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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, June 5, 2012

ढाबा मा एक रात : एक कौतूहलपूर्ण नाटक

अनुवाद - भीष्म कुकरेती
स्वांगौ मनिख (Dramatis Personae )
१- टौफ़- जैक धन धान्य सौब खतम हुयुं
२- बिल
३- नाविक (Sniggers )
४- क्लेश चर्च को पैलो पुजारी /प्रीस्ट
५- क्लेश चर्च को दुसरो पुजारी/प्रीस्ट
६- क्लेश चर्च को तिसरो पुजारी/प्रीस्ट
७- अल्बर्ट थोमस
दृश्य -
(पर्दा उठद- एक ढाबा क कमरा को सीन )
(कमरा मा स्निगर्स अर बिल बचळयाणा छन, टौफ़ अखबार बंचणु च त अल्बर्ट जरा अलग सि बैठ्यु च )
स्निगर्स --पता नि वैको क्या खयाल च धौं? कुजाण क्या सुचणु च धौं?
बिल-- क्या पता, कुजाण ..
स्निगर्स -- वु कब तक हम तै इख राखाल धौं?
बिल- हम इख तीन दिन बिटेन छंवां
स्निगर्स --अर हमन इख एक बि मनिख नि द्याख
बिल- अरे भै पब को किराया सस्तो बि त च
स्निगर्स --अच्छा कब तलक वु हम तै ठऐरण द्यालों ?
बिल- वैको कुछ पता नि चलद
.स्निगर्स --इख भौति इकुलास च हाँ!
बिल- ये टौफ़ ! कथगा दिनु क किराया भर्युं च भै?
( टौफ़ क्वी ध्यान नि दीन्दो बस अखबार मा लीन रौंद )
स्निगर्स --उंह टौफ़ी....
बिल- पण यू होसियार च . क्वी गलती ना...
स्निगर्स -- जु जादा इ हुस्यार होन्दन ना वी इ गडबड़ी करदन. यून्का प्लान दिखेण मा बढिया होन्दन पण व्यवहार मा आँदी नि छन. अर फिर सौब गडबड घोटाला ह्व़े जांद. तुमारि अर हमारी योजना से बि बेकार
बिल- ऊँ ऊँ .
स्निगर्स -- मै तै या जगा पसंद नी च
बिल- किलै ?
स्निगर्स -- बस , दिखेण मा या जगा ठीक नी च
बिल-वैन हम तै इख इलै राख जां से वो तीन का ल़ा पुजारी हम तै नि खुजे सौकन . पता नि वो तीन मूर्तिपूजक पुजारी किलै हमार पैथर पड्या छन धौं? बस अब त इखन जैक जल्दी से जल्दी यू मणि बिचण बस.
अल्बर्ट- अब क्वी खतरा नी च .
बिल- अल्बर्ट तू इन किलै बोली सकद बल खतरा नी च ?
अल्बर्ट- धक्का.वूंक कपाळ पर पीला चंदन का त्रिपुंड छयो . मीन मणि लूठ अर फिर तिन्युं माचदो तै धक्का दे द्याई.अर छकै क मूर्ति क मणि लूठ
बिल- अल्बर्ट , आखिर तीन कनकै कार यू सौब?
अल्बर्ट- मीम मणि छौ अर वो म्यार पैथर पड्या छया .
बिल- पण वूं तौ पता कनकै चौल कि त्वे मा मणि छन. तीन त नि बोलि ?
अल्बर्ट - ना ना मीन त ना. पण वो जाणि जान्दन .
स्निगर्स --अल्बर्ट! वो इन कनकै जाणि जान्दन ?
अल्बर्ट - बस वो जाणि जान्दन कि मणि कैमा छन. मीन मणि लूठी याल छे . मी पुलिस मा ग्यों त पुलिस वाळन ब्वाल बल वो बिचारा गरीब काळा लोग छन वो कैक नुकसान नि करी सकदन.ये मेरी ब्व़े ! फिर मै याद आन्द कि यूँ तिन्नी काळो न माल्टा मा जिम बुड्या क क्या बुरा हाल करीन ..उफ़ ए मेरी ब्व़े!
बिल- हाँ अर बौम्बे मा जोर्ज क दगड क्या कार .. अब वो हमारा पैथर ...
स्निगर्स -- उफ़ हे मेरी ब्व़े ...
बिल- पण तीन वूं तै पुलिस मा दीण छौ ..
अल्बर्ट- बिल ! मणि क क्या ह्व़े?
बिल- आह !
अल्बर्ट- मीन वूं तै भौत छकाई. कबि इना कबि उना . कबि उब कबि उन्द कबि ...खरगोस जन मीन ऊं तै भरमाई, स्याळो जन धोका द्याई अर धक्का दे द्याई .फिर मूर्ति बिटेन मनि गादी दे ..फिर मीन जग्वाळ कार अपर कखी ऊं मुर्ति पूजकुं अता पता नि छौ.
स्निगर्स -- क्या
अल्बर्ट- हाँ मीन ऊँ कपाळ पर पीली चन्दन को लेप वळु तै धक्का , धोका द्याई । अब वो क्वी गैर धर्मी मादे क्वी नी च ।
बिल- अल्बर्ट ! तीन भौत बढिया कार
स्निगर्स -- (संतोष की साँस ) -पण तीन हम तै किलै नि बताई ?
अल्बर्ट- अरे कै तै योजना बतांदु अर वो चाक़ू बल पर वै तै पूछी लीन्दा त? बस कुछ काम अकेला इ ठीक होन्दन .
बिल - अल्बर्ट भौत बढिया.
स्निगर्स --टौफ़ ! तीन सूण च कि ना . अल्बर्टन वूं तै धक्का दे द्याई . धोका द्याई, छकै अर तब जैक ...
टौफ़- हाँ भै सुणि याल
स्निगर्स -- त त्यार क्या बुल ण च?
टौफ़- अल्बर्ट भौत बढिया !
अल्बर्ट- अर अब त्यार क्या विचार च ?
टौफ़ - बस जग्वाळ
अल्बर्ट- हमर समज मा नी आणों कि क्यांक जग्वाळ
स्निगर्स --या जगा भौती खराब च
अल्बर्ट- बिल यू क्या बेवकूफी होणि च . हमारो सरा पैसा चली गे अर हम मणि बिचण चाणा छंवां. चलो शहर चलदवां
बिल- पन वैन नि औण
अल्बर्ट- त ठीक च वै तै छोडि दीन्दा'
स्निगर्स -- सुणो जाज से दूर इ रौण मा फैदा च
अल्बर्ट- हम लन्दन जौंला
बिल- पण हम तै वैक हिस्सा दे दीण चयेंद
स्निगर्स -- ठीक च चलो हम तै जाण चयेंद. (टौफ़ ज़िना-) सुणणि छे हम जाणा छंवां. मणि इना दे दी.
टौफ़- हाँ हाँ जरुर , किलै ना (टौफ़ कोटक खिसा उन्दन कुखड़ो अंडा बरोबर मणि भैर गाडदो, मणि ऊँ तै दीन्दो अर फिर अखबार पढ़ ण मा मस्त ह्व़े जांद )
अल्बर्ट- चल आ स्निगर्स ( अल्बर्ट अर स्निगर्स स्वांग चौंतरा /स्टेज छोड़दन )
बिल- अच्छा बुड्या जी, जे चलदा छंवां ..हम तुमारो पुरो हिस्सा द्योला हाँ! पण इख ना त क्वी छोरी च, ना इ क्वी नाच गाणो को इंतजाम च. अर मणि तै बिचण जरूरी च .
टौफ़ - मी क्वी बेवकूफ नि छौं
बिल- नै नै कतरी बात बुलणा छंवां .तुमन हमारि इथगा मदद कार. गुड बाई , जरा गुड बाई त ब्वालो
टौफ़- .अरे हाँ गुड बाई!
(टौफ़ अखबार पढ़न मा मगन राई अर बिल भैर चली गे.)
( टौफ़ मेज मा पिस्तौल धौरद अर अखबार पढन मिसे जांद )
स्निगर्स --(उस्वासी भरद) टौफ़ी हम बौडिक ऐ गेवां. वापस ऐ गेवां
टौफ़- हूं त तुम वापस ऐ गेवां
अल्बर्ट- टौफ़ी वो कनकै ऐ गेन इख ?
टौफ़- अरे पैदल चलिक अर कनकैक
अल्बर्ट- अरे पण पूरा अस्सी मील चलिक !
टौफ़- मी तै आसा छे कि वो अबि तलक ऐ जाला
अल्बर्ट- अस्सी मील !
बिल- ये दाना सयाणा टौफ़ी अब इन बथाओ बल क्या करण चयेंद ?
टौफ़ - अल्बर्ट तै पूछो भै
बिल-जु वो इन कौर सकदन त अब हम तै टौफ़ छोड़िक क्वी नि बचै सकुद. टौफ़ी ! मी पैलि बिटेन जाणदो बल तुम इ हुस्यार छंवां. चतुर छंवां अब ह्म्क्वी बेवकूफी नि करला अर जन तुम बोलिल्या हम तुमर बुल्युं मनला
टौफ़- तुम बीर अर तागतवर छंवां. तुमुम सक्यात च. मूर्ति क आँख से वीं रात मणि गाड ण अर चुर्याण आसान काम नि छौ क्वी बिरला इ ए काम कौरी सकदन. ठीक च तुम बीर छंवां तुमुम सक्यात च तुम सौब वेवकूफ बि छंवां . द्याखो ना जिम न मेरी योजना अनुसार काम नि कार त कख च अब यीं दुनिया मा. अर जौर्ज को क्या ह्व़े वो बि . पता च ना ऊँन जिम अर जौर्ज क दगड क्या कार?
स्निगर्स --टौफ़ अब नि याद दिलाओ
टौफ़- अब तुमारी तागत कै कामै नी च .तुम तै हुस्यारी चयेणि च निथर ऊँन तुम तै उन्नी मारी दीण .जन जिम अर जौर्ज तै ..
सबि -ये मेरी ब्व़े !
टौफ़- वो काळा धर्म गुरु तुमर पैथर पड्या राला तुम दुन्या कै बि अजाण चूंच पर बि जैल्या त ओ तुम तै ढूँढी ल्याल. ओ तुम तै छुडण वाळ नि छन.वो तुमर पैथर तब तक राला जब तलक वूं तै मूर्ति की मणि नि मील जांद. अर य़ी मोर बि जाला त वुंका नाती पूता सन्तान तुमर पैथर पड्या राला. वु लाटो सुचदो कि शहर मा तीन चक्कर काटण से हल ह्व़े जाल ..वु बची जालो
अल्बर्ट- मतलब तू बची सकदी अर तू बचै सकदी
टौफ़- सैत ! सैत च ह्व़े सकुद च
अल्बर्ट- सैत च ह्व़े सकुद च को मतलब
टौफ़- द्याखो कम्युनिटी अखबारों मा इन क्वी खबर नी च. पण उनक स्वागत का वास्ता मीन गाँ इलै छंट्याइ किलैकि या जगा रौन्तेळी च, शांत च .आज दुफरा मा ऊँन इख आण
बिल- तू भौत बड़ो हुस्यार खिलाड़ी छे.
टौफ़- द्याखो तुमारि मौत अर जिन्दगी क बीच मेरी हुस्यारी च . वूं भला शिक्षित मनिखो तै मारणो बान क्वी बेवकूफी कि योजना नि बणैन हाँ !
अल्बर्ट- जु तुम बि भला आदिम छंवां त वो तुमारा पैथर किलै नी छ्न?
टौफ़ --मी ऊंकुणि बि होसियार छौं अर तुमकुणि बि हुस्यार छौं
अल्बर्ट- मतलब ऊंकुणि बि हुस्यार ?
टौफ़- हाँ आज तक मी क्वी बि खेल कि बाजि नि हार .म्यार पत्ता मेरा हुन्दन .
बिल- क्वी बि खेल कि बाजि नि हार?
टौफ़- जब कि खेल मा पैसा ह्वावन त ..
बिल - ठीक च , ठीक च
टौफ़ - चलो पोकर खेल खिल्दवां
सबि - नै नै ना आ
टौफ़ - त ठीक च जन मीन ब्वाल उनि कारो
स्निगर्स --मीन कुछ द्याख. खिड़की पर पर्दा लगै द्याओ
टौफ़- पर्दा लगाणै क्वी जरुरात नी च
स्निगर्स --क्या
टौफ़ - हाँ . पर्दा नि लगाओ
बिल- पण टौफ़ी उ हम तै भैर बिटेन देखी सकदन . दुस्मन तै क्वी चांस नि दीण चयेंद . मेरी समज मा नि आणो कि तुम ...
टौफ़ - ना दुस्मन तै क्वी चांस नि दीण चयेंद
बिल- फिर ठीक च जां तुम बोलिल्या ..
(सबि अपण पिस्तौल भैर गाडदन )
टौफ़ - ( अपण पिस्तौल तै बि भितर रखद) पिस्तौल नहीं भई
अल्बर्ट- पण किलै ना
टौफ़- मी नि चांदो कि मेरी पार्टी मा क्वी शोर-शराबा ह्वाऊ. मेरी पार्टी मा कुछ बगैर बुलयाँ पौण बि ह्व़े सकदन. हाँ चक्कू चल सकदन
(सौब अपण अपण चक्कू भैर गाडदन )
टौफ़- न्है . न्है . अबि ना . सौब चक्कू भितर डाळी दीन्दन, टौफ़ बि चक्कू भितर कुचे दीन्दो)
अल्बर्ट - मै लगद वो ऐ गेन
टौफ़- ना वो अबि नि ऐ सकदन
बिल- त कब आला
टौफ़ - अरे भै जब मी स्वागत का वास्ता तैयार होलू .याँ से पैल वो नि ऐ सकदन
स्निगर्स --आजि ऊँ से छुटकारो मिलण चयेंद .मीं आजि वूंको काम तमाम करण चांदो ..
टौफ़- तू कौरी देली . त ठीक च वूंका अबि काम तमाम करे जालो .
स्निगर्स -- अबि ?
टौफ़- हाँ अबि. सूणो. तुम उनि कारो हाँ ! जन मी करुल . इन लगण चयेंद जन बुल्यां तुम भैर चली गेवां. मि दिखांन्दू कि कन करण . मीम मणि च. अब जब मि इखुली ह्व़े जौलु त वो मूर्ति क आँख याने मणि पाणो आला.
बिल- पण ऊं तै कन कै पता चौलल कि कैम मूर्ति क आँख च
टौफ़- मि नि जाणदो कनकैक पण वो जाणि जान्दन कि कैमा मुर्तिक आँख च याने मणि कैमा च
स्निगर्स -- जब वो आला त तुम क्या करिल्या ?
टौफ़- मीन कुछ बि नि करण
स्निगर्स --क्या ?
टौफ़- हाँ , वो म्यार पैथर बिटेन आला. अर फिर अल्बर्ट,स्निगर्स , अर बिल वूँका काम तमाम कारल
बिल- ठीक च .टौफ़ हम पर विश्वास कारो
टौफ़ - जु तुम देर क्रिल्य त म्यार बि वी हाल होलू जन जिम अर जौर्ज को ह्व़े
स्निगर्स -- नै नै ! हम तैबरी तक इख ऐ जौला
टौफ़- ठीक च .अब टक्क लगैक द्याखो हाँ!
( टौफ़ हैंकि खिड़की क पास जान्दो अर हैंकि खिड़की क दरवज भित्रां खुलद . फिर वो मेन द्वार से भैर जान्दो पण घूंडुक बल पर फिर हैंकि खिड़की से भितर इन आन्द कि जां से भैर से कुछ नि दिख्याओ. )
अब मी पीठ कौरिक दरवज क समणि बैठी जान्दो तुम एकैक कौरिक मेन द्वार से भैर इन जाओ कि मूर्ति पूजक पुजारी यूँ तै पता चौल जा कि तुम भैर चलि गेवां. अर फिर चुपके से पैथर बिटेन जतन कौरिक यीं खिड़की से भितर आओ , अर इन होण चयेंद कि वो तुम तै खिड़की से बि नि देखी सौकन.
(बिल बड़ो जतन से भैर जांद अर द्वार बन्द कौरी दींद )
टौफ़- अर हाँ कै बि सूरत मा पिस्तौल नि चलण चयेंद. पुलिस कुछ कुछ सुंगणि च
(फिर वो द्वी जतन से भैर जान्दन. अर फिर तिनी जतन से चालाकी से भितर ऐ जान्दन.टौफ़ मनि तै मेज मा रखद. फिर टौफ़ सिगरेट जळान्द अर मजा से सोड मारद . अर अखबार पढ़ण बिसे जांद. )
[ मुख्य द्वार से सुरक सुरक एक भारतीय पुजारी भितर आन्द. अर बाएँ तरफ टौफ़ का तरफ बढ़द , दै तरफ वो तिन्नी कुर्सी पैथर छ्या. जनि भारतीय टौफ़ का नजीक पौंछद , बिल के तरफ इन दिखुद कि क्वी हौर त नि आणा छन. निस्तार होणो बाद वो बैठी बैठिक चाक़ू से वै पुजारी क काम तमाम कौरी देन्दु , पुजारी हल्ला करण चाणो छौ पन बिल न एक हथन पुजरिक मुख बन्द कौरी दे. ]
{ टौफ़ उनि अखबार पढ़णो स्वांग करणो छौ.वैन जरा बि इना उना नि देखी }
बिल- यू त एकी छौ अर वै तै खतम कौरी आल.तौफ ! अब क्या करण
टौफ़ - एकी छौ ?
बिल- हाँ यू त एकी छौ
टौफ़ - (बगैर मुडया अर अखबार पढ़णो ढोंग मा) औ ! मी तै सुचण द्या
(कुछ सुचद पण टक्क अख़बार पर इ छे )
वो हैंको पुजारी तै आकर्षित करण पोडल . बिल तु अपण जगा मा जा.
बिल- ठीक च
टौफ़ - ठीक, अब मै तै मोरण पोडल.
[ टौफ़ खिड़की समणी जांद अर अपण हाथ इन फैलांद जन वै तै कें मारि दे ह्वाओ अर फिर धडाम से भीम पुजारी क काखम पोड़ी जांद. ]\
तैयार ह्व़े जाओ
[ फिर टौफ़ अपण आँख बुजी दींद]
[ धीरे कौरिक द्वार खुलाद अर धीरे धीरे हैंको पुजारी घूंडु बल भितर आन्द वैक कपल पर पीलो चन्दन का त्रिपुंड च.वो धीरे धीरे सर कमरा दिखदु फिर अपण मर्युं दगडया क पास जांद अर वै तै फ्र्कांड, फिर वैक मुट्ठी दिखदो. इथगा मा बिल डै हाथन पुजरिक मुख बन्द करद अर हैंक हथन चक्कू से पुजारी क काम तमाम करी देंद.]
बिल- टौफ़ी अबि बि द्वी इ ऐन.
टौफ़- मतबल एक हैंक बच्युं च .
बिल- अब क्या करण ?
टौफ़- ऊँ ऊँ ..
बिल - फिर से वो इ स्वांग करदवां
टौफ़- नै नै. कबि बि वै ट्रिक दुबर नि करण चयेंद
बिल - किलै ?
टौफ़- किलैकि वा एकी ट्रिक दुबर काम नि आन्द.
बिल- फिर ?
टौफ़- अल्बर्ट अब तेरी बारी च. अब त्वे तै कमरा मा घुमण पोडल जन मीन बतै छौ.
अल्बर्ट- ठीक च
टौफ़- तू खिड़की समणि जा अर यूँ दुई पुजार्युं दगड मारामारी कौर.
अल्बर्ट- पण यि त मोंर्याँ छन
टौफ़- हाँ हाँ . बिल अर मी यूँ तै दुबर ज़िंदा करदवां . बिल आ
[ बिल खिड़की कीं दशा मा एक तै खड़ो करद अर ]
बिल ठीक च जरा बि दिखळ नि ह्व़े हाँ .. स्निगर्स अब तु आ अर एक तै इनी उठा . हाँ जरा तौळ इ रौ , ठीक जरा तौळ ..बिल अब इन लगण चयांद कि तु यूंक दगड लडै करणु छे अर अल्बर्ट .. ह लड़ाई करो हाँ हाँ . अब मोरी जाओ अर सौब भ्युं पोड़ी जान्दन.
[ खिड़की से एक क मुंड भितर दिखेंद . वु भित्रो दृश्य दिखद . भितर आन्द अपण दगड्यो हालत दिखद . वै पुजारी तै कुछ शक होंद वो एक मर्यू पुजरिक गात से चकु गाडद . वो दीवाल ज़िना जान्द. पैथर बिटेन बिल वैको काम तमाम कौरी देन्दु]
टौफ़- भौत बढिया, बस काम पूरो ह्व़े गे.
बिल - भौत बढिया टौफ़
अल्बर्ट- टौफ़ उस्ताद मान गये तुमारी उस्तादी
स्निगर्स- अब क्वी हैंको ...?
टौफ़- यारो ! ना ना अब कवी नि च
बिल - हाँ य़ी दुन्या से तीन त चली ली गेन अब क्वी नी च . मन्दिर म यि तीन पुजारी छ्या अर उंक एक मुर्ति बस .
अल्बर्ट- तौफ ! मणि कि क्या कीमत होलि ? करोड़ो क त होली
टौफ़- हाँ बिचे जाओ त करोड़ो क च यू मणि
अल्बर्ट- वाह त हम अब करोडपति छंवां
टौफ़- हाँ !अर महत्वपूर्ण या च क्वी हैंको भागिदार बि नी च ना ही कैक क्वी खौफ च
बिल- अब हम तै मणि बिचण चएंद
अल्बर्ट - यु काम इथगा असान नी च . छ त अंडा बरोबर पण करोड़ो का. क्या मुरती मा एकी मणि छे ?
बिल- ना हैंकि मणि नी च. मुरती सरा हौरी छे अर कपाळ का बीच मा या आँख की जगा मणि
स्निग्गर्स -हम सौब तै टौफ़ कु असानमंद हूण चयेंद
बिल- इखमा पुछणै बात च /
अल्बर्ट- इन लगद जन मणि क बान इ टौफ़ च
बिल- हाँ
स्निग्गर्स- टौफ़ बक्की च , भविष्य वक्ता च .
टौफ़- हाँ जरा भविष्य देखी लीन्दु
स्निग्गर्स- बिलकुल सै भविष्य द्याख
बिल- इन क्वी बात नि ह्व़े जु टौफ़ न पैलि नि देखी ह्वौ . है ना ?
टौफ़- बिल इन हमेशा नि हूंद हाँ
बिल- हमारा टौफ़ कुण तासौ खेल च
टौफ़- हाँ हमन पुजार्युं ट्रिक समज याल छौ.
स्निग्गर्स- (खिड़की ज़िना जांद) अब त क्वी नि आल ना ?
टौफ़- अब क्वी नि बच्युं च जु इख आल . अब ढाबा मा हमी छंवां बस
बिल- अर यूँ लासुं क्या कन ?
टौफ़- दफनाण च अर क्या ! पण क्वी जल्दी नी च
बिल- अर फिर ?
टौफ़- पैल लन्दन जौला अर उख जेवरात या जवेरी बजार मा उलटफेर करला . यू काम भौत इ बढिया ढंग से ह्व़े ग्याई
बिल- चलो पैल टौफ़ तै सवादी खाणक खलये जाव अर फिर यूँ तै दफनाणो इंतजाम करला
अल्बर्ट - हाँ जरुर
स्निग्गर्स- बिलकुल सही
बिल- अर टौफ़ क स्वास्थ्य क बान जाम पिए जावन
टौफ़- हमारा दानो सयाणो टौफ़ ..हुर्रे हुर्रे
स्निग्गर्स- टौफ़ तै प्रधानमन्त्री या आर्मी जनरल हूण चयेंद थौ
[ कपबोर्ड बिटेन वो बोतल गाडदन )
टौफ़- आज खाणो मजा इ कुछ हौर ह्वालो. (सौब बैठदन )
बिल- (गिलास हाथ मा लेकी)-ये जाम सयाणो टौफ़ का नाम जै तै भविष्य दिखेंद
अल्बर्ट अर स्निग्गर्स- भौत इ आनंद टौफ़ ..
बिल- टौफ़ी जैन हमारि जिन्दगी बचाए अर हमारो भविष्य उज्वल बणाये
अल्बर्ट - टौफ़ी जो एकदम भविष्य देखी सकुद
बिल- टौफ़ी ! एक भाषण ह्व़े जाओ
सबि - हाँ एक जोरदार भाषण ह्व़े जाऊ
स्निग्गर्स- एक भाषण
टौफ़- यार जरा पानी लाओ. नीट व्हिस्की कडक च अर फिर जब तक यूँ तै दफनये नि जाओ तब तलक होश नि खोण
बिल - पाणी अरे , हाँ किलै ना . स्निग्गर्स ! जा पाणी ला
स्निग्गर्स- पाणी ? अरे इख हम पाणी कख पिंदों . कखन लाण पाणी ?
बिल- अरे भैर बगीचा मा जा अर पाणी ला
[स्निग्गर्स भैर जांद ]
अल्बर्ट- हमारो सुखी भविष्य कुणि चियर्स ! ( वु सबि पीन्दन )
बिल- सेठ अल्बर्ट कुणि चियर्स ! (गिलास से चुस्की लींद )
टौफ़- सेठ अल्बर्ट कुणि चियर्स (उ बि शराबै चुस्की लींद ]
अल्बर्ट- अर यू जाम महामहिम विलियम जोन्स कुणि
टौफ़- महामहिम अल्बर्ट जोन्स कुणि एक जाम (टौफ़ अर अल्बर्ट चुस्की लीन्दन]
[ स्निग्गर्स डर्युं सूरत मा भितर आन्द]
टौफ़- अरे महामहिम स्निग्गर्स ऐ गे
स्निग्गर्स- मी तै म्यार हिस्सा नि चयाणु . टौफ़ी मी तै म्यार हिस्सा नि चयाणु
टौफ़ - स्निग्गर्स क्या बकबास करणि छे?
स्निग्गर्स- हाँ म्यार हिस्सा त्वी इ लेले. पन इन बोली दे कि मणि मा म्यार क्वी हिस्सा नी च . बोली दे कि मणि मा स्निग्गर्स को क्वी हिस्सा नी च . टौफ़ी इन बोली दे म्यार बुबा
बिल- त तू पुलिस इन्फौर्मार बणण चाणो छे?
स्निग्गर्स-नै नै . बस मि तै मणि नि चयाणु च
टौफ़- बिंडी बकबास नि कौर हाँ. हमन यू काम दगड़ी कौर त दगड़ी फांसी पर चढ़ला .अब वो कुछ नि कौर सकदन हमन वूंक चक्कू छीन देन . क्वी हमारो कुछ नि बिगाड़ी सकदु
स्निग्गर्स-टौफ़ी मि तुमारो बड़ो सम्मान करदो बस मि तै मणि नि चयान्द बस.. म्यार हिस्सा ल़े ल्याओ
टौफ़- स्निग्गर्स ! अरे बात क्या च , ह्वाई क्या च ?
स्निग्गर्स-बस म्यार हिस्सा ल़े ल्याओ बस
टौफ़- सीदा सादा जबाब दे कि क्या ह्वाई ?
स्निग्गर्स-भै मि तै म्यार हिस्सा नि चयाणु च
बिल- तीन पुलिस द्याख क्या ? [अल्बर्ट अपण अपण चकु भैर गडद ]
टौफ़- अल्बर्ट ! चकु ना हाँ
अल्बर्ट - त क्या ?
टौफ़- भै मणि प्रकरण छोड़िक कैन बि हम पर कबि बि हमला नि कार
स्निग्गर्स-पुलिस नी च
टौफ़- फिर क्या बात च ?
बिल - असल बात त बता
स्निग्गर्स- भगवान कि कसम छन
अल्बर्ट- तो
टौफ़-बात नि अळजा , सीधो बोल कि क्या बात च .
स्निग्गर्स-कसम से मीन द्याख कि ..अर या बात मि तै भौत बुरु लग
टौफ़ - स्निग्गर्स! त्वे तै क्या बुरु लग ?
स्निग्गर्स [ आंसू बगैक ] -बस म्यार हिस्सा ल़े ल्याओ
टौफ़- ए पर एकी बरड़ लगी गे . एन क्या द्याख?
[स्निग्गर्स क सुणक , सुणक छोड़िक कमरा मा एकदम सन्नाटा. तबी पथर को चलणो आवाज आन्द.ठक ठक ]
[कमरा मा पत्थर कि एक मूर्ति ठक ठक भितर आन्द .मूर्ति अंधी च अर कपाळ मा एक दुंळ च .मूर्ति कुछ खुज्यांद. मूर्ति मेकज का पास जांद अर मणि उठांदी अर फिर मणि तै अपण आंखी क दुंळ पुटुक कुचे दींद.]
[ स्निग्गर्स सुणक , सुणक करिक रुणु रौंद. बकै भक्क डौरिक दिखणा छन.मूर्ति बगैर इन उना देखिक भैर ज़िना जांद . फिर अचाणचक रुकी जांद.]
टौफ़- हे भगवान !
अल्बर्ट- [बच्चा जन भौण मा ] -टौफ़ी यि क्या च ?
बिल- अल्बर्ट या वै इ भारत की मंदीरै मूर्ति च
अल्बर्ट- वा भैर चलि गे.
बिल- पण वा मणि ल़ी गे
स्निग्गर्स- हम बची गेवां
[एक विदेसी आवाज ]
मिस्टर विलिअम जोन्स प्रखर नाविक
[टौफ़ इकदम चुप रौंद --पथर जन ]
बिल- अल्बर्ट अल्बर्ट क्या च
[वो भैर जांद . एक कण मणाणो आवाज आँदी .स्निग्गर्स खिड़की मा जांद ' वो बीमार जन पैथर हूंद ]
अल्बर्ट - क्या ह्व़े
स्निग्गर्स- मीन द्याख मीन द्याख .[उ मेज क पास आन्द]
टौफ़- [स्निग्गर्स क कांध मा हथ धौरिक ]
क्या छौ ?
स्निग्गर्स-मीन द्याख च
अल्बर्ट- क्या ?
स्निग्गर्स-
आवाज- मिस्टर अल्बर्ट थॉमस . एक कामयाब नाविक
अल्बर्ट- टौफ़ी ! मि तै जाण चयेंद
[स्निग्गर्स वै तै रुकद च ] रुक
अल्बर्ट- [जान्द च ]- टॉफी -- [फिर भैर चलि जांद ]
आवाज- मिस्टर जैकोब स्मिथ .एक योग्य नाविक
स्निग्गर्स - मि नि जै सकुद . में से नि हूण [अर भैर चलि जांद ]
आवाज- मिस्टर अर्नोल्ड एवरेट स्कौट..एक योग्य नाविक
टौफ़ - मीन यू भविष्य नि देख [ फिर वु बि भैर चली जांद ]
 
 
पर्दा -
-----इति ढाबा क एक रात --

लौर्ड डुनसानि क स्वांग अ नाईट इन ऐन इन् को रूपान्तर
समीक्षा : भीष्म कुकरेती
ये नाटक को रूपान्तरो मकसद सिर्फ एकी च की नवाडी छिंवाळि /नई पौद तै बथाण की कन नाटक लिखे जाण चयान्दन ।
१- ए स्वांग अ वो सब कुछ च जो स्वांग से अपेक्षित हूंद .
१अ- स्वांग मा चरित्रु चित्रण बड़ो इ सरल ढंग से ह्व़े
२- वार्ता =- एकदम छ्व्टा छ्व्टा . नाटक बेकार का एक बि शब्द नि छन जो दर्शान्दन कि डुनसानि तै शब्दों पर पुरो अधिकार छौ . बचळयात /बातचीत इन च जन असल मा होंद
३- सस्पेंस - हरेक पद मा संस्पेंस च. दर्शक या बंचनेर हरेक समय 'अब क्या हवाल , अब क्या हवाल ' कि स्थिति मा रौंद , क्लाइमेक्स कि परिकाष्ठा
४- हालांकि नाटक आत्मा परमात्मा पर आधारित फैन्तासी नाटक च पर अंत तक दर्शक बंध्यू रौंद
५- नाटक मा ट्विस्ट छन अर वो बि इन लगदन जां सची जिन्दगीका ह्वावन
६- घटनाओं घटण - ए ड्रामा मा घटना तेजी से घटदन . ड्रम मा घटना तेजी से घट्न त मजा अंद अर ए स्वांग मा तेजी च .एकी जगा मा इथगा घटना या च ए स्वांग की खासियत
७-अंत- अंत से ड्रामा क नीयत पता चलद . ए स्वांग मा नाटककार न बगैर भाषण का बथै इ दे कि ए इ संसार मा न्याय निसाब होंद.

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