गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड्या- भीष्म कुकरेती
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
गाँ मा लुखुन्दर अर मूस किलै नाचणा छ्या ?
अच्काल जै बि टी.वी चैनेल द्याखो उख खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट पर इ बहस होणि च .
मीन स्वाच या घड्याइ कि जणे जावु कि खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट से क्या क्या क्या फैदा नुकसान ह्व़े सकदन. मि अपण गौं मा घूमु अर मीन पाई -
मीन घुंघरा काकि तै पूछ- ये काकि अब त भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या क्या क्या फैदा नुकसान ह्व़े सकदन?"
" कनो ?यू खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट बि इनी च जन कोयला खदानों आबंटन ?" घुरा काकि न उल्टा मै पूछ
मि अग्वाड़ी ग्यौं अर काजल बोडि तै पूछ," बल बोडि अब त भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"
काजल बोडि न पूछ, " यू हज्या इख गौं मा आलु कि शहरूं मा आलु ?"
मीन बताई कि यू इन्वेस्टमेंट या निवेश शहरूं मा इ होलू त काजल बोडि ले सन्यूँ /छन्यूँ ज़िना अटकण बिसे ग्याई . मीन पूछ,"क्या ह्वाई ए बोडि?"
काजल बोडि न ब्वाल," कुछ ना बुबा ! जब बि शहरूं मा कुछ होंद छौ त हमारो गाँ बिटेन जवान अर वूंकी ज्वानि शहरूं जोग ह्व़े जांदी छे अब मै तै पूरो भरवास ह्व़े ग्याई बल म्यार गोरुन बि शहरूं जिना भगण . जरा मि ऊं गोरुं तै ग्वाड़ी द्यूं कि शहरूं ज़िना नि भागन. लौड़ अर नाती नतणा त भागि छ्या अब गौड़- कलोड़ इ ये गाँ मा बच्याँ छन ऊँ तै शहर भगण से त बचौं "
मि रूंदा सूरत से अम्बिका मास्टर जी मा गेऊं अर मीन पूछ," मास्टर जी भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"
मास्टर जीन पूछ," या नै घटना कख होणि होली?"
मीन बताई ," देहरादून जन शहरूं मा इ भौत बडी तादात मा मौल खुलल अर कख?"
मास्टर जीन मोबाइल फोन उठाई अर फोन पर बुलण लगी गेन," ये परमा ! अरे ओ देहरादून मा क्वी क्या कति मौल खुलण वाळ छन . अरे देहरादून मा जै जमीन तै मीन नागँवारा समजी छौ ना तु इन कौर वीं इ जमीन क वास्ता म्यार नाम से बयाना-पेशगी देदि. मि अबि इख गाँ बिटेन चलणु छौं अर श्याम दै तलक देहरादून पौंछणु छौं अब त बड़ा बड़ा शहर ही बसण जोग राला."
मी कुछ दिन पैल रिटायर हुयाँ हवलदार शेर सिंग भैजी क ड़्यार गेऊं . मीन पूछ, बल भैजी भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"
शेर सिंग भैजिन पूछ बल या क्या बीमारी च त मीन शेर सिंग भै तै खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट क बारा मा बताई.
ऊंन एक फोन मिलाई अर बुलण बिसेन, " जेठू जी समनैन ! उ अबि भीसम न बताई बल शहरूं मा भौत सा मौल खुलण वाळ छन . त मतबल या च कि उख चौकीदारों कि जरूरत पोड़लि . ओ आप बुलणा छया कि क्वी सेक्युरिटि एजेंसी खुले जाव त इन कारो आप तख देहरादून मा एक सेक्युरिटि ख्वालो मी इख सौब जमीन जायजाद बेचिक सात आट दिन मा उख देहरादून इ ऐ जांदू. "
मि निरासा मा भौंपालु ल्वार काका क अणसाळ ज़िना गेऊं .अच्काल जब बिटेन लोगुंन खेती बन्द कार त गौं मा मूस भौत हूण बिसे गेन त अब भौंपालु काका न मूस फसाणो चुहेदानी बणाण शुरू करी देन. मीन पूछ," काका भारत मा खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट आणु च त क्या फायदा नुकसान होलु ?"
भौंपालु काकान पूछ," ब्यटा ! यू क्वी रिजर्वेसन च?"
मीन जब काका तै खुरदरा व्यापार मा फोरेन इन्वेस्टमेंट क मतबल बिंगाई त भुंपालू काका न वैबरी अपणि अणसाळ कि आग बुझाई अर अणसाळ इ तोड़ी द्याई
मेरी समज मा कुछ नि आई त मीन पूछ," ये काका यि क्या तुमन त अपणि अणसाळ इ तोड़ी दे?"
ल्वार काका न बिंगाई," ब्यटा यांको साफ़ मतबल च कि अब हमर गाऊँ बिटेन सब्यूँन शहर चली जाण अर गाऊंन अब हौरि बि सफाचट खालि ह्व़े जाण त मी बि भोळ शहर जाणु छौं अर उखी चुहेदानी क अणसाळ खोलुद."
मी भोंपालू काका ड़्यार बिटेन अपण ड़्यार औणु छौ त क्या दिखुद कि रस्ता मा लुखुंदर अर मूस नचणा छ्या अर गाणा गाणा छ्या , " जै हो भरात मा फोरेन इन्वेस्टमेंट की ! अब त गौं मा मनिख राला इ ना . अब त सबि गावुं मा हम मुसुं अर लुखुंदरूं को इ राज होलु."
Copyright@ Bhishma Kukreti 17/9/2012
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