चबोड़्या -चखन्योर्या -भीष्म कुकरेती
कुच्छ दिनों से 'जग्वाळ' फ़िल्मौ निर्माता पाराशर गौड़ जी पर हैंकि गढ़वळि फिलम बणाणो भूत लग्युं छौ I पुछेर -बक्या त बुलणा छन बल भुत ना - खबेश -पिचास लग्युं च I बुलण वाळ तै ज्यूँरा बि नि रोकि सकुद I
खैर सि परसि पाराशर गौड़ द्वी दिनौ कुण मुंबई अयाँ छा त कुछ कहानीकारुं तैं बि मीलिन I फिल्मुं कुण सबसे बड़ी समस्या कथा की ही होंदी बिचारा दिलीप कुमार अरधंग बुड्या ह्वे गेन पण आज तलक बि बढ़िया कथा की खोज मा छन I
पाराशर गौड़ जी की बि समस्या अच्छी कथा छे I वूंक बुलण छौ बल यदि गढवाली फिल्म इंडस्ट्री तैं दुबार खड़ो करण त कथा बढ़िया होण चयेंद I
पाराशर गौड़ जी तैं एक गढ़वळी फिल्मो नामी कथाकार मील गेन I सुणन मा आई बल यूंन चार पांच गढवाली फिल्मो कुण कथा लेखिन I
पाराशर गौड़ - कथाकार जी मि चांदु कि मेरि नै फिलम से गढ़वळि-कुमाउनी फिल्मो तैं नै जीवनदान मिल जावो अर फिर धड़ाधड़ गढ़वळि-कुमाउनी बणण शुरू ह्वे जैन I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजी मी स्टाम्प पेपर मा लेखी दे दींदु कि फिल्म जरूर हिट होलि I एक लाख तलक सीडी एकी बिक जाली !
पाराशर गौड़ -हाँ मी बि चांदो कि लोगुं तैं गढ़वळि-कुमाउनी फिल्म दिखणो ढब पोड़ि जावो I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजी ढब ही ना चाखो लगि जालो !
पाराशर गौड़ -बस फिलम मा कथा जोरदार हूण चयेंद
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि गौड़ जी ! मेरी कथा जोरदार ना झन्नाटेदार च I
पाराशर गौड़ - त शुरू करे जावो ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ हाँ ! आज का अबि फिलम निर्माण शुरू कौर सकदवाँ !
पाराशर गौड़ -मी फिल्मौ कथा शुरू करणों बात करणु छौ
गढ़वळि फिलम कथाकार - अच्छा अच्छा ! त तुमम बि कथा क प्लाट च क्या ?
पाराशर गौड़ - अजि मेरि त जाणि द्याव I तुम अपणि कथा लगावो I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि क्या लगौं अपण कथा I कोटद्वारम पढ़णु छयो त दगड्योन बवाल बल मि फ़िल्मी लैक छौं अर मि मुंबई ऐ ग्यों अर फिर शुरू ह्वे फ़िल्मी संघर्ष , भूख -तीस ….
पाराशर गौड़ -फ़िल्मी केरियर संघर्ष की कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि नि पूछो ! जख गाँव मा खै खैक मि दिन मा तीन दै झाड़ा जांद छौ त इख तिन तिन दिन तलक भूकि रौं !
पाराशर गौड़ -हैं ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ फिर मि प्रोड्यूसर , डाइरेक्टर , ऐक्टर जू बि मील वैक चमचा बणदु ग्यों I
पाराशर गौड़ -पण या कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि या कथा नी च या एक सच्चाई च
पाराशर गौड़ -पण मि यीं कथा पर फिलम नि बणै सकुद !
गढ़वळि फिलम कथाकार - त कैन ब्वाल कि तुम यीं कथा पर फिलम बणावो I मि त तुमर बुलण पर अपण आप बीती सुणाणु छौ !
पाराशर गौड़ -भाई साहब मी तैं फिल्मो वास्ता कथा सुणावो !
गढ़वळि फिलम कथाकार - त इन ब्वालदी ! समझ तुम मेरि आत्म कथा सुणण चाणा छ्या
पाराशर गौड़ -ना ना ! मि तैं इंटरेस्ट फ़िल्मी कथा मा च
गढ़वळि फिलम कथाकार - औ ! त इन च फिलम मा छै सात या दस गाणा होला
पाराशर गौड़ - दस गाणा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ द्वी सीडी त गाणो कि ही बणलि अदा पैसा गाणों सीडी बेचिक मिलि जाल
पाराशर गौड़ -अछा चलो कथा सुणावो
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक गाणा जै जै उत्तराखंड पर होलु
पाराशर गौड़ -हाँ हाँ ! अग्नै की कथा …
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक चार धाम यात्रा का लम्बो गाणा हूणि चयेंद
पाराशर गौड़ -ठीक च पण कथा ….
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक थड्या गीत होलु I अचकाल तेलगु फिल्मो स्टाइल चलणु च त सामुहुक थड्या -नाच गाण साऊथ इन्डियन स्टाइल मा डाळे जाला
पाराशर गौड़ -पण मेरी फिलम त गढ़वळि फिलम च
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ वांक बान द्वी गाणा बौ सुरीला का तर्ज पर फिलमाए जाला I फिलम मा सेक्स दिखाणो सबसे कामगार सीन !
पाराशर गौड़ -फिलम मा कथा …
गढ़वळि फिलम कथाकार - हां वांक बान एक सिपै जीक गीत जरूरी च अर यदि जादा ही गढ़वळि तर्ज दीण त एक जागर बि धौरि द्योला I मजा ऐ जालो
पाराशर गौड़ - पण दर्शक ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - वांकुण द्वी कैबरे डांस बि धौरि द्योला
पाराशर गौड़ -कैबरे डांस ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - नै नै ! हेलेन वाळ कैबरे डांस ना ! मुन्नी बदनाम हुयी तेरे लिए या चमेली जन नाच गाण I अचकाल दर्शकुं रूचि बदल गे ना तो कैबरे जगा आइटम सौंग जरूरी च I औडिएंन्स उछळि जालि I
पाराशर गौड़ -कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - फिर एक बलात्कार हूंद दै बैक ग्राउंड सौंग बि जरूरी च
पाराशर गौड़ -भाई साब ! आप कथा कब सुणैल्या
गढ़वळि फिलम कथाकार - गौड़ जी मि कथा इ तो सुणाणु छयो
पाराशर गौड़ -ह्यां पण फिलम मा कु कु मुख्य चरित्र होला , कु कु गौण चरित्र होला …. ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ त आप फिलम शुरू कारों अर जथगा तुमर बजेट होलु वै हिसाब से चरित्र घुसेड़ द्योला I चरित्रों तै ही त घुसेड़ण बकै क्या च ?
पाराशर गौड़ -डायलौग बगैरा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - सेट पर जन मौक़ा लागल तनी डायलौग बि लेखि ल्योला ? डायलौग हिंदी माँ द्योला अर कलाकार अफिक अपण हिसाब से गढ़वळि माँ डायलौग बोली द्याला
पाराशर गौड़ जी वै दिन बिटेन कड़कड़ हुयाँ छन अर वूं तैं कड़कड़ो हालात मा कनाडा लिजये ग्याइ I सुणण मा आयि कि अब पाराशर जी थोड़ा ठीक ह्वे गेन किलैकि अब वो बरड़ाणा रौंदन बल -मुझे एक अच्छी कथा की जग्वाळ है , अछि कथा की जग्वाळ है
Copyright @ Bhishma Kukreti 10/8/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
कुच्छ दिनों से 'जग्वाळ' फ़िल्मौ निर्माता पाराशर गौड़ जी पर हैंकि गढ़वळि फिलम बणाणो भूत लग्युं छौ I पुछेर -बक्या त बुलणा छन बल भुत ना - खबेश -पिचास लग्युं च I बुलण वाळ तै ज्यूँरा बि नि रोकि सकुद I
खैर सि परसि पाराशर गौड़ द्वी दिनौ कुण मुंबई अयाँ छा त कुछ कहानीकारुं तैं बि मीलिन I फिल्मुं कुण सबसे बड़ी समस्या कथा की ही होंदी बिचारा दिलीप कुमार अरधंग बुड्या ह्वे गेन पण आज तलक बि बढ़िया कथा की खोज मा छन I
पाराशर गौड़ जी की बि समस्या अच्छी कथा छे I वूंक बुलण छौ बल यदि गढवाली फिल्म इंडस्ट्री तैं दुबार खड़ो करण त कथा बढ़िया होण चयेंद I
पाराशर गौड़ जी तैं एक गढ़वळी फिल्मो नामी कथाकार मील गेन I सुणन मा आई बल यूंन चार पांच गढवाली फिल्मो कुण कथा लेखिन I
पाराशर गौड़ - कथाकार जी मि चांदु कि मेरि नै फिलम से गढ़वळि-कुमाउनी फिल्मो तैं नै जीवनदान मिल जावो अर फिर धड़ाधड़ गढ़वळि-कुमाउनी बणण शुरू ह्वे जैन I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजी मी स्टाम्प पेपर मा लेखी दे दींदु कि फिल्म जरूर हिट होलि I एक लाख तलक सीडी एकी बिक जाली !
पाराशर गौड़ -हाँ मी बि चांदो कि लोगुं तैं गढ़वळि-कुमाउनी फिल्म दिखणो ढब पोड़ि जावो I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजी ढब ही ना चाखो लगि जालो !
पाराशर गौड़ -बस फिलम मा कथा जोरदार हूण चयेंद
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि गौड़ जी ! मेरी कथा जोरदार ना झन्नाटेदार च I
पाराशर गौड़ - त शुरू करे जावो ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ हाँ ! आज का अबि फिलम निर्माण शुरू कौर सकदवाँ !
पाराशर गौड़ -मी फिल्मौ कथा शुरू करणों बात करणु छौ
गढ़वळि फिलम कथाकार - अच्छा अच्छा ! त तुमम बि कथा क प्लाट च क्या ?
पाराशर गौड़ - अजि मेरि त जाणि द्याव I तुम अपणि कथा लगावो I
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि क्या लगौं अपण कथा I कोटद्वारम पढ़णु छयो त दगड्योन बवाल बल मि फ़िल्मी लैक छौं अर मि मुंबई ऐ ग्यों अर फिर शुरू ह्वे फ़िल्मी संघर्ष , भूख -तीस ….
पाराशर गौड़ -फ़िल्मी केरियर संघर्ष की कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि नि पूछो ! जख गाँव मा खै खैक मि दिन मा तीन दै झाड़ा जांद छौ त इख तिन तिन दिन तलक भूकि रौं !
पाराशर गौड़ -हैं ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ फिर मि प्रोड्यूसर , डाइरेक्टर , ऐक्टर जू बि मील वैक चमचा बणदु ग्यों I
पाराशर गौड़ -पण या कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - अजि या कथा नी च या एक सच्चाई च
पाराशर गौड़ -पण मि यीं कथा पर फिलम नि बणै सकुद !
गढ़वळि फिलम कथाकार - त कैन ब्वाल कि तुम यीं कथा पर फिलम बणावो I मि त तुमर बुलण पर अपण आप बीती सुणाणु छौ !
पाराशर गौड़ -भाई साहब मी तैं फिल्मो वास्ता कथा सुणावो !
गढ़वळि फिलम कथाकार - त इन ब्वालदी ! समझ तुम मेरि आत्म कथा सुणण चाणा छ्या
पाराशर गौड़ -ना ना ! मि तैं इंटरेस्ट फ़िल्मी कथा मा च
गढ़वळि फिलम कथाकार - औ ! त इन च फिलम मा छै सात या दस गाणा होला
पाराशर गौड़ - दस गाणा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ द्वी सीडी त गाणो कि ही बणलि अदा पैसा गाणों सीडी बेचिक मिलि जाल
पाराशर गौड़ -अछा चलो कथा सुणावो
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक गाणा जै जै उत्तराखंड पर होलु
पाराशर गौड़ -हाँ हाँ ! अग्नै की कथा …
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक चार धाम यात्रा का लम्बो गाणा हूणि चयेंद
पाराशर गौड़ -ठीक च पण कथा ….
गढ़वळि फिलम कथाकार - एक थड्या गीत होलु I अचकाल तेलगु फिल्मो स्टाइल चलणु च त सामुहुक थड्या -नाच गाण साऊथ इन्डियन स्टाइल मा डाळे जाला
पाराशर गौड़ -पण मेरी फिलम त गढ़वळि फिलम च
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ वांक बान द्वी गाणा बौ सुरीला का तर्ज पर फिलमाए जाला I फिलम मा सेक्स दिखाणो सबसे कामगार सीन !
पाराशर गौड़ -फिलम मा कथा …
गढ़वळि फिलम कथाकार - हां वांक बान एक सिपै जीक गीत जरूरी च अर यदि जादा ही गढ़वळि तर्ज दीण त एक जागर बि धौरि द्योला I मजा ऐ जालो
पाराशर गौड़ - पण दर्शक ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - वांकुण द्वी कैबरे डांस बि धौरि द्योला
पाराशर गौड़ -कैबरे डांस ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - नै नै ! हेलेन वाळ कैबरे डांस ना ! मुन्नी बदनाम हुयी तेरे लिए या चमेली जन नाच गाण I अचकाल दर्शकुं रूचि बदल गे ना तो कैबरे जगा आइटम सौंग जरूरी च I औडिएंन्स उछळि जालि I
पाराशर गौड़ -कथा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - फिर एक बलात्कार हूंद दै बैक ग्राउंड सौंग बि जरूरी च
पाराशर गौड़ -भाई साब ! आप कथा कब सुणैल्या
गढ़वळि फिलम कथाकार - गौड़ जी मि कथा इ तो सुणाणु छयो
पाराशर गौड़ -ह्यां पण फिलम मा कु कु मुख्य चरित्र होला , कु कु गौण चरित्र होला …. ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - हाँ त आप फिलम शुरू कारों अर जथगा तुमर बजेट होलु वै हिसाब से चरित्र घुसेड़ द्योला I चरित्रों तै ही त घुसेड़ण बकै क्या च ?
पाराशर गौड़ -डायलौग बगैरा ?
गढ़वळि फिलम कथाकार - सेट पर जन मौक़ा लागल तनी डायलौग बि लेखि ल्योला ? डायलौग हिंदी माँ द्योला अर कलाकार अफिक अपण हिसाब से गढ़वळि माँ डायलौग बोली द्याला
पाराशर गौड़ जी वै दिन बिटेन कड़कड़ हुयाँ छन अर वूं तैं कड़कड़ो हालात मा कनाडा लिजये ग्याइ I सुणण मा आयि कि अब पाराशर जी थोड़ा ठीक ह्वे गेन किलैकि अब वो बरड़ाणा रौंदन बल -मुझे एक अच्छी कथा की जग्वाळ है , अछि कथा की जग्वाळ है
Copyright @ Bhishma Kukreti 10/8/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments