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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, September 13, 2012

ओ निर्भागी ! मुर्दार न्यूज ना , ब्रेकिंग न्यूज दे

गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
                         ओ निर्भागी ! मुर्दार न्यूज ना , ब्रेकिंग न्यूज दे
                              चबोड्या- भीष्म कुकरेती

- हलो संवाददाता ! मी भोळ तकौ चैनेल क मालिक बुलणु छौं
- गुड इवनिंग सर.
- ये भै तीन अबि तलक ब्रेकिंग न्यूज नि भेजि ?
- सर ! कनि भेजि . परदेस मा ए साल बम्फर खरीफ फसल की उम्मेद
- ये उत्कू घस्सा कैन धार त्वे तै म्यार चैनेल मा? मी क्वी तुमारो परदेस कु मुख्यमंत्री छौं जु यीं निरसी खबर प्रसारित करलु
-पण सर, इख परदेस मा त लोग बाग खुश छन भौत सालू मा खरीफ कि बम्फर फसल हूणि च.
-अबै कम दिमग्या पढ़यूँ लिख्युं गधा! मि टी.वी चैनेल चलाणु छौं ना कि सरकारों जनसम्पर्क कार्यालय
- अच्छा इन बथादी कि परदेस मा खरीफ कि सबसे कम फसल क्यांकि हूणि च ?
- सर ओगळ की फसल
-किलै ?
- सर सरकारण तीन साल बिटेन ओगळ की फसल पर सब्सिडी बन्द करी दे त ......
- त ये खाडुन्दक पत्रकार ! या च ब्रेकिंग न्यूज
- जी
-ठीक च हम इख चैनेल मा ब्रेकिंग न्यूज से घ्याळ करदां कि परदेस मा सरकारी अवहेलना क वजै से ओगळ कि फसल चौपट .
- पण सर ! ओगळ कि फसल से लया क फसल पर प्रभाव पड़द . जब बिटेन सरकारन ओगळ पर सब्सिडी बन्द कार लया क फसल दुगणि ह्व़े ग्याई.
- अबे मीन ब्वाल नी च कि मि न्यूज चैनेल चलांदु ना कि क्वी समाज कल्याण संस्थान. हम इख घ्याळ करणा छंवां टु तब तलक क्वी इंटरव्यू अर पुराणि क्लिप कु इंतजाम कौर .आज भारत मा घ्याळ हूण चएंद कि ओगळ कि फसल नि हूण से गरीबी बढ़णि च.
-हेलो! एडिटर साब ! ओ ब्रेकिंग न्यूज द्याओ कि ओगळ की फसल चौपट हूण से परदेस मा गरीबी बढ़ी
- जी ल्या टी.वी मा सि द्याखो ऐ ग्याई ब्रेकिंग न्यूज . गरीबी का तांडव , सरकारी अवहेलना से ओगळ फसल नि हूण से दलित समाज और भी गरीब ..
- हाँ यू बढिया सेन्सेनल न्यूज च इखमा दलित समाज की गरीबी क बात बि च
- हेलो ! मि मालिक बुलणु छौं . अबे जयुं बित्युं संवाददाता तीन अबि तलक आज क्वी ब्रेकिंग न्यूज नि भ्याज ?
-सर भ्याज छे पण चैनेल मा नि आई
- अच्छा ! क्या छे वा ब्रेकिंग न्यूज ?
- परदेस मा पहाड़ो कुणि कृषि नीति घोषित अर बजट मा तीन गुणा बढो तरी ह्व़े ग्याई
- अबे सुन्गर ! मि क्या सरकार मा पहाड़ मंत्री छौं कि कै कॉमर्सियल टी.वी चैनेल कु मालिक?
-पण सर या त भौत बडी न्यूज च
- यो काणो अर बैरो क्वी हैंको चैनेल बि दिखाणु च यीं न्यूज तै
- ना क्वी बि न्यूज चैनेल मा पहाड़ों मा कृषि नीति की क्वी ब्रेकिंग न्यूज नी च
- त मि तै बौळया कुकरन काटी कि मि यांकी न्यूज देऊं ?ओ निर्भागी ! मुर्दार न्यूज ना , ब्रेकिंग न्यूज दे
-जी
- अच्छा इन बथादी कि प्रदेश सरकारन मैदानी कृषि मा क्वी बजट बढ़ाई कि ना ?
-ना . वी बजट च जु पैलक  साल छौ.
- त अबे मूढ़ , मूर्ख ! या च ब्रेकिंग न्यूज . हम चैनेल मा ब्रेकिंग न्यूज दीणा छंवां कि प्रदेश सरकार द्वारा मैदानी कृषि की सर्वथा अवहेलना. तु इन कौर एकाध घंटा मा याँ पर स्पोर्टिंग न्यूज ला कि मैदानी कृषि पर आघात लगी गे
-हेलो एडिटर साब ! यूँ संवादाताओं तै कुछ ट्रेनिंग द्याओ कि सेंसेसनल न्यूज लावन जो कि ब्रेकिंग न्यूज लैक ह्वावन . ऊन तै सकारात्मक न्यूज कि जगा नकारात्मक न्योज खुज्याण मा टैम लगाण चयेंद
- जी आप सै बुलणा छंवां.
- अच्छा थ्वडा देर मा क्या क्या ब्रेकिंग न्यूज आणि छन ?.
- जी एक हैंको सेंसेसनल टी.वी चैनेल खुलि ग्याई अर मि अर मेरी सरा टीम अब्याक अबि वै चैनेल मा जाणा छंवां .जांद जांद मि ब्रेकिंग न्यूज दीणु छौं कि टी.वी चैनलों मा भंयकर प्रतियोगिता से सकारत्मक पत्रकारिता खतरा मा च.

Copyright@ Bhishma Kukreti 14/9/2012

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