एक दिन
सड़क से लगे
एक गाँव में
भ्रमण पर आए मंत्री जी
स्वागत द्वार देखकर
हक़-चक रह गए
लोगोँ से पूछा
गेट पर यह
क्या लगा रखा है
यहाँ केला,आम,चीड नहीं मिलता ?
गाँव के सरपंच ने कहा-
मंत्रीजी !
आम,केला तो इधर नहीं हैं
चीड के पेड़ बहुत हैं
लेकिन जंगलात वाले
आजकल बहुत रेंग रहे हैं
चीड के पेड़ तो क्या
एक झुम्पा भी नहीं तोड़ सकते
कुछ सालों से हमारे गाँव में
बेहिसाब रौदेड़ा फ़ैल रहा है
गेट तो आपके लिए
बनाना जरूरी था
हमने सोचा
कुछ तो
रौदेड़ा घट जायेगा
गेट भी बन जायेगा
बिजली के खम्भे के दूसरी ओर
एक पाईप खडा कर
दोनों पर
रौदेड़ा लपेट दिया है
मंत्रीजी बोले-
यह रौदेड़ा क्या बला है ?
सरपंच ने कहा-
मंत्रीजी ! अगली बार
जब भी कभी
साल दो साल बाद
आ सको तो
जब भी आओगे
इस गेट पर रौदेड़ा को
यूंही हरा-भरा पाओगे
यूं भी निकट भविष्य में
हमारे पहाड़ में रौदेड़ा
संवेदनशील मुद्दा बनने वाला है
अगला चुनाव यहाँ पर
रौदेड़ा के बुज्ज्यूं तथा
उनके अन्दर छिपने वाले
जंगली सूअरों पर केन्द्रित होगा
जिस पार्टी के नेता
रौदेड़ा के विरुद्ध
अभियान चलाएंगे
जंगली सूअर भगायेंगे
हम वोट उन्हें ही देंगे
सिर्फ उन्हें ही जिताएंगे
और जो लाल बत्ती वाली
गाड़ियों में बैठकर
सड़कों में बेमतलब
स्वीं-स्वीं टुयीं-टुयीं
करते रहेंगे
उनके लिए हम
कर भी क्या सकते हैं
सिर्फ रौदेड़ा के बुज्ज्यों का
गेट बना सकते हैं.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल ..सर्वाधिकार सुरक्षित narendragauniyal@gmail.com
सड़क से लगे
एक गाँव में
भ्रमण पर आए मंत्री जी
स्वागत द्वार देखकर
हक़-चक रह गए
लोगोँ से पूछा
गेट पर यह
क्या लगा रखा है
यहाँ केला,आम,चीड नहीं मिलता ?
गाँव के सरपंच ने कहा-
मंत्रीजी !
आम,केला तो इधर नहीं हैं
चीड के पेड़ बहुत हैं
लेकिन जंगलात वाले
आजकल बहुत रेंग रहे हैं
चीड के पेड़ तो क्या
एक झुम्पा भी नहीं तोड़ सकते
कुछ सालों से हमारे गाँव में
बेहिसाब रौदेड़ा फ़ैल रहा है
गेट तो आपके लिए
बनाना जरूरी था
हमने सोचा
कुछ तो
रौदेड़ा घट जायेगा
गेट भी बन जायेगा
बिजली के खम्भे के दूसरी ओर
एक पाईप खडा कर
दोनों पर
रौदेड़ा लपेट दिया है
मंत्रीजी बोले-
यह रौदेड़ा क्या बला है ?
सरपंच ने कहा-
मंत्रीजी ! अगली बार
जब भी कभी
साल दो साल बाद
आ सको तो
जब भी आओगे
इस गेट पर रौदेड़ा को
यूंही हरा-भरा पाओगे
यूं भी निकट भविष्य में
हमारे पहाड़ में रौदेड़ा
संवेदनशील मुद्दा बनने वाला है
अगला चुनाव यहाँ पर
रौदेड़ा के बुज्ज्यूं तथा
उनके अन्दर छिपने वाले
जंगली सूअरों पर केन्द्रित होगा
जिस पार्टी के नेता
रौदेड़ा के विरुद्ध
अभियान चलाएंगे
जंगली सूअर भगायेंगे
हम वोट उन्हें ही देंगे
सिर्फ उन्हें ही जिताएंगे
और जो लाल बत्ती वाली
गाड़ियों में बैठकर
सड़कों में बेमतलब
स्वीं-स्वीं टुयीं-टुयीं
करते रहेंगे
उनके लिए हम
कर भी क्या सकते हैं
सिर्फ रौदेड़ा के बुज्ज्यों का
गेट बना सकते हैं.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल ..सर्वाधिकार सुरक्षित narendragauniyal@gmail.com
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