उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, September 2, 2012

नेताण ब्वारी

(आज का दूषित राजनैतिक माहौल मा रूप्या की भूख अर भ्रष्टाचार पर एक व्यंग्य कथा)   

                    कथाकार-डॉ नरेन्द्र गौनियाल 

घसकटा ब्वारी नेता बणि गे.कमै धमै  खूब. क्य कन ईं कमै कु.घर की लाज का समणि रुपयों कु क्य मोल ? पण जमानो ख़राब.रुपयों का बाना आज लोग कुछ बि करणो तैयार ह्वै जन्दिन.रुपयों की भूख मन्खी तै कुछ बि करणो मजबूर करि दींद.साधारण सि पढीं लिखीं ब्वारी.मुश्किल से बार पास.द्वी दा बीए कु प्राईवेट फौरम बि भरि,फेल ह्वैगे.गौं मा घास-पात,गोठ-गुठ्यार,खेती-पाती,खाणि-पीणी बणाणि,लारा-लत्ता धोणा मा ही लगीं रैंदी छै.वाँ से जादा न त वींकी अकल छै ,न वींकी शकल.

            पंचैत चुनौ मा महिला रिजर्वेसन सीट से चुनौ लड़ी अर भाग से जीति की बीडीसी मेम्बर बणिगे.अब मीटिंग मा जाणु शुरू ह्वैगे.कांधी मा एक किरमिच कु बैग,आंख्युं मा काजल,होंठों मा लिपस्टिक अर प्लास्टिक का सैडल चटगैकी वा हर्बी चबोड़ मा ऐगे.बीडीसी  का बजट मा खूब सपोड़ा-सपोड़ कैरि.वींकु अपणो आदिम बि भौत चालू अर रूप्या कु मैती.जंक-जोड़ मा माहिर.  ऊ बि तीन दा दस अर द्वी दा बारा मा फेल ह्वै छौ.प्राईवेट इम्तहान मा नक़ल मारि की मुश्किल से पास ह्वै. वैका बुबन रूप्या देकी वैकि नौकरी बि लगै दे.नौकरी का दगड़ी ब्वारी का कांधी मा नेतागिरी बि शुरू ह्वैगे.ब्वारी का फर्जी दस्खत करि की वैन कतगे भला-बुरा काम शुरू करि दीं.रूप्या कमाणो वास्त ऊ कुछ बि करणो,करवाणो तैयार.महिला आरक्षण कु गैरफ़ायदा यु बदमाश उठाणा छन. 

         एक दिन बल कुछ लोगोँन ब्वारी तै कैका दगड़ वैका कमरा मा कुछ गलत हालत मा देखि दे..द्वी-चार दिन तक लोगोँ मा खुसुर-पुसुर ह्वै. हर्बी लोग बिसरि गीं.पण वैका बाद ब्वारी तै लाखों को काम मिलि गे.कखि मा रस्ता,खडंजा,सी सी मार्ग,पाणि कि टंकी,पंचैत घर,नहर,कूल हौरि बि कतगै काम.लपोड़ा-लपोड़ कैरि लाखों रूप्या कमै दीं.हैंका दा जिला का पंचैती चुनौ मा बि जीती गे.खूब दारू की चखळ-पखळ करि दे.इनु बि सुणे कि एक दारू माफियान तब ब्वारी तै जीताणो बान कतगे पेटी दारू अर लाखों रुपयों कु इंतजाम बि करे. ऊ खुद बि चुनौ लडणू छौ अर वैकि नजर बड़ी कुर्सी पर छै.लोगोँ मा छवीं त इनी बि लगी कि ब्वारी वैका दगड़ गोवा घूमणो बि गै.

           अब त ब्वारी नेताण बणिगे.वींकु आदिम अर वा छक्वे रूप्या खैकी लोगोँ का काम करणा छन.ब्वारी का भ्वार खूब नेतागिरी चलनीं च.कमीशन ले दे कि खूब काम हूणा छन.रुपयों कि छका छोळ.गाडी,बंगला,बैंक बैलेंस,सब चकाचक.काशीपुर,दिल्ली,देरादूण मा प्लौट,फ़्लैट.पौबारा हुयाँ छन.कतगै बड़ा लोगोँ,नेताओं,ठेकेदारों से अपण्यास च.नेता बणि कि भौत कुछ पै यालि,पण निरबै ब्वारी तिन भौत कुछ ख्वै यालि.               
           
          डॉ नरेन्द्र गौनियाल..सर्वाधिकार सुरक्षित..narendragauniyal@gmail.com

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments