(Kumaoni Food, Garhwali Food, Ethnic Food of Uttarakhand , Himalayan Food)
केक तैं कटण
सर्यूळ - भीष्म कुकरेती
मीन मुंबई मा भौत सी बुडड़ी/अदबुडेड़ अर जवान जनान्युं तै पूछ बल क्या वो पिंडाळु पत्तों पत्यूड़ /गुंडळ बि बणाँदन ? तो तकरीबन सब्युं बुलण छौ बल पत्यूड़ /गुंडळ खाणो ज्यू तो भौत बुल्यांदो पण इख मुंबई मा वो सुविधा नि छन जो गांवुंम पत्यूड़ /गुंडळ पकाणो छौ ।
असल मा सुविधा त मुंबई -दिल्ली मा बि छन पण हम प्रयोग नि करदां ।
चलो आज तीन तरा से पिंडाळु पत्तों पत्यूड़ /गुंडळ बणाण सिखला
पत्तों पत्यूड़ /गुंडळ बणाणो सामग्री
१- पन्दरा बीस टहनी समेत पिंडाळु पत्ता
२-पिस्युं मसाला - धणिया , जीरू, मर्च , गरम मसाला , लूण
३- भेषण , ग्युं आटु
४-तेल
५- हरी मर्च , साबुत भंगुल या साबुत धणिया अर जीरू
ब्यूंत (विधि )
चार बड़ा बड़ा पिंडाळु पत्ता अलग धौरि द्यावो ।
पिंडाळु पत्तौं तैं बरीक काटिक फिर ध्वावो अर पाणि निटारि द्यावो ।
एक गैरि थाळी या परात मा कट्यां पत्ता धारो फिर ये मा भेषण अर थ्वड़ा सि आटु मिलावा, पिस्यां मसला-लूण मिलावा अर पाणि दगड़ खूब फ्यांटो। ध्यान राखो कि लुगदी ना तो जादा गाड़ो हवावो ना ही पंदयर ह्वावो । एक द्वी हरी मर्च बि दगड़म बरीक काटी द्यावो ।
तवा मा पत्यूड़ों केक बणाणो तरीका
द्वी पिंडाळु पत्ता बिछाओ अर लुगदी तैं पत्ता मथि धारो । फिर अळग बिटेन द्वी पत्ता धारो अर लुगदी तैं चारों तरफ से बांदी द्यावो । ध्यान दीणै बात च कि लुगदी भैर नि आण चयेंद ।
अब लुगदी तैं स्टोव मा धर्युं तवा मा लुगदी (जो पत्तौं भीतर च ) तवा मा धारो अर ठंडी आंच मा पकण द्यावो । दस मिनट बाद फरकावो अर तवा मा पकावो । आधा या पौण घंटा तलक पकांद जावो । बीच बीच माँ फरकांद बि जावों । जब भैर का पत्ता जळण लगन तो समझो
पत्यूड़ पाकी ग्यायि । पक्युं केक तैं उतारि द्यावो ।
माइक्रोवेव ओवन मा पत्युडो केक बणाणो तरीका
माइक्रोवेव मा केक बणाण सरल च ।
वेसल पर तेल लगावो अर उख पुटुक लुगदी भौरि द्यावो अर कम से कम दस बारा मिनट तलक पकावो फिर फरकावो अर पांच मिनट तलक पकावो ।
अब बारी च पत्यूड़ों/गुंडळो केक काटणो ।केक तैं बर्फी जन चाक़ू से काटो अर छवटा -छवटा टुकड़ा बणावो ।
केकक टुकड़ो तैं भुनण
पेल कढ़ाई मा तेल गरम कारो , तेल मा धणिया या भंगुलो बीज भूनो अर केक का टुकड़ा डाळो अर उनि भूनो जन भुजी भुणदन ।
बस अब पत्यूड़ /गुंडळ तयार च । पण पत्यूड़ /गुंडळ ठंडो ही खाण निथर किंक्वाळी लग जांदी ।
Copyright Bhishma Kukreti 21/8/2013
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