हिजड़ो दुन्या - फाड़ी - २
आलेख - भीष्म कुकरेती
हिजड़ो उत्पति लोक कथा
हिजड़ा समाज मा बि वूंक लैक लोक कथा , श्रुति अर आणा -मैणा , गीत छन.
एक लोक कथा इन च ---
पार्वती न मैल से जब गणेश कि उत्पति कौर त
शिवजी न वैको मुंड काटी दिने. याँ से पार्वती भौत इ दुखी ह्व़े अर इन लग
जन पार्वती जांदी च. बस शिवजी न वैको गात पर हाथी मुंड लगै देय. गणेश कि
उत्पति देखिक ब्रह्मा जी अचकचे गेन. ये चमत्कार देखिक ब्रह्मा जी न स्वाच
जु इन प्राणी तै मनिखौ योनी मा धरे जाव जो ना पुरुष ह्वाओ अर ना ही स्त्री त
कनो राल?
यां पर ब्रह्मा न अर्धनारीश्वर कि रचना कार . अर्धनारीश्वर शिवजी को एक रूप च .
पण हिजड़ा सम्प्रदाय ईं बात तै नि माणदो बल अर्धनारेश्वर
शिवजी छन. वूंक मनण च बल अर्धनारेश्वर 'बहुचर देवी' च. बहुचर देविक मन्दिर
अहमदाबाद , गुजरात मा च . बहुचर देवी क नाम 'बहुचरामाता ', बुचरामाता ' .
बहुचरा देवी क नाम पर सबी बार त्यौहार मनान्दन .
चीन मा हिजड़ा या ट्रांसजेडरिज्म वळी भौत
सि (बुद्धिज्म से पैलाक ) - पुराणी से पुराणी लोक श्रुति अर लोक कथा छन
अर शिखंडी जन दिवता बि छन जन कि - चाऊ वांग, लान काही, शन गु, यू महान अर
गन.
अरबी -इरानी लोक कथों मा
बुखायत पैलो हिजड़ा च अर विकी कथा च कि कन कै , किलै बुखायत को लिंग काटे
गे. अरबी -इरानी लोक कथों मा काफूर दुनया को दुसर हिजड़ा च
बकै फाड़ी- 3 मा
Copyright @ Bhishma Kukreti 6/6/012
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments