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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, September 19, 2012

हम अपण खासियत इ नि जाणदवां कि हम कथगा महान छंवां

गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
                 हम अपण खासियत इ नि जाणदवां कि हम कथगा महान छंवां
                          चबोड्या- भीष्म कुकरेती

              कै पणि बोल च बल भितर त वु अपण कज्याण तै रोज धमकांद , पित्यांदु .पण जनि वा भैर गाँ मा जांदी वीं तै छ्वारा हथुं मा जनक्यांदन. हम अपण गांवक ल्वार तै पुछद बि नि छंवां पण दुसर अडगें (क्षेत्र) क लोग वैकी खुसामद पर लग्यां रौंदन. अपण गांवक ग्यानी बामण तै सिवा लगाण मा शरम आन्द पण दुसर गांवक पुडक्या बामण बि हमखुणि चतुर्वेदी ह्व़े जान्दो.

               अब द्याखो ना भारत का ननु से ननु अर बड़ो बड़ो से बड़ो अखबार या ननि से ननि पत्रिका अपण पेज काळि स्याई से लपोड़दो लपोड़दो थकी गेन बल ह्यां सि मनमोहन सिंग जी क नाकाबिल प्रधान मंत्री छन त मनमोहन सिंग जी, सोनिया गांधी जी अर हमारा कोंगरेस्यूं क निंद इ नि बिज. पण ये म्यार भुभरडु जनि एक अमेरिकी पत्रिका मा एक छ्वटु लेख आई बल मनमोहन सिंग जी नाकाबिल प्रधान मंत्री छन त यूँ सब्युंक निंद इन बिज जन यूँ तै गुरान तड़कै दे ह्वाओ . फिर सरा भारत वासिन्दा बुलणा रैन , किराणा रैन कि ये भैर भारत कि आर्थिक दशा खराब च चलणि त मनमोहन सिंग जी, सोनिया जी अर सबि कॉंग्रेस्यूं क कंदुड़ो पर बुजिन रैन लग्यां. अर जनि एक अमेरिकी अखबारां न ल्याख बल ये मनमोहन क राज मा अब भारत कि आर्थिक दशा खराब च त यूँ सब्युंक कंदुड़ खुली गेन अर यूँन बगैर समज्याँ बुझ्याँ झटाझट यूँ सब्युन अपण गौळुन्द रिटेल मा फोरेन इन्वेस्टमेंट कु गौळ डाळि दे । हम भारतीय भारतियुं बुल्युं पर विश्वास नि करदां अर नौनइन्डियन कि बातु पर हम फास्टलि बिलीब कर दां . उना देस्युं पर बिलीब त बिलीव की इ छ्वीं छन. वा अलग बात च कि ये फोरेन इन्वेस्टमेंटक गौळ से यूँ काँग्रेस्यूं क साँस नळि बन्द होण लगी गे .
 
               अब इनी एक न्यूज पड़णु छौ बल हियर इज ए साइकल दैट ऐडजस्ट इट्स सीट
 
             यीं न्यूज मा अखबार नबीसन ये उन्ना देसी (विदेसी) वैज्ञानिक कि बडी बडे कार कि कन ईं साइकल मा सीट एडजस्ट हूंद
यि अखबार वळ बि ना ! अरे हमर देस मा त द्याखो कि हमर इख राजनैतिक सीट कना ऐडजस्ट होन्दन ? यूँ अखबार वळु तै लन्दन का इंजिनियर कि बडै करण मा मजा आन्द पण मजाल च कि हमारा राजनैतिक इंजिनियरूं नया नया ऐडस्टमेंट की इ लोग बडे कारण धौं! द्याख नी च हमन ? कि कन निशंक जीन अपण सीट ऐडजस्ट कार अर जीति गेन अर जब खंडूरी जीन बि सीट ऐडजस्ट कार त कति भाजापाओं तै या सीट ऐडजस्टमेंट बुरी लग अर ऊन सुरेन्द सिंग नेगी जीक दगड ऐडजस्टमेंट कौरिक अपणी पार्टी क ऐडस्टमेंट बिगाड़ी दे . हमारा ऐडजस्टमेंट का यि महान वैज्ञानिक क्या ब्रिटिश वैज्ञानिकों से कम छन?

                 अब द्याख नी च आपन राज्यसभा मा हमारा नेताओं क ऐडजस्टमेंट एटमी तकनीक जब लोकपाल बिल पर बहस ह्वाई? याँ से बढिया ऐडजस्टमेंट कि मिसाल विज्ञान मा क्या इतिहास मा बि नि मिल्दी. द्याख नी च आपन कि द्वी विरोधी ध्रुव समणि पर त लड़दा दिखेणा छया पण पैथर यि विरोधी ध्रुव एक हैंक पर चिपक्याँ छ्या. क्या ये निहुण्या तै हुण्या करण वाळ ऐडजस्टमेंट से बड़ो अर सुविधाजनक ऐडजस्टमेंट क्वी विदेसी वैज्ञानिक कौर सकुद च?

सी.ए जी. (औडिट ) माने अकाउंटिंग अर अकाउंटिंग माने गणित . गणित मा एक अर एक द्वी हुन्दन पण हमारा कपिल सिब्बल मुनि को ऐडजस्टमेंट ज्ञान त द्याखो .भारत का ये महान राजनैतिक वैज्ञानिक न टू जी अर कोल गेट की सी.ए.जी रिपोर्ट तै इ गलत साबित करी दे . अब जब आप द्वी अर द्वी चार का सिद्धांत तै इ खारिज करी सकदवां त आपसे बड़ो महान वैज्ञानिक क्वि इं दुनिया मा ह्वेई नि सकुद. द्वी अर द्वी माने चार का सिद्धांत तै जु खारिज कारल त वो ऐडजस्टमेंट का महानतम वैज्ञानिक इ होलू. पण मजाल च हमारा भारतीयोंन ऐडजस्टमेंट का ये महान वैज्ञानिक कपिल सिब्बल मुनि की क्वि प्रसंशा कौरि ह्वाऊ धौं ? अरे भै द्वी अर द्वी चार का सास्वत सिद्धांत तै जु फेल करी द्याओ वै तै त भारत रत्न मिलण चएंद पण हम भारतियुं कुणि त अप ड्यारै कुखड़ी अलुण थिंच्वणि बरोबर होंद त हमन ऐडजस्टमेंट का महान वैज्ञानिक कपिल सिब्बल मुनि तै भारत रत्न नि दे.

                   अब द्याखो ना कोंग्रेस्यूं हिसाब से अपणा भावी प्रधान मंत्री राहुल गांधी जब बि उत्तर परदेस मा जांदा छया त मुलायम सिंग अर मायावती कि पार्टी तै भद्र भाषा मा इ सै पण गाळि दीन्दा छया आर सैत च अग्वाडि बि गाळि दयाला पन हमारा भारत मा सीट ऐडजस्टमेंट अन्वेषण त द्याखो दिल्ली मा यि द्वी कौंग्रेस सरकार का डुलेर बण्या छन . अर यू सौब भारत की सीट ऐडजस्टमेंट सिद्धांत मा पारंगता की निशाणि च पण हम ब्रिटिश वैज्ञानिकों बडै त कौरी पण अपण महान खुजनेरूं की बडै हम से नि ह्व़े.
                   हमारा उत्तराखंड मा कथगा इ वैज्ञानिक त सीट एडजस्टमेंट मा नोबल पुरुष्कार पाण लैक छन. अबि सि नि द्याख आपन कि कनो किरण मंडल तै याद आई कि भारतीय जनता पार्टी नॉन सेकुलर पार्टी च अर सेकुलरिज्म बचाणो खातिर सर से मंडल न सितारगंज सीट छोडि दे. अर अचाणचक विजय बहुगुणा तै याद आई कि ये भै ओ त बंगाली छन. सीट एडजस्टमेंट अर जात एडजस्टमेंट मा यूँ दुयूं से बड़ा महान वैज्ञानिक क्वी छ दुसर ?

इनी हजारों उदाहरण छन जो सिद्ध करदन कि हम भारतीयुं से बड़ो सीट एडजस्टमेंट का वैज्ञानिक ये ब्रह्मांड मा क्वी हौर नि ह्व़े सकदन.

Copyright@ Bhishma Kukreti 19/8/2012

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