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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, September 2, 2012

नौ रूप्याकु मोती ढांगू , अरबों क सींग


 गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य 

                                 नौ  रूप्याकु  मोती ढांगू  , अरबों क सींग 

                                   चबोड्या - भीष्म कुकरेती                          
                
     अर जनि सोसल औडिट जनरल (SAG ) कि रिपोर्ट गाऊँ मा सौरी याने कि गाँव मा यू लोक गीत

                                 घोटे जाले हींग, घोटे जाले हींग, 
                                  नौ रूप्या कु मोती ढांगू , अरबों क सींग 

जनि  प्रसिद्ध ह्वाई कि टी.आर.पी का प्रेमी, टी.आर.पी का लोभी टी.वी पत्रकार , रीडरशिप का गुलाम टी.वी चैनेल , अपण पाठकों  संख्या जादा बताण वळा  अखबारों मालिक सब्युं  मा  विज्ञापन पाणों  ऊर्जा ऐ ग्याई. मीडिया मालिकों  तै लगी ग्याई कि आण वळ मैना इ सरा सालौ लाभ-नुकसान निर्धारित कारल. पत्रकारों तै लग बल आण वळ मैना ऊं  तै अरुण शोरी जन प्रसिधी दिलाल. अर अखबारों मा सोसल औडिट जनरल (SAG )  रिपोर्ट की धुंवाधारी  आग लगी गे, सम्पादकीय, स्थाने पृष्ठ, ब्यापार पन्ना, खेल पना लेकी पाठकनामा सब्युं मा एकी छ्वीं  मोती ढांगू  अर मोती ढांगू. टी.वी चैनलूं मा त भ्युंचळ अयूँ  छौ . हर बगत केवल ब्रेकिंग न्यूज अर बस ब्रेकिंग न्यूज. इख तलक कि सिनेमा प्रोग्रैम मा  बि टी.वी वळा खोजि खाजिक दिखाणा छ्या" 'हिन्दी सिनेमा मा  बैलों का महत्व" कति त दिखाणा छया," विश्व सिनेमा में बैलों की कहानियाँ" . हरेक सीरियल कि कथा बदले गेन अर अब हरेक सीरियल मा मोती ढांगू या बल्दुं  कथा जोड़े गेन. इक तलक कि इन्डियन आइडल प्रोग्रैम या आपका लचकदार नृत्य मा बि हरेक एपिसोड मा मोती ढांगू सम्बंधित प्रोग्रैम लाये गेन. अब समाचार इ इन छौ कि इन हूण लाजमी छौ. 

            जन भावना से भौत फार, जनता से भौत दूर रौण वळ मुख्य विरोधी दल तै  समाचार  पत्रुं अर टी.वी चैनलुं से  इ पता चौल कि कुछ दिनों पैल सोसल औडिट जनरल (SAG ) कि रिपोर्ट गाऊँ गाऊं मा  ऐ ग्याई त ऊं तै बि लग कि मोती ढांगू इ ऊं तै चुनाव जिते सकुद  अर मुख्य विरोधी दलन  संसद तै कुरुक्षेत्र को युद्ध मैदान बणै दे . संसद मा (विधान सभा ) शेरों कि दहाड़ , चीतों  गुर्राहट , हाथी की चिंघाड़ , बल्दुं  डुन्करताळी   इ सुण्याणु छौ . विरोधी दालों की बजर पोड़णो (बादल फटण  ) जन अवाज  से सरकारी दल का सबि सदस्यों कंदुडु कनपट्टा फूटी गेन . सरकारी दल संसद मा विरोधी दल से पुछणा  छ्या कि बताओ त सै कि ह्वाई क्या च पण विरोधियों क महान महाघोष / घ्याळ  का मध्य  सरकारी दलौ अवाज इनी छे जन मोरद  मूसो  अवाज. संसद ठप पोड्यू छौ अर संसद टी.वी चैनलों  मा शिफ्ट ह्व़े ग्याई . जु काम या प्रश्न-ऊत्तर  काल या बहस संसद मा हूण छौ वो काम अब टी.वी चैनलों मा हूण बिसे गे . सौब  टी.वी चैनेल  संसद बौणि गेन. जु विरोधी दल संसद मा बैठण णि चाणो छौ वैका छ्वटा बड़ा नेता टी.वी चनेलूं मा प्रश्न कर ना अर सरकारी दल का नेता उत्तर दीणा. नेतौं क भारी क्या महा कमी ह्व़े ग्याई किलैकि कार्टून नेटवर्क या संगीत चैनेल  जन चैनेल बि  मोती ढांगू काण्ड कि संसद जन चर्चा मा लीन ह्व़े गे. अर याँ से ब्लौक स्तर का नेता बि टी.वी चैनलूं मा प्रश्नोत्तर का बान बुलाये जाण बिसे गेन . 

              विरोधी दलुंन माग कौरी दे कि चूंकि जब मोती ढांगू काण्ड ह्वाई त वैबरी मुख्यमंत्री पशु  सम्वर्धन मंत्री बि छ्या त जब तक मुख्यमंत्री अपण पद से  त्यागपत्र नि द्याला संसद मा घ्याळ  ह्वालू अर संसद नि चलि  सकद.  अब इन जि क्वी मुख्यमंत्री त्यागपत्र दी न मिसे गेन त ह्व़े ग्याई फिर प्रजातंत्र की रक्षा. प्रजातंत्र को अमर नियम च ख्वावन प्यावान  औरुक  अर मार ख्वावन गौरुक. याने कि जु मंत्री जि कै भ्रष्टाचार मा फंसी इ  ग्यायी त पैल विदेसी हाथ पर इल्जाम लगाओ अर विदेसी हाथ तै गाळी दीण से काम नि चलो त कै जयुं  बित्युं अधिकारी याने जैक क्वी पवा नि ह्वाओ वै तै उठाणो   बुग्ठ्या /खाडू  समजिक सस्पेंड कारो.  चूंकि राज्य स्तर को मोती ढांगू राष्ट्रीय टी.वी चैनेलूं धरोहर बौणि गे त एक बुग्ठ्या क कत्लेआम से काम नि चलण छौ त चिनखौं   बळी दिए गे, याने कि कथगा इ चपड़ासी अर जूनियर क्लर्क संस्पेंड करे गेन पण भै विधान सभा मा घ्याळ कम नि ह्वाई .

   उन कैको समज मा नि आणु छौ कि ह्वाई क्या च . सोसल औडिट रिपोर्ट समजणो ताकत कैमा त छे ना अर ना इ क्वी नेता, पत्रकार, वरिष्ठतम विश्लेषक जनता या समाज का  सम्पर्क मा छ्या जु बींगी जांद कि ह्वाई क्या च. अर जु नेता, पत्रकार , महानतम  विश्लेषक समाज का सम्पर्क मा इ जि रंदा त मोती ढांगू कि कथा वैदिन  इ भैर ऐ जांद जै दिन मोती ढांगू योजना शुरू ह्व़े छे. 

             ह्व़े क्या छौ कि पैलाकी सरकार याने आजौ विरोधी दल कि सरकारन हीरा बैल कि योजना लागू कौरी छे  त परम्परा निभाणो बान ईं सरकारन  मोती ढांगू योजना लागु करी दे. पशु सम्बर्धन योजना का तहत हजारों 'मोती बौड़' बणियों मा बांटी देन . चूंकि अच्काल प्रति राष्ट्रीयकरण  कु जुग च त सामयिकता को  ख़याल करदा ईं सरकारन हजारों 'मोती बौड़' बणियों तै मुफ़त मा दे देन. बणियों काम छौ कि हरेक मोती बौडु तै संडा बणावन अर हरेक गौं मा नई नस्ल क पशुउं मा बढ़ोतरी कारन.  चूंकि संडा या बौड़ पर बणियों तै खर्च करण पोड़ण  छौ त इन निर्णय करे ग्याई कि जब बि क्वी गाँव वळ अपणि गौड़ी संडा क ध्वार लाओ त वै तै घास पाणि कुण इके  रूप्या द्यालों अर बकै रूप्या सब्सिडी क रूप मा सरकार ब णियों तै इमदाद बि द्याली. सोसल औडिट रिपोर्ट (SAG ) से लोगूँ तै पता चौल कि बणियों न सौब बौड़ दुसर प्रदेश मा सौ गुणा दामुं मा  बेचीं देन, दगड मा अबि बि हरेक बणिया सरकार से रोज सब्सिडी बि पाणु च  अर याँ से  सरकार तै करोड़ो रूप्या क नुकसान त ह्वाई इ च पण एक बि पशु सम्बर्धन कु काम आज तक नि ह्वाई  . 

 सरकारी दल को हिसाब से बस इथगा सि छ्वटि बात छे अर विरोधी दल फोकट मा घ्याळ करणु च. सरकारी दल कु महामंत्री धिगविजय  सिंग न त बोली दे बल  लोक गीतुं तै इ बैन करे जाण चयेंद किलैकि इ लोक गीत आर.एस.एस का लोगूँ का रच्यां छन .
  दस पन्दरा दिन तलक विरोधी दल का लोग नि मानिन अर संसद जन काम अबि बि टी.वी चनेलूं मा शिफ्ट हुयूँ  छौ  त  फिर सुरक सुरक हीरा बल्द कि फाइल   लीक हूण मिसे गेन .हीरा बैल योजना क तहत इन पता चौल कि  आज का विरोधी दल न बि हीरा नाम का हजारों बल्दुं जोड़ी  बणियों मा मुफ़त मा बांटी छौ कि जां से पहाड़ी गौं मा बल्द रावन अर पहाड़ी लोग जु अब बल्द नि पल्दन उं तै हौळ लगाणै सुविधा प्राप्त ह्वाओ. हरेक हौळ लगाण पर बणियों तै कुछ शुल्क किसाण द्याला  अर बकै सरकार सब्सिडी  क रूप मा बणियों तै दीणि राली. मजे कि बात च कि सरकार रोज बणियों तै आज बि सब्सिडी दीणि   च अर आज बि उत्तराखंड का पहाड़ी गाऊँ  मा एक बि हौळो चीरा नि लगदन. बणियोंन हीरा बल्द बिजनौर, पीलीभीत ज़िना  जि बेचीं आली छौ . एकाद टी.वी चैनेल न घ्याळ बि कार कि आज कि विरोधी दल कि सरकार क  हीरा बैल योजना मा   बि अरबों रूप्या क हेरा फेरी ह्वाई पण जनता विरोधू दल क विरोध कतै नि सुणदि  त वै टी.वी चैनेल कि टी.आर पी नि बढ़ अर याँ से हीरा बैल स्कैम समाचार नि बौण .पन अब सरकारी द्लूं मा हथियार ऐ ग्याई छौ त ऊन सरकारी विज्ञापनु से हीरा बैल योजना कि बात जनता तै बताण शुरू कार. 

  याँ से विरोधी दल मा कुछ डौर पैदा ह्वाई अर वून अपण रैबर्या सरकारी दल कु  नेता मा भ्याज अर फिर भै बंधी मा निर्णय लिए ग्याई कि हीरा-मोती -बैल-सांड योजना कि समीक्षा वास्ता एक कमीसन बिठाये जालु . बस तै दिन बिटेन विधान सभा चलण बिस्याई. 

 अर अब टीवी चैनेलु मा एकी खबर च कि 'कौन  बनेगा करोडपति ' सीरियल मा एक गरीब आदिमन दस करोड़ रूप्या जीतिन, अर हरेक समाचार चैनेल  यू सीन दिखाणु  छौ    

अमिताभ बचन- हाँ तो  आदमी  जि आप अब तलक नौ करोड़ जीति गेन  . जु आप चावन त नौ करोड़ रूप्या लेकी ड़्यार जै सकदवां . या आखरी सवाल क उत्तर द्याओ कि आप दस करोड़ रूप्या जीति  जैल

आदमी  - जि मी आखरी सवाल क बान तयार छौं 
अमिताभ बच्चन- त कंप्यूटर जी सवाल पूछे जावन 
कम्प्यूटर - तौळ क मुवारा, आण मादे कु आण आज का राजनैतिक नेताओं पर लागू होंद-

एक रग त हैंको ठग 
एक सांपनाथ त हैंको नागनाथ 
चोर चोर ममा फूफूक
हमाम मा सौब नंगी छन 
आदिम - जी यि  चरी मुहावरा आजौ राजनैतिज्ञों पर लागू होन्दन  
अमिताभ बच्चन - कंप्यूटर जी क्या यू  उत्तर सै  च 

अमिताभ बच्चन - वाह आप दस करोड़ रूप्या जीति गेन किलैकि आपको यू उत्तर बिलकुल सोळ आना सच च. 

Copyright@ Bhishma Kukreti 2/9/2012 

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