गढ़वाली व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा
खावन प्यावन औरुक मार खावन गौरुक (ब्लेम गेम्स)
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अपण कसूरो जगा पर दुसर पर भगार लगाणो ब्लेम गेम बुल्दन अर गढ़वळि मा यां पर मिसल बि च बल खावन प्यावन औरुक मार खावन गौरुक. उन मिसल औरी बि छन जन कि अपण पूठो गू हैंको पर पुंजण, अपण अन्दाळो बान हांको तै गाळि दीण .
ब्लेम गेम या दुसर पर अपण कसूरो भगार लगाण एक टुटब्याग च. अब द्याखो ना वैदिन ब्य्खुन दै रामसरूप ग्वाठम गोरु जग्वाळ मा छौ. नौनु ह्वाई वु हैंक ग्वाठम अपण दगड्या क दगड खिलबगाड़ लगि ग्याई अर इथगा मा बाग़ द्वी चिनख उठै क लीगे . रामसरूप न अपण बुबा पर इ भगार लगाई दे कि चिनखूं तंदला इ कमजोर छौ. रामसरूपौ बुबान अपण कज्याणि घमकै द्याई कि वीन सुबेर सुबेर गाळि जी दे छौ. टुटब्याग म इन नि दिखे जान्द कि भगार कै पर लगणि च बस कसूरवारो काम हुंद बल अफ़ु तै बचाण.बाकी ब्व़े मार खै बि द्यालि त क्या ह्वाई मि भतका-चटका खाण से त बचि ग्यों ना!
जब बि कैको नौनु इमतान मा फेल हूंद त ब्व़े बाब शिक्षा विभाग कि डंडलि सजाण मा दिन रात एक करि दीन्दन. ब्लेम गेम एक मनोवैज्ञानिक बीमारी बि च.
कसूर अपण अर भगार दुसर पर लगाणो उदारण सेल्स लाइन मा मीन भौत दिख्युं च. सेल्स या ब्यौपार कम ह्वाओ त सेल्समैन बुल्दन क्या करां साब ! कंपिटीटर का रेट भौत कम छन अर यू सेल्समैन इन कबि नि बुल्दु कि ऑर्डर लीणों बीस दुकानु जगा वु पांची दुकानु मा ग्याई . फिर हैंको बुल्दु बल साब ! टार्गेट कनै पूर हूण कंपनी सर्विस ही भौत बेकार च. यू सेल्समैन कबि बि स्वीकार नि करदो कि ये तै दिन मा बि शराब पीणै लत जि लगि ग्याई. तिसरु बुलद बल साब! अच्काल त सीजन इ नी च अर इन नि बुल्दु कि सेल्स टूर बिची मा छोडि वु चोरि छिपी अपण गाँ ह्वेक आई.गां मा जमीन नि बिकी त भगार हीण सीजन पर लगै दे. ब्लेम गेम या भगार लगाणो खेल मा इन नि दिखे जांद कि जैक लूण खाण हो वैक दगड इमानदारी बरतण चएंद. उन भगार लगाण बहाना क एक रूप बि च.
कथगा इ कसूरवार निर्दयी हून्दन. वो अपण गुनाह लुकाणो बान कैकी मौ जौ बि उजाड़ी दीन्दन.
अच्काल त पत्रकारिता ब्लेम गेम की नई मिशाल कायम करण मा लगीँ च. जख द्याखो भगार लगाणो समाचार छन, खास खबर मा भगार, पेज थ्री मा भगार, सम्पादकीय मा भगार, वित्तीय समाचारों मा भगार अर लांछन, खेल जगत मा भगारों की भरमार. इन लगद जन पत्रकारिता क एकी ध्येय रै गै भगार लगाण.
जरा प्रशासन मा नजर त मारो उख त एक विभागक दुसर विभाग पर भगार लगाणो बान पांति लगी रौंदन. एक विभाग बुल्दु बल हमर इख काम इलै नि होणु च बल दुसर विभाग वळ फटाफट काम खतम करदन अर फाईलुं चट्टा हमर विभाग मा लग जांद अर इथगा जादा फाइल देखिक हमर विभगाक लोग फगोसे जान्दन.
भौत सा संस्थानों मा जब बि क्वी कौनफेरेंस त ब्लेम एक पाळि बिटेन हैंक पाळि ज़िना इन चलदन जन बुल्यां टेनिस कु खेल चलणु ह्वाऊ. एक हैंको पर ब्लेम कु बैक स्पिन करदो त समणि बिटेन क्रोस ओवर की भगार को जबाब ऐ जान्दो.. याँ मा पीठ पैथर चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी बुलदा बि छन आज त ब्लेम गेम डे च.
ब्लेम गेम माने अपण अंगुळि दुसरौ तरफ कारो अर जरा कैकी अंगुळि तुमर तरफ आओ त वैकी अंगुळि इ ना मौणि मड़कै द्याओ .
फिर ब्लेम गेम मा दुसरो ध्यान कै हैंकि जगा बौड़ये जांद अब जन कि कौंग्रेस न कोलगेट क दोष लुकाणो बान खुरदरा व्यौपार मा विदेशी निवेश आदि क योजना लागू कर दे .कम पूँजी निवेश अर कम उद्यम का वास्ता कथगा इ मंत्री संतरी विरोधी पार्टी वळु पर भगार लगै दीन्दन.
कथगा इ नेता कै बि आन्दोलन, घटना या दुर्घटना तै विदेसी हाथ से जोड़ दीन्दन. ब्लेम गेम या भगार लगाणो खेल को यू स्वर्णिम आधार च .
अपण दिग्गी बाबू त माख बि मुर्दन त वांक दोष राष्ट्रीय स्वयं संघ पर लगै दीन्दन.
भारतीय जनता पार्टी दुसर पर भगार लगा न मा बि काम नि च. लोकसभा मा जोर जोर से घ्याळ करदन अर धमा चौकड़ी मचान्दन अर फिर बेशरमी से सरकार पर भगार लगांदन कि सरकार लोक सभा चलाण इ नि चांदी.
द्याख च आपन अपण शरद पंवार जी तै एक दिन बुलण बैठीन बल खाण पीणो चीजों कि मंहगाई रुकणो बान सरकार कुछ नि करणि च . ये म्यार भुभरड़ ! कृषि मंत्री इ सरकार पर भगार लगाणु बल खाद्य पदार्थों दम किलै बढ़णा छन? अर कवी पुछ ण वाळ बि नी च बल ये भै मंत्री त सरकार कु अंग होंद कि ना ?
अब द्याखो ना वैदिन खबर आई बल मनमोहन जीन सोनिया जी तै बताई बल कोयला खदानों क लाइसेंस दीण मा अहमद पटेल (सोनिया जीक मुख्य सचिव) कि अहम भूमिका च. अब बथाओ भारत कु सबसे बड़ो साब बि दुसरो शिकायत कारल त इनी त बुल्याल बल हमर प्रधान मंत्री बि बलम गेम मा माहिर इ ना ब्लेम गेम का बड़ा डाक्टर छन .
ब्लेम गेम या भगार कु खेल मा कै ना कैकी बळि जरुरी हूंद. जन कि आदर्श घोटाला या हौरी बि घोटाला मा बळि क बुगठया सरकारी ऑफिसर इ बणदन, दोषी नेता त उल्टा यूँ बळि क बुगठयों मौणि काटणो बान खुन्करी पळयांदु .
एक बात सत्य च बल ब्लेम गेम या भगारो खेल मा छ्वटा छ्वटा प्यादा इ धराशयी होन्दन बड़ा बड़ा शातिर त बच इ जान्दन . द्याखदी कलमाड़ी जी त ओलम्पिक खेल दिखणो बान लन्दन ह्वेक बि ऐ गेन.अर सी अम्बानी सरीखों क मैनेजिंग डाइरेक्टर जेल घूमी घामिक ऐ गेन अपण अनिल अम्बानी बुलणु राई बल मै त पता इ नी च कि म्यार संस्थान मा कु क्या करद. ब्लेम गेम या भगार लगाणो यो बि एक सास्वत नियम च कि अफु तै अजाण साबित करि द्याओ अर भगार से बची जाओ.
Copyright@ Bhishma Kukreti 25/9/2012
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