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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, August 21, 2013

प्याज ! त्यार कथगा रूप ?

 चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 

   इतिहास बतांदो बल मनिख  पांच हजार साल पैल प्याज खाण सीखि गे छौ ।  इतियासकार बुल्दन बल सबसे पैल पाकिस्तान अर इरान मा प्याजै खेती पवाण लग ।  चीन मा पांच  हजार साल पैल प्याजौ सग्वड़ हॊन्दा  छा । पुरण जमन मा यूनानी (ग्रीक ) बि प्याज तैं दवा माणदा  छा ।
                     कबि प्याज गरीब -गुरबों खाणो छौ बल  एक जखेली प्याज मा चार रुटि खै ल्यावो ! इजिप्ट /मिश्र मा पिरामिड बणाण वाळ मजदुर कच्चो  प्याज अर मूळी मा रुटि खांद छया । मिश्र मा प्याज तैं पुजद बि छा ।
आज प्याज का भौत सा रूप ह्वे गेन अब प्याज गरीबुं से भौत दूर ह्वे ग्यायि । जु प्रेम भाव कबि छौ, प्याजौ वो प्रेम भाव अब गरीबों पर नि रै गे  ।
अब प्याज अमीरुं जीमणु   पंगत मा दिखेंद या काळो बजार्युं क्वा ठों या गोदानुं मा । प्याज अब एक रत्न ह्वे ग्यायि जै पर अब केवल धनी लोगुं कब्जा च ।
हाँ अब धनी लोग पंचकवल का रूप मा दीन -दुखी -कोढियूँ तैं प्याज दान /भीख दीन्दन ।
आजाद भारत का रानीतिक इतिहास मा प्याजकथा अब  पंचगीत कथाओं मा से एक कथा च - इमरजेंसी , दिल्ली मा जनता राज , एच डी देव गौड़ा प्रधान मंत्री बणण, बोफोर्स कांड अर मैंगु प्याज से भाजापा राज्य सरकारूं  पतन। प्याज वोट मापक यंत्र ह्वे ग्यायि। प्याज की कीमतुं  से पता   चलदो बल लोग कैं पार्टी वोट द्याला । 
              प्याज कमाण वाळ (पैदा करण वाळ ) प्रदेस खासकर महाराष्ट्र का प्याज ब्यापारी प्याज की कीमत उंद -उब कौरिक राज्य सरकारूं निंद खराब करणा रौंदन । प्याज अब एक खेल बि ह्वे गे जैमा गरीब लोग बगैर मौत का ही  मरणा रौंदन ।
              प्याज रुलांद च गरीबों तैं अर जैं पार्टी तैं प्याजौ कारण बोट नि मिल्दन । किसानुं तैं जो दिखदन बल हम तैं त पांच रुपया कीलो ही मिल्दन पण बजार मा साठ रूप्या कीलो प्याज बिकणु च ।
           प्याज हंसांद च केवल काळुबजार वाळु तैं अर बीचवाळ बणियों तैं ।
             हमार उदार आर्थिक नीति का यि कुहाल छन बल पैल हम एक रूप्या लेक थैला भर प्याज लांद छया अब थैला भौरिक रूप्या मा एक दाणि प्याज आंद  ।
            प्याज अब राजनैतिक -आर्थिक तांत्रिक विद्या  मा पंचचक्र च -प्याज राज चक्र, प्याज भंडारीकरण  चक्र , प्याज बिचौलिया चक्र , प्याज निर्यात चक्र , प्याज मंडी चक्र । हरेक चक्र मा कथगा इ चक्रव्यूह छन जै तै आम जनता पार नि करी सकदी । प्याज का भीतर उथगा परत (छुक्यल) नि होंदन जथगा  कृषक से आम जनता तक प्याज पौंछाणो बीच मा परत (बिचौलिया ) होंदन । हरेक छुक्यल इथगा मुनाफ़ा कमांदु कि जनता की टक अर कमर ही टुटि जांद ।
   प्याज अब केवल प्याज नि रै ग्यायी बलकणम प्याज अब संसद अर विधान सभा मा व्यवधान पैदा करण को माहामारी हथियार ह्वे ग्यायि प्याज अब संसद अर विधान सभा की कार्यवाही स्थगित करणों एक विध्वंसक आयुध ह्वे ग्यायि । राजनैतिक पार्ट्यु बान प्याज हुंकार च डुंकरताळ च । प्याजै कीमत आम जनता का बान हुंडन (सुन्न ) होणै  एक जहर च, जहरीला  अनेस्थिया च ।
         प्याज अब सामाजिक रुतबा पाणों एक आभूषण ह्वे ग्यायि जो प्याज खांदो वो ही मातबर माने जांद ।
          प्याज अब गरीबों बान हीण,छ्वाड़ -तीरौ  , दीन, तुच्छ , नाचीज , हूणो निसाणी च। प्याज आम मनिखों बान  कमजोर हूणो  सूचक च ।
               प्याज की बेलगाम बढ़दी  कीमत बथांद बल भारतंम  कुरज्या फ़ैलि गे । प्याज की कीमतों मा असामयिक वृद्धि सिद्ध करदी कि भारतम अधेरगर्दी को राज च । प्याज की अंदादुंद मूल्यवृद्धि बथांदि की हिन्दुस्तान मा काणा -अंधा -बहरा -संज्ञाशून्य  राज करणा  छन  । 
              जु प्याज की कीमतों तैं स्थिर नि कौर सकणा छन वु बेशरम , बेहया लोग खाद्य सुरक्षा की बात कौरिक आम लोगुं बीच बजार मा बेज्जती करणा छन ।
               जु प्याज जन आम खाद्य पदार्थ तैं आम खाद्य पदार्थ नि राख साकल वु क्या भारत तैं खाद्य सुरक्षा द्याल ?


Copyright@ Bhishma Kukreti 22  /8/2013 


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