चबोड़्या -चखन्योर्या -भीष्म कुकरेती
(सचेकि न्यूज एजेंसी ) न समाचार दे कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मा एक हाथी जथगा बड़ा विदेशी मच्छर ऐ गेन अर इ विदेशी मच्छर एक टैम पर पांच छै लीटर ल्वै पे जांदन I उन हमर सचु संवाददाता न रन्त रैबार दे बल पैल यी मच्छर पहाड़ी गाऊं मा गे छ्या पण उख यूं मच्छरों तैं मनमाफिक खून निकाळनो माहौल नि मील I सबि लोग स्वदेसी मच्छर प्रेमी छा तों झक मारिक विदेशी जम्बो मच्छर ड्याराडूण जिना ऐ गेन I फिर यूं बड़ा मच्छरों तैं इन मनिख बि चएंदन जौं पर पांच छै लीटर खून ह्वावो I
फक्वा संवाददाता न पता लगाइ बल उख गाऊं वाळुक खून पेक सबी छुट -बड़ नेता लोकुन अपण बसेरा देहरादून माँ बसै याल तो जम्बो बरोबर मच्छर अट्टा जन मोटा नेताओं की खोज मा देहरादून ऐ गेन I समणि पर बुलण वाळ उल्टु बादीन खोज कार त पायी कि भ्रष्ट अधिकारी बि जनता क खून पेकि मुस्टंडा बणी गेन अर अब जम्बो मच्छरों नजर यूं मुस्टंडा अधिकार्युं पर च I आँख दिख्युं हाल बताण वाळ इकअंख्या रिपोर्टर की रिपोर्ट च कि सैकड़ों ठेकेदार बि जन कल्याण योजनाओं का ठेका लेक गैबण हाथी जन हुयां छन अर जम्बो मच्छर युंक घौर का आस पास मंडरांद दिखे गेन I
हमर फंड धुऴयूं खबरीन कामैक खबर दे बल चुंकि स्वास्थ्य मंत्रालय अपण बूता पर ब्लड बैंक का वास्ता खून जमा नि कौर सकद तो प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालयन खून चुसो विदेशी मच्छरूं दगड़ फोरेंन कोलेबोरेसन का नाम पर सांठ -गाँठ कौरि आल अर अब विदेशी मच्छर प्रदेश ब्लड बैंक तैं खून सप्लाई कारल I स्वास्थ्य मंत्री क बुलण च बल यूँ विदेशी मच्छरों दगड़ टांका -भिड़ण से उत्तराखंड मा खून की नदी बगण बिसे जाला I
उन जनता मा कुछ गलत फहमी या भरम को माहौल बि च किलैकि कुछ स्वदेशी विचारकों न अफवा फ़ैलै दे बल फोरेन ब्लड सकर्स आर इनवेडिंग उत्तराखंड I पण जनता का खून से पऴयाँ -पुस्यां नेताओं अर मुस्टंडा अधिकार्युं न हरेक जगा कैम्प लगैक लोगुं तैं बथाइ कि यी विदेशी मच्छर लोचा -लोचड़ी जन खून नि पीन्दन कि दर्द ह्वावो I नेता अर अधिकार्युं न समझाई कि विदेशी मच्छर बगैर दर्द का खून पींदन अर मरीज तैं पता बि नि लगद कि खून बगी गे I अब जनता मा विदेशी जम्बो मच्छरों से खून चुसवाणो होड़ -छौम्पा दौड़ लगीं च I विदेशी जंबो मच्छर बि खुश छन बल पैल वो जनता को खून चुसदन अर फिर वै खून तैं मंहगा से मंहगा दामों मा स्वास्थ्य मंत्रालय तैं बेचीं दींदु I जब इ जंबो मच्छर इखुलि हुंदन त भारत की फोरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट योजना पर खूब जोर जोर से हंसदन कि अपण खून चुसाण तैं भारतंम फोरेन इन्वेस्टमेंट नाम दिए गे I
चूंकि भारतम प्रजातंत्र च त विरोधी पक्ष को काम विरोध मा फड़्याण जरूरी होंद तो विरोधी पक्षन स्वास्थ्य मंत्रालय अर जंबो मच्छरूं कोलेबोरेसन का विरोध मा विधान सभा तैं युद्ध स्थल बणै द्यायि I विरोध क्यांको च इ त विरोधी नेता तैं बि नि पता बस विरोध करण च त करणा छन I
स्वदेशी विचारक 'मेरी क्वी नि सुणदु ' न एक वार्ता मा लोगुं तैं याद दिलाई कि जब आज को प्रतिपक्ष सत्ता मा छौ त यूंन विदेशी जूंकुं दगड़ कोलेबोरेसन करि छौ I वाई बगत सत्ता पक्ष को तर्क छौ बल ग्लोबल वार्मिंग का वजै से पहाड़ी -स्वदेसी जूंक गोर -भैंसुं खून चुसणम नाकामयाब छन अर मेवेस्युं खून चुसवाण आवश्यक च तो विदेसी जूंक उत्तराखंड मा लाण जरूरी च I जनता न तब अपण पहाड़ी जुंकुं तैं मारिक विदेसी जूंकुं तैं अपण पाणीम जगा दे छे अर अब उत्तराखंड का विदेसी जूंक पहाड़ी गोर -भैंसुं ल्वै निर्यात बि करद पण असली फैदा विदेसी सरकार तैं हूणु च I
विचारा स्वदेशी विचारक 'मेरी क्वी नि सुणदु ' तैं क्वी नि सुणणु च I
Copyright @ Bhishma Kukreti 9/8/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
(सचेकि न्यूज एजेंसी ) न समाचार दे कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मा एक हाथी जथगा बड़ा विदेशी मच्छर ऐ गेन अर इ विदेशी मच्छर एक टैम पर पांच छै लीटर ल्वै पे जांदन I उन हमर सचु संवाददाता न रन्त रैबार दे बल पैल यी मच्छर पहाड़ी गाऊं मा गे छ्या पण उख यूं मच्छरों तैं मनमाफिक खून निकाळनो माहौल नि मील I सबि लोग स्वदेसी मच्छर प्रेमी छा तों झक मारिक विदेशी जम्बो मच्छर ड्याराडूण जिना ऐ गेन I फिर यूं बड़ा मच्छरों तैं इन मनिख बि चएंदन जौं पर पांच छै लीटर खून ह्वावो I
फक्वा संवाददाता न पता लगाइ बल उख गाऊं वाळुक खून पेक सबी छुट -बड़ नेता लोकुन अपण बसेरा देहरादून माँ बसै याल तो जम्बो बरोबर मच्छर अट्टा जन मोटा नेताओं की खोज मा देहरादून ऐ गेन I समणि पर बुलण वाळ उल्टु बादीन खोज कार त पायी कि भ्रष्ट अधिकारी बि जनता क खून पेकि मुस्टंडा बणी गेन अर अब जम्बो मच्छरों नजर यूं मुस्टंडा अधिकार्युं पर च I आँख दिख्युं हाल बताण वाळ इकअंख्या रिपोर्टर की रिपोर्ट च कि सैकड़ों ठेकेदार बि जन कल्याण योजनाओं का ठेका लेक गैबण हाथी जन हुयां छन अर जम्बो मच्छर युंक घौर का आस पास मंडरांद दिखे गेन I
हमर फंड धुऴयूं खबरीन कामैक खबर दे बल चुंकि स्वास्थ्य मंत्रालय अपण बूता पर ब्लड बैंक का वास्ता खून जमा नि कौर सकद तो प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालयन खून चुसो विदेशी मच्छरूं दगड़ फोरेंन कोलेबोरेसन का नाम पर सांठ -गाँठ कौरि आल अर अब विदेशी मच्छर प्रदेश ब्लड बैंक तैं खून सप्लाई कारल I स्वास्थ्य मंत्री क बुलण च बल यूँ विदेशी मच्छरों दगड़ टांका -भिड़ण से उत्तराखंड मा खून की नदी बगण बिसे जाला I
उन जनता मा कुछ गलत फहमी या भरम को माहौल बि च किलैकि कुछ स्वदेशी विचारकों न अफवा फ़ैलै दे बल फोरेन ब्लड सकर्स आर इनवेडिंग उत्तराखंड I पण जनता का खून से पऴयाँ -पुस्यां नेताओं अर मुस्टंडा अधिकार्युं न हरेक जगा कैम्प लगैक लोगुं तैं बथाइ कि यी विदेशी मच्छर लोचा -लोचड़ी जन खून नि पीन्दन कि दर्द ह्वावो I नेता अर अधिकार्युं न समझाई कि विदेशी मच्छर बगैर दर्द का खून पींदन अर मरीज तैं पता बि नि लगद कि खून बगी गे I अब जनता मा विदेशी जम्बो मच्छरों से खून चुसवाणो होड़ -छौम्पा दौड़ लगीं च I विदेशी जंबो मच्छर बि खुश छन बल पैल वो जनता को खून चुसदन अर फिर वै खून तैं मंहगा से मंहगा दामों मा स्वास्थ्य मंत्रालय तैं बेचीं दींदु I जब इ जंबो मच्छर इखुलि हुंदन त भारत की फोरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट योजना पर खूब जोर जोर से हंसदन कि अपण खून चुसाण तैं भारतंम फोरेन इन्वेस्टमेंट नाम दिए गे I
चूंकि भारतम प्रजातंत्र च त विरोधी पक्ष को काम विरोध मा फड़्याण जरूरी होंद तो विरोधी पक्षन स्वास्थ्य मंत्रालय अर जंबो मच्छरूं कोलेबोरेसन का विरोध मा विधान सभा तैं युद्ध स्थल बणै द्यायि I विरोध क्यांको च इ त विरोधी नेता तैं बि नि पता बस विरोध करण च त करणा छन I
स्वदेशी विचारक 'मेरी क्वी नि सुणदु ' न एक वार्ता मा लोगुं तैं याद दिलाई कि जब आज को प्रतिपक्ष सत्ता मा छौ त यूंन विदेशी जूंकुं दगड़ कोलेबोरेसन करि छौ I वाई बगत सत्ता पक्ष को तर्क छौ बल ग्लोबल वार्मिंग का वजै से पहाड़ी -स्वदेसी जूंक गोर -भैंसुं खून चुसणम नाकामयाब छन अर मेवेस्युं खून चुसवाण आवश्यक च तो विदेसी जूंक उत्तराखंड मा लाण जरूरी च I जनता न तब अपण पहाड़ी जुंकुं तैं मारिक विदेसी जूंकुं तैं अपण पाणीम जगा दे छे अर अब उत्तराखंड का विदेसी जूंक पहाड़ी गोर -भैंसुं ल्वै निर्यात बि करद पण असली फैदा विदेसी सरकार तैं हूणु च I
विचारा स्वदेशी विचारक 'मेरी क्वी नि सुणदु ' तैं क्वी नि सुणणु च I
Copyright @ Bhishma Kukreti 9/8/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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