- बृजेन्द्र नेगी (सहारनपुर)
मि प्रवासी सबसे ख़ास
ल्हेके अंयु नै-नै आश
सबसे पैलि नौकरी पाई
द्वी उबरयूँ कि कोठी बणाई
शैर से दूर एक कूण ग्याई
सड़क, न नाली, न पाणी पाई
बिन्सरी वक्त जब बिजली आई
सिंयु नौनु भी झस्के ग्याई .
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