उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Thursday, September 20, 2012

लवलीन --गढ़वळि कविता

(अपसंस्कृति क परेशानी दर्शांदी बालेन्दु बडोला कि गढ़वळि कविता

बालेन्दु बडोला गढ़वळि साहित्य मा आधुनिक कथौं अर लोक कथों संकलनऔ बान जादा जणे जान्दन. ओबालेंदु जीन कविता बि गंठेन. ईं कविता मा बडोला जे सांस्कृतिक गिरावट कि बात करणा छन अर कविता मजक्या अर चबोड्या भौण मा च. एकी शब्द का द्वी अर्थ वळी या कविता चिरडांदि बि च, हसांदि बि च अर ए मेरा बुबा सिखांदी बि च . या च बडोला जी की करामत. कविता छन्दहीन भौण मा च - भीष्म कुकरेती ) 

लवलीन

कवि: बालेन्दु बडोला

बुबा निकज्जू पहाड़ पर
भगती मा लवलीन,
अर छोरा देहरादून मां,
कै छोरी का लव-लीन
गहर- गिरस्ती , संस्कृति समाज -
देस, फर्ज भूल गीन
इन म्वार यूँ 'लवलीन' कु
कि कख जाणा अब मीन

Copyright @ Balendu Badola, Ghimndpur, Bhabhar, Kotdwaar
हिलांस , अक्तूबर १९८५ से साभार

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments