व्यंग्य- पूरण पन्त पथिक
एक दिन /एक बुडड़ी मिल्ये चौबाटा मां/ वींल बोले -नमस्ते . मिन बोले -तुम को छयां? वीन बोले - बेटा ,मि गरीबी छौं.मिन बोले -यख क्या कन्ना छां तुम?वीन बोले -बेटा, नयों राज्य छ ,द्यख्दौं कब तैं यख रै सकदो. मिन बोले -नयाँ राज्यौ मतलब इ ई छ कि ज्वी-क्व़ी यखौ नौं बदनाम करीं? वीन बोले- मी यख की ही छौं .मिन बोले -उत्तराखंड मां इन गरीबी कबि बि नी राये,जनि तू ब्वनी-बताणी छयी .वीन बोले- मी चुनाव की असुण्या राजनीति कि धर्म बेटी छौं , कुटिल, स्वार्थी राजनीति क पळि पुसिं बेटी छौं.
सर्वाधिकार @ पूरण पन्त पथिक, देहरादून , २०१२
सर्वाधिकार @ पूरण पन्त पथिक, देहरादून , २०१२
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