हम त भैजी ,अपणा घार मां ठगेंदा ही रै गयां
कोरी -काची गप्प दाज्यू ,हम लुट्येंदा रै गयां.
राजनीति ,धर्म ,जाति,क्षेत्रवाद का वाद मां
मवासी घाम,तुम त लमसट,हम थिन्चेंदा रै गयां .
तुंड तुम क्याजी करां,हम त खौंळयाँ रै गयां
तुम्हारी खेत्युं सोनू,हमारी जख्या बौळे गयां .
तुम्हारी कूड़ी चम्म चमाचम हमारी ह्वै खन्द्वार स्या
हंसणा मुल-मुल्कै भैजी ,हमत रून्दा रै गयां .
कैको ह्वै निर्बिज्जो राजनीत नी पछ्याणि साकी रै
उप्पन,चिलगट ,झौडा संगुळ मनखी कख हम रै गयां
कोरी -काची गप्प दाज्यू ,हम लुट्येंदा रै गयां.
राजनीति ,धर्म ,जाति,क्षेत्रवाद का वाद मां
मवासी घाम,तुम त लमसट,हम थिन्चेंदा रै गयां .
तुंड तुम क्याजी करां,हम त खौंळयाँ रै गयां
तुम्हारी खेत्युं सोनू,हमारी जख्या बौळे गयां .
तुम्हारी कूड़ी चम्म चमाचम हमारी ह्वै खन्द्वार स्या
हंसणा मुल-मुल्कै भैजी ,हमत रून्दा रै गयां .
कैको ह्वै निर्बिज्जो राजनीत नी पछ्याणि साकी रै
उप्पन,चिलगट ,झौडा संगुळ मनखी कख हम रै गयां
@ पूरण पंत पथिक
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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