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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, September 11, 2012

वांक बान देवप्रयाग इ ठीक रालो

गढ़वाली हास्य व्यंग्य साहित्य
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
 
                                 वांक बान देवप्रयाग इ ठीक रालो
 
                                     चबोड्या- भीष्म कुकरेती
 
अबि युगवाणि क जुलाई अंक मा एक खबर आई वल एक उत्तराखंडौ भूत पूर्व पर्यटन मंत्री अपण कार्यकाल मा ग्यारा दै उन्ना देस/विदेश जातरा पर गेन अर यूँ जात्राक खर्च आई एक करोड़ अडतीस लाख अठाईस हजार रूप्या . अर युगवाणी न सवाल कार बल उत्तराखंड पर्यटन तै याँ से क्या फैदा ह्वाई? म्यार दिखण से या म्यार हिसाब से इखमा भूतपूर्व मंत्री क क्वी गलती नि रै होली. मीन स्वाच जब बि पर्यटन मंत्री उन्ना देस (विदेस) से बौडिक ऐ होला ऊँन इन वार्तालाप कौरी होलु.

जूनियर सेक्रेटरी - वेलकम सर !
पर्यटन मंत्री- अहा ! थैंक यू
जूनियर सेक्रेटरी - सर उन्ना देसै जातरा कन राई ?
प.मं. - अहा ! पैला दै से बिंडी मजा ऐ भै ! मानण पोड़ल कि विदेसी लोग यात्रियुंक याने पर्यटकों संख्या बढ़ाणो बान नया अर काम का ब्यूंत खुज्याणा रौंदन
जू. सेक्रे. अच्छा सर ! त इख बि कुछ कारो कि उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन मा महाराजा ह्व़े जाओ
प.मं.- अहा उख बर्लिन मा मजा ऐ ग्याई . अरे नौन वेजिटेरियन खाणक क्या बुलण . खाणक बढिया अर बनि बनिक हूण से पर्यटक आकर्षित हूणा छया. बीफ , माछों , पार्क, चिकन अर पता नि क्यां क्यांक शिकार खाई मीन धौं, सौब मजेदार लज्जतदार . आज बि मीट- मछी क सवाद समळिक /याद कौरिक अन्दड़ भैर ऐ जान्दन अर जीब मा पण्यो लगि जांद . रस रस रस्याण.
जु.सेक. त आपक क्या राय च ?
प.मं. म्यार त बुलण च बल बद्रीनाथ जन जगा मा बीफ, सुंगर आदि क होटल खोले जावन जु विदेसी तर्ज पर नॉन वेजिटेरियन डिशेज सर्व कारन अर पर्यटकों तै आकर्षित कारन.
जु.सेक्र. - पण सर यू ह्वेई नि सकुद .
प.मं. - किलै नि ह्व़े सकुद. मी पर्यटन मंत्री छौं त मेरी बि चल्दी च कि ना ?
जु.सेक्र .- सर आपक जरुर चल्दी च तबि त आप सात दै विदेस जातरा कौरिक ऐ गेवां
प.मं. - त फिर बद्रीनाथ जन जगाओं मा पच्छमी देसूं तर्ज पर नौन वेजिटेरियन होटल किलै नि खुले सक्यान्दन ?
जु.सेक्र.- सर यि धार्मिक स्थल छन अर यूँ जगा मा नियमों हिसाब से नौन वेजिटेरियन खाणक नि बौण सकुद
प.मं.- त अब्याक अबि नियम बदली द्याओ कि सौब धार्मिक जगों मा केवल नौन वेजिटेरियन खाणक बणेये जाउ.
जु.सेक्र.- सर लीगल बात त छ्वाड़ो . आपन साधुंक चिमटा दिख्यां छन ?
प.मं.- उत्तराखंड मा साधुं क्या काम ? अर यि हूंद कु छन मै सरीखा मंत्री क बात टळण वाळ ?
जु.सेक्रे. - सर जब साधुंउं क चिमटा पूठ मा लगदन त इ पता चल्द कि यि क्या हुन्दन. धार्मिक स्थल मा सार्वजनिक तौर से नौन वेजिटेरियन फ़ूड सर्व नि करे सक्यांद
प.मं. - अरे यी बि क्वी बात ह्व़े भै कि धार्मिक स्थल मा नौन वेजिटेरियन फूड सर्व नि करे सक्यांद . अरे पर्यटक बढ़ाणन त धार्मिक स्थलों मा नौन वेजिटेरियन फ़ूड सर्व करण जरूरी च.
जु.सेक्रे.- सर रणि द्याओ यिं बात तै अपण माइंड से निकाळि द्याओ . ब्रिटिश राज मा यू नि ह्व़े साको त अब बि नि होलू. हौर कवी नयी योजना क बारा मा बथाओ.
प.मं.- मीन उख विदेस मा द्याख कि बाइबल की बडी मांग च अर जगा जगा चर्च छन खुल्यां. चर्चुं मा क्या भीड़ रौंदी उख. त सौब धार्मिक स्थलों मा दु दु चर चर बड़ा बड़ा चर्च बणये जावन अर पर्यटक बढ़ये जावन.
जु.सेक्रे.- सर आप कबि बद्रीनाथ केदारनाथ जयां छन ?
प.मं. - नै भै मी बड़ो प्रक्टिकल आदिम छौं .यूँ भगवानुं चकर मा नि पड़दु . अर विदेस यात्रा से फुर्सत मीलल त मि कखि जौंलु ना ?
.जु.सेक्रे. - ओ त मी बताई द्यूं कि यूँ धार्मिक स्थलों मा चर्च नि चिणे स्क्यान्दन .
प.मं. - अरे इन कने ह्व़े सकुद कि सेक्युलर कंट्री मा चर्च नि चिणे सक्यान्दन . मि मुख्यमंत्री से बात करुल
जु.सेक्रे.- सर क्वी हौर राय च ?
प.मं. अहा क्या म्यूजिक च भै उख यूरोप अर ऑस्ट्रेलया मा . इन कारो हरेक धार्मिक स्थल मा वेस्टर्न म्यूजिकल एंड परफौरमिंग आर्ट गैलरी खुले जावन.
जु.सेक्रे. सर हमारो काम च कि अप नि संस्कृति तै बढ़ावा द्यूंवां ना कि वेस्टर्न कल्चर तै विकसित कौरवां
प.मं.- अच्छा ! हमारि बि क्वी संस्कृति च . मीन त नि सूणि कि क्वी ...
जु.सेक्रे. -सर क्वी हौर जतन बथाओ
प.मं.- अरे भै ! उख कै बि शहर मा जाओ त जुआ घरूं मा जुवार्युं पिपड़कारो मच्यूं रौंद. कसीनो मा भौत भीड़ होंदी . अर दुनिया का हरेक जगों बिटेन बड़ा बड़ा धनी पर्यटक जुआ खिलणो आन्दन . त इन करदवां कि हरेक धार्मिक स्थल मा इके दु दु सरकारी जुआ घर खुल्दवां . सरकार तै अरबों रूप्या क मुनाफा बि ह्वालु अर धनी पर्यटक बि उत्तराखंड मा आला .
जु.सेक्रे.- सर आपकी जानकारी क वास्ता मि बथै दीन्दो कि सम्बिधान मा जुआघर खुल अपराध च
प.मं.- त पर्यटन बढ़ाण बान संबिधान इ बदले जाओ
जु.सेक्रे.- सर यू काम भारतीय संसद कु च ना कि विधान सभा कु
प.मं.- त फिर कनकैक जुआ घर खुले जावन ?
जु.सेक्रे.- सर जुआ घर त खुलि नि सकदन. सर क्वी हौरि नया आइडिया बथाओ कि कन कैक धार्मिक स्थलों मा पर्यटन बढ़ाये जाऊ
प.मं .- अरे हाँ अरे यार उख जु चकला घर दिखेन मीन ना. वो , हो वो हो . हरेक जगा चकला घरों क शो विंडो मा नौनी बिठाळि रौंदन आर वींक गातो मेजरमेंट सौब लिख्युं रौंद अर प्रति घंटा रेट बि लिख्युं रौंद जां से पैथर वैश्या अर ग्राहक मा क्वी झगड़ा नि ह्वाओ . चकला घरूं मा पर्यटकूं क्या भीड़ रौंद
जु.सेक्र.- सर आपक क्या राय च ?
प.मं . - मेरी राय च कि हरेक धार्मिक स्थल मा सरकारी वैस्यालय खोले जावन . अर ट्रायल बेसिस पर देव प्रयाग मा एक वैस्यालय खोले जाउ . म्यार दिखण से ट्रायल बेसिस पर देव प्रयाग वैस्यालय क बान ठीक रालु.
जु.सेक्रे.- सर ! आप फिर भैर देसु टूर पर कब जाणा छंवां ?
प.मं. - बस अबि सि परस्यूं क टिकेट छन...
जु.सेक्रे.- सर कबि इखाक पर्यटक स्थल बि त द्याखो .
प.मं.- हाँ जब टैम मीलल त एकाद जगा दिखलु
(यू लेख कल्पाना पर आधारित च अर जु सत्य ह्व़े होलू त मेरी क्वी गलती नी च )

Copyright@ Bhishma Kukreti 11/9/2012  

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