गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड्या- भीष्म कुकरेती
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
' पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल चोरि हूण
आजि क्वी मुंड मुंड्याओ अर ढांड पोड़ी जावन त क्या ह्वालु. लोगुं तै बौगाणो, लोगु तै पुळयाणो बान त मुख्यमंत्री न विधान सभा एक दिनों सत्र गैरसैण म धार अर बजर पोड़ी ग्याई. बजर सरकारी पक्षौ कुण पोड़ , विपक्षौ कुण त कवों बान घीयक घौड़ फूटि ग्याई . गैरसैण मा सुबेर सुबेर क्या सरकारी क्या विरोधी पक्षों नेता बगैर चिनि क या चिनि क चा घटकाणा यि छ्या कि बजर पोड़ी ग्याई . बजर कु असर यू ह्वाई कि सरकारी दल गस खैक भ्युं पोड़ी गे अर विपक्षी दल मर्खुड्या सांडो जन डुन्करताळि मरण मिसे ग्याई . विपक्षी सदस्यों क डुन्करताळि से गैरसैण इ नि गज बल्क न मा ड्याराडूण अर डिल्ली क राजनैतिक डिन्ड्याळो मा बि अग्यौ ह्व़े ग्याई. विपक्षी दल वळुन गुस्सा मा या स्वांग बस सांद जन एम्.एल.ए होस्टल को म्याळ खौण
त सरकारी दल क सदस्यों क अन्स्दार्युं से गैरसैण मा गाड गदन मा भळक ऐ गेन याने बाढ़ ऐ गे.
एक दिनौ विधान सभा सत्रन क्या चलण छौ. विधान सभा मा अचकालौ सामयिक रिवाजौ जन इ विपक्षी दल मुख्यमंत्री गद्दी छोड़े क नारा लगाणा छया अर राजकीय दल किराणु छौ यां पर बहस कारो पण अचकालौ राजनैतिक रिवाजौ आदर करदा विपक्षियों न विधान सभा नि चलण द्याई. विधान सभा सत्र अनिशिचित काल कुणि स्थगित ह्व़े ग्याई. संसद या विधान सभा नि चलण दीण अच्काल नयो फैशन या रिवाज च त कै बि राजनीतक आदिम तै क्वी शरम लाज नि आई.
अर ह्व़े कुछ नि छौ बस सुबेर सुबेर एक भौ कखाकु एक अनामी साप्ताहिक क सम्पादक न अफिक अपुण अखबार गैरसैणम बाँट . अखब़ारै खबर छे कि 'उत्तराखंड कृषि विभाग से "पहाड़ों में राज्य कृषि नीति" की फाइल चोरी हो गयी है'. बस सरकारी पक्षौ कुण बजर पोड़ी गे अर विपक्ष्युं कुणि घीयक घौड़ फुटि गे.
उन मुख्यमंत्री अर कृषि मंत्री न सुबेरी इ फोन पर पता लगै आल छौ कि सचेकि कृषि मंत्रालय से 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' क फाइल चोरि ह्व़े ग्याई. अच्काल संवाददाता बि विरोधी दल कि भूमिका निभान्दन त मुख्यमंत्री अर कृषि मंत्री न संवाददाता सम्मलेन मा ब्वाल कि हम जानकारी हासिल करणा छंवां कि असलियत क्या च जांको साफ़ मतबल छौ कि सचेकि 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति" फाइल गुम ह्व़े ग्याई अर अबि तलक कुछ बि सूद भेद नि मिलणु च .
उख ड्याराडूण मा पलटन बजार अर रिस्पेना पुलिस चौकी मा 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' फाइल चोरि क रपट लिखाए गे अर द्वी कोतवालुं न अजाण लोगुं पर जेबकतरा, उठाईगिरी, चोरि-जारि, डकैती, लूटमार, छीनाझपटी, जबरन कैकि सम्पति तै लुटण, कैकि जायजाद पर जबरन हक जताण, सरकारी सम्पति क नुकसान जन आदि आदि अभियोग लगाये गेन. द्वी कोतवाल घंघतोळ मा छ्या कि कखि 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल कै राजनैतिग्य मा मी लि त अखब़ारूं हेडिंग होलि ' राज्नेतिग्य अब जेबकतरा, लुटेरा, उठाईगीर, चोर, डकैत, जबरन दुसरो जैजाद पर हक जमाण वळ, सरकारी सम्पति पर मालिकाना हक जमाण वळ ही ह्व़े गेन. अर द्वी कोतवालुं न स्वाच बल जु 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' कि फाइल कै अधिकारी या सरकारी कारिन्दा मा मील त अख्बारुन लिखन बल अब सरकारी कर्मचारी जेबकतरा, लुटेरा, उठाईगीर, चोर, डकैत, जबरन दुसरो जैजाद पर हक जमाण वळ, सरकारी सम्पति पर मालिकाना हक जमाण वळ ही ह्व़े गेन.
इना सरकारी अर अधिकारी स्तर पर 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल कि खुज्या खोज ह्वाई पण कुनगस जु 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल क जूं बरोबर भी सूद भेद मीलि ह्वाऊ धौं. अर इना उत्तराखंड मा भ्युंचळ अयुं छौ कि 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल क गुम हूणो सबूत च कि उत्तराखंड सरकार पहाड़ों क प्रति हद से जादा उदासीन च. विपक्षी दल कि हुकां - हुकां , डुन्करताळि पहाड़ो क घ्वीड़ काखड़ो चान्ठो अर रिक बागु उड़्यार तक पौंची गे अर रिक बाग़, घ्वीड़ काखड़ बि मुख्यमंत्री पर पहाड़ों की अनदेखी को अभियोग लगाण बिसे गेन अर क्या गू णि बांदर ! क्या चखुल सब्युंक एकी राय छे कि मुख्यमंत्री तै इस्तीफा दीणि चयेंद. बस मुख्यमंत्री न जगता सगती मा एक एक मनिखि आयोग गठन करी दे जु 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल खुज्यालु. मुख्यमंत्री क ददा क एक बड़ो सौकार जजमान छौ अर वै सौकारो नाती डा. बलबीर सिंह रावत अबि कुछ दिन पैल कृषि विभाग से रिटायर ह्व़े छौ. बामण कथगा बि बड़ो राजा ह्व़े जाओ उ अपण ख़ास ख़ास जजमानु तै नि बिसरदो अर जजमान कथगा बि जातीय व्यवस्था तै गाळि द्याओ वु अपण कुल गुरु या बामणो बात नि टाळदो . बस डा. बलबीर सिंग रावत 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल खुज्याओ आयोग का सर्वे सर्वा बौणि गेन अर चालीस दिन की रात दिन की मेनत से डा. रावत न 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल चोरी क राज पता लगाई दे.
डा. रावत मुख्यमंत्री मा गेन अर 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल चोरी क राज ख्वाल . राज जाणिक मुख्यमंत्री बेहोस ह्व़े गेन .
होश मा आण पर मुख्यमंत्री न पूछ , "डा. रावत आपक बुलण च कि 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल आज तक बौणि इ नी च "
डा. रावत न उत्साहित ह्वेक ब्वाल," जी हाँ ! मुख्यमंत्री जी ! 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' की फाइल तबि बौणलि जब पहाड़ो मा कृषि पर क्वी नीति बौणलि ."
मुख्यमंत्री न अचकचै क पूछ, " मतलब आज तक उत्तराखंड राज्य बणण पर 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' बौणि नी च "
डा. रावत न ब्वाल, " जी हाँ कबि बि पहाड़ों मा कृषि बारा मा पर सुच्याई नी च त कृषि नीति क बात क्या बात करण "
"मतबल कै बि मुख्यमंत्री क काल मा पहाड़ों मा कृषि बारा मा सुच्याई नी च ?" मुख्यमंत्री न खौंळे क पूछ.
" जी सोळ अन सच च कि उत्तराखंड राज्य बणणो बाद कबि बि .पहाड़ों मा कृषि बाबत अधिकारी स्तर की बात त छ्वाड़ो चपड़ासी स्तर पर बि चर्चा नि ह्वेई " डा. रावत न अपण खोज कु खुलासा कार .
मुख्यमंत्री न पूछ ," पण इख त उत्तर प्रदेश सरकार से उत्तराखंड बाबत फाइल ट्रांसफर ह्वेक ऐन ऊं मा त कवी फाइल पहाड़ो मा कृषि बाबत रैइ ह्वेली ?"
डा रावत न भेद ख्वाल," मी लखनऊ बि ग्यों अर मीन सन बावन से सौब फाइल खुजेन कखि बि यू नि दिख्याई कि पहाड़ो मा कृषि पर क्वी अलग से बात ह्व़े होली. इख तलक कि मीन ब्रिटिश काल मा सन छतीस का करीब सिविल सरकार का काम काजु जांच बि कार त कखि बि पहाड़ो मा विशेष कृषि नीति क बात ह्वाई नी च ."
"चलो यू भलो ह्वाई कि 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' क फाइल चोरी नि ह्वाई ." मुख्यमंत्री न पुळेक ब्वाल
डा. रावत न ब्वाल," त अब आप मीडिया तै बतैल्या कि ज्वा फाइल इ नी छे वींन चोरी कनकैक हूण छौ? ."
मुख्यमंत्री न बोली," दिमाग खराब हुयुं च म्यार जु मि ये गुवाक ठुपर उठौलु . जब मीडिया अर जनता तै पता चौलल कि फाइल नि छे त मै पर दबाब पोड़ल कि उत्तराखंड मा पहाड़ो मा कृषि बाबत काम अब त शुरू कारो. जब आज तक कैन 'पहाड़ों मा कृषि पर नि स्वाच त मि जि किलै अफुखुण आफत बुलौं कि ये कठण काम शुरू कौरु .जन चलणु च चलण द्याओ ."
डा. रावत न घंघतोळ मा पूछ," त ?"
मुख्यमंत्री क जबाब छौ,' 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' पर जख्या भंगुल जमण द्याओ अर आप 'पहाड़ों में राज्य कृषि नीति' फाइल खुज्याणो काम तब तलक जारी राखो जब तलक मि मुख्यमंत्री छौं ."
Copyright@ Bhishma Kukreti 9/9/2012
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