राजनीति विषयक गढवाली कथाएं- २
भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti 10/6/2012
खड़क सिंग जीक मंत्री पद का बान चड़क
कभी कभी जब नक्षत्र अडबंग (बेढंग) पोड्या ह्वावन त देळि क भेळ ह्व़े जांद
सैणु रस्ता मा उप्यड़ , खेचळ ( परेशानी) खड़ो ह्व़े जांद, बगैर बातो उपड़ग
(विघ्न -बाधा) अर ह्यूंद मा बि रुड्यू जन औरुड़ी- औडळ ऐ जांद. सि द्याखो
ना खड़क सिंग जीन मुख्यमंत्री पद का खातिर उफ़ाळि मार त ऊं तै हाई कमांड न
चड़गट्यु (चढ़यूँ दिमागौ ) नाम देक बौणबासा दे द्याई. राजनीति मा बि डंड
होंद जन ब्व़े बाब अपड बच्चों तै गल्थी करण पर भितर ग्वडै करदन उनि हाई
कमांड क विरोध मा जाण मा मुख्यमंत्री पद का दावेदार तै भौत कुछ खां मा
खां खेण पड़द अर मंत्री पद बि नि मिल्दो. अब द्याखो ना खड़क सिंग जीक तकदीर
जब विरोधी दल का नेता छ्या त पार्टिक बान क्या क्या टुटब्याग नि करीन.
सरकारी पार्टिक भला कामू तै गाळी दे देकी सरकारी पार्टी तै बदनाम करणै पूरो
पुठयाजोर लगाई तब जैक खड़क सिंग जीक पार्टी यू चुनाव जीत अर वु बुल्दन बल
मार खान्द दै कख छ्या बल मूंड ऐंच अर पिठाई टैम पर कख छ्या बल मूंड तौळ.
बस खड़क सिंग जी बगैर मंत्री पद का छ्या. अब बताओ सरकारी पार्टी मा ह्वेक
बि क्वी बगैर मंत्री पद का ह्वाओ त नेतौं पर क्या क्या चड़क नि पोड़दन.
सींद दै , सुद्बिज मा , बिज्या मा चड़क इ चड़क. बगैर मंत्री पद का खड़क सिंग
जीक कुहाल छ्या. अरे जख कबज होण चयेणु छौ उख अदराड़ा [पेचिस] ह्व़े जान्दन
अर जख अदराड़ा हुण चयांदन तब कबज कि शिकैत ह्व़े जाओ. साला अपण ब्वेका मैस
क्वी बि आड़ी बगत (खास समय) पर आड़ी (सहारा) नि दीन्दन या इ त राजनीति क
उठंग-बिठंग च तरह तरह के खेल छन. उपयड़ मा, परेशानी मा क्या क्या नि होंद !
जु छै अपणा विधायक छ्या वो बि कै सरकारी संस्थान की चाह मा मुख्यमंत्री क
उड़्यार पुटुक छिरकी गेन. अर अब त मुख्यमंत्री अर हाई कमांड मजा मा छन कि
विरोधी पार्टी का कथगा इ विधायक सरकारी पार्टी मा शामिल होणो बान अपण बाप
ददा बदलणो तैयार छन.
जन बगैर पद का
राजनीति वळु दुःख, बीमारी ऐ जान्दन जन कि खड़क सिंग जी पर चडक पोड़ण बिसे
गैने.चड़कौ पैदा ह्व़े गे. विचारा खड़क सिंग जी अमोड़ इ अमोड़ (जिद ) बोली
गेन बल 'मंत्री पद मेरी जूती से'. बोली त गेन पण जन स्याळ, बाग़ बगैर
शिकार का नि रै सकदन तनी तनी सरकारी दलों विधयाक मंत्री या कुछ हौरी पद
बगैर ज़िंदा नि रै सकुद. उनि खड़क सिंग जीक कुहाल छन. ना त संतरी का सलूट अर
ना ही सेक्रेटरियूँ क 'एस! मिनिस्टर ! की अवाज'. ना ही चमचों की
भिणभिणाट, ना ही जनता की आवा-जाई, ना इ मीटिंग सीटिंग अर सेटिंग. ना इ क्वी
ठेकेदार दिखेंद ना इ क्वी मालदार मनिख. इन मा पार्टी फंड का नाम पर आण वळ
सात पुस्तुं कुण धन -धान्य को इंतजाम कनै होलू?
जब बि
राजनीतिग्य परेशानी मा ह्वाओ जन कि सरकारी पार्टी मा ह्वेक बि मंत्री पद नि
मिल्दो त राजनीतिग्य कुछ सनातनी सास्वत कर्मकांड करदो. खड़क सिंग जीन
ड़्यारम गां जथगा बि गढ़वाळी दिवता - नागराजा, नरसिंग, कैंतुरा, हंत्या,
देवी-अन्छेरी , ऐड़ी (अन्छेरी) , रण भूत सब नचैना. जैन ज्यूँदि अपण
ब्व़े बुबा तै भातौ एक गफा बि नि खिलाई वूं खड़क सिंग जीन कै बूड -खूड
की आत्मा-सांति बान नारेणबळि क नाम पर हरिद्वार, गया, त्रिम्बकेश्वर मा
सैकड़ो भिकार्युं तै बनि बनी क खीर अर पूड़ी खलैन . वै जामाना का बूड खूडु
नाम पर आज का भिखलोई ले खुस ह्व़े गेन.
खड़क सिंग
जीन मंत्रीपद का बान टूण टणमण मा बि क्वी कसर नि छोडि. बाबा बाल्टी वाले क
बल्टी उठाई, बाबा कचरा वाले को कचरा उठाई, मुर्दा को ड़रख्वा खड़क सिंगन
मड़घट वाले बाबा क मड़घट बि द्याख, झाड ताड़ सबि कौरिन. अपण बामण से लेकी
तामिल नाडू, केरल का बामणु बात सूणिक कुज्याण कथगा पाठ धरिन धौ! कुछ अफिक
धरिन कुछ जगा दुसरी क्या छ्वड़ी घरवळी तै बि पूजा प्रतिनिधि बणाइ. वास्तु
शाश्त्र कि पुजाई क चक्कर मा घर का सबि फर्नीचर बदल, घर बदल, जापनी ,
अफ्रीकी सब तरां की वास्तु शांति कार.
अब
बुल्दन बल मंतर, तंतर,,कर्मकांड, पाठ- पुजाई , टूण टणमण-टोटब्याग त अपण जगा
होन्दन पण घुण्ड हिलयाँ बगैर बच्चा पैदा थुका होन्दन ! डिल्ली मा हाई
कमांड का न्याड़ ध्वारक जथगा बि नेता छा उंको अंगुछा धोई, ऊंका जराब ध्वेक
वै पाणी तै चरणा मृत जन प्याई, कैका खुट मलासिन-कैका कुकुर कि भुकी प्याई त
कैकी बिरळि तै खुकली मा उठाई. कैक कज्याणि कुण काकी ब्वाल त कैकी कज्याण
तै भौज या बैणि बणाइ. फिर धीरे धीरे कौरिक हाई कमांड तक फिलर भेजिन कि
भज्युं कुत्ता ड़्यार आण चाणो च. हाई कमांड त रुस्यूं छौ कि खड़क सिंग कि
इथगा मजाल कि हाई कमांड की तौहीन करी दे अर हाई कमांड न पैल पैल फिलरूं क
दगड इन ब्यौहार कार जन कै खजी वळ कुकरो दगड ब्यौहार करे जांद .भिखलोई जन
प्रार्थना कौरि कौरिक हाई कमांड तै दया आई कि ठीक च कै दिन त ये कुकरन
बडी सेवा करी छे . बस पुराणि सेवाभक्ति का पुण्य का नाम पर खड़क सिंग जी तै
मंत्री पड़ दीणो मन बणाइ.
फिर हाई
कमांड न मुख्यमंत्री जी खुणि राय क नाम पर आदेस देई कि खड़क सिंग जी क
पार्टी मा भौत जरूरत च मंत्री पद दे द्याओ.
अर इन मा खड़क सिंग जी अब मंत्री ह्व़े गेन
(उन त या कथा काल्पनिक च पण जु कैकी कथा इनी सच ह्वेली त भैरों! इख्मा मेरी क्वी गलती नी च )
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