा सफाई दीण हो तो घ्याळ दा तैं देहरादून ही रौण पोड़द। कति दै तो यीं सफाइ दीणो बान शिक्षा मंत्री तैं अपण महत्वपूर्ण यात्रा कैंसिल करण पोड़द। एक दिन शिक्षा मंत्री तैं श्रीनगर विश्वविद्यालय मा दीक्षांत समारोह मा जाण छौ किन्तु जॉर्ज बाड्रा प्रकरण इथगा जोरों पर छौ कि तीन दिन तलक शिक्षा मंत्री तैं देहरादूनमा ही रौण पोड़।
घ्याळ दा जब बि अपण कार्य कु विश्लेषण करद तो पांद कि वु अपण काम सटीक ढंग से तो क्या काम हि नि करणा छन तो प्रेसर से ऊंक कुल्लि खाण बिसे जांदन।
घ्याळ दा सुचद कि हरेक जॉब का वास्ता अभ्यार्थी की शिक्षा व प्रशिक्षण का बारा मा पूछे जांद पण मंत्री क्वी बि बौण सकुद। मंत्री बणणो बान शिक्षा , प्रशिक्षण , अनुभव की आवश्यकता छैं इ नी च। जब कि हम चार जनों परिवार मा मुखिया वै तैं इ माणदा जैमा लियाकत ह्वावो अर जु अनुभवी ह्वावो । पाइलेट बणणो बान मनिख हवाई जाज चलाणो प्रशिक्षण लींद , मास्टर बणणो बान बीएड करे जांद। इख तलक कि साइकल चलाणो बान साइकल सिखद। यदयपि राजनीतिज्ञ सरकार चलाणो बान अपण पोलिटिकल केरियर बणान्द किन्तु सरकार कन चलाण का प्रशिक्षण कबि नि लींद।
घ्याळ दा द्वी कैबिनेट सब कमेटी मीटिंग से ऑफिस ऐन कि कुछ काम करे जावो।
जनि सीट मा बैठिन कि माणावाल जीन बोलि कि आपकी कंस्टिट्वेन्सी से कै जगमोहन कंडारी कु चार दैं फोन आयि.
घ्याळ दा -कांड लगि गेन।
माणावाल -क्या ह्वे मंत्री जी
घ्याळ दा -मि त मंत्री बणणो बाद बिसरि ग्यों कि मेरी अपण विधान सभा क्षेत्र का प्रति क्वी जुमेवारी बि च।
माणावाल -येस मिनिस्टर। बट नो मिनिस्टर !
** भोळ पौढ़ा कि जगमोहन कंडारीन फोन किलै कार ?
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