कथाकार- डा. नरेन्द्र गौनियाल
वै दिन बीरू कु रेस्ट छौ.वैका दगडया कि डयूटी छै.राजौरी सेक्टर मा कुछ फौजी बौडर तक भ्यजणो गाड़ी लिजाणी छै.ड्यूटी वलो दग्डयन बोलि कि आज मेरि तब्यत कुछ ठीक नी.बीरून बोलि कि तू आराम कैर,मि चलि जौंलू.ऊ चट्ट तैयार ह्वैकी गाड़ी लेकि चलिगे.बौडर मा जनि गाड़ी अपणा ठिकाना पर पहुँचण वली छै,वाँ से पैली ही छोप मा बैठ्याँ दुश्मन कु फायर खुलिगे.हमारा फौजी भयोंन मोर्चा संभाली कै जबाबी फायरिंग करे.बीरून गाड़ी हैंका तरफ सुरक्षित जगा मा घुमाणे कोशिश करे पण एक गोली वैका बरमंड मा लगी गे.कुछ लोगोँन मोर्चा समालि अर कुछन बीरू तै अस्पताल पहुँचने कोशिश करे,पण बीरू तै इलाज कि जरूरत नि पड़ी.ऊ मुल्क का वास्त शहीद ह्वैगे.
''जतो नाम ततो गुण'',य कहावत अपणा मुल्क का बीर सपूत बीरून पूरी करे.मौत हो त इनि. दुःख का दगड़ गौरव.वियोग का दगड़ अमरत्व.कारगिल युद्ध का दौरान अपणु क्षेत्र कु यू पैलू बीर छौ जैन बीरगति प्राप्त करे.जनि यूनिट बिटि बीरू कि शहादत कि खबर लैंसडाउन पौंछि पूरी छावनी मा मातम छैगे.यख ही गढ़वाल राईफल मा बीरू भर्ती ह्वै छौ २० साल पैली.दुःख का दगड़ छावनी मा फौजी वैकी शहादत पर फख्र बि महसूस करना छाया.बीरू कु पार्थिव शरीर लैंसडाउन पहुँची, तब वख बिटि सैनिक सम्मान का साथ शवयात्रा शुरू ह्वैगे.
पौड़ी जिला मा नैनीडांडा विकास क्षेत्र,गुजडू पट्टी मा बसोली गौं मा स्व० तेजराम सुन्द्रियाल जि कु ठुलू नौनु छौ बीरू.दर्जा पांच तक डूंगरी मा पढ़णा का बाद दस पास इंटर कॉलेज अदालीखाल बिटि करे.मि बि फख्र करदू कि बीरू शहीद मेरो क्लास फैलो छायो.दर्जा छै बि टि दर्जा आठ तक हम नजदीक ही क्लास मा बैठ दा छाया.नौ मा सेक्सन बदली गे.दस पास करिकै बीरू गढ़वाल रायफल मा भर्ती ह्वैगे.जब बि कबी छुट्टी मा घौर आन्दु छौ,तब खूब छवीं लगान्दु छौ फौजी जीवन कि.२० साल नौकरी करना बाद रिटेर्मेंट कि तैयारी करीं छै.जेठ कु मैना ऊ छुट्टी आण वालो छौ,अचानचक कारगिल युद्ध शुरू ह्वैगे अर छुट्टी कैंसिल ह्वैकी ड्यूटी राजौरी सेक्टर मा लगीगे,जख ऊ शहीद ह्वैगे.
शवयात्रा लैंसडाउन बिटि कोटद्वार,नजीबाबाद,धामपुर ह्वैकी जनि काशीपुर पौंछि,भीड़ और जादा बढ़दी गे.काशीपुर मा पूरो बाजार बंद ह्वैगे.हजारों-लाखों कि संख्या मा जनता फूल-माला लेकि शहीद बीरू तै श्रद्धांजलि देणी छै.काशीपुर बिटि रामनगर तक घंटों लगी गईं.रामनगर मा पूरी सड़क भीड़ से भारी गे.हजारों लोग शहीद का दर्शन का वास्त जमा ह्वैगेनी.प्रशासनिक अधिकारी,सामाजिक कार्यकर्त्ता,राज्य आन्दोलनकारी संगठन,,महिला,छात्र,शिक्षक,कर्
क्षेत्र का सांसद,विधायक,मंत्री,डीएम्,एसडी
सुबेर स्थानीय श्मशान घाट सल्डमहांदेव तक तीन घंटा मा शवयात्रा पौंछि.ये इलाका का सबी बाजार,स्कूल बंद ह्वैगी.सुबेर बि टि ही शहीद तै आखरी बिदाई देनो भारी जनसमूह जमा ह्वैगे.फौजी भयों सैनिक सम्मान का दगड़ शहीद तै अंतिम सलामी दे.बीरू कु १२ साला नूनं अपनों शहीद बुबा कि चिता तै मुखाग्नि दे...नारा लग्न रैं.--जब तक सूरज चाँद रालो..बीरू तेरो नाम रालो.
द्वी-चार दिनों तक अख़बारों मा बीरू ही रहे.शहीद का आश्रितों अर परिवार का वास्त,गौं का वास्त कई सरकारी घोषणा ह्वैगीं.कुछ पूरी ह्वैनी अर कुछ उन्नी रैगेनी..कुटमदरी का आंसू बि हर्बी सुखन लगी गी.अपणी शहादत से ठीक एक साल पैली बीरू अपनों एक शहीद फौजी चिनवा ड़ी को बीर सतपाल सिंह को पार्थिव शरीर लेकि खुद ऐ छायो.तब ऊ एक बात बोलि गे छयो कि,''देश का वास्त शहीद हूणों हरेक फौजी को कर्तब्य अर दिली इच्छा हूंद.,पण इनु गौरव हरेक तै नि मिलदु..आखिर बीरून अपणी शहादत कि कामना पूरी करे अर अपनों मुल्क,गौं,ब्वे-बाप सब्यूं कु नौं रोशन करे.
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments