चबोड़्या -चखन्योर्या -भीष्म कुकरेती
इन कबि नि ह्वे कि मिनख द्वी तरां समाज मा रौंदु ह्वा धौं I इन कबि नि ह्वे कि मनिख मृत्युलोक मा बि रावो अर देवलोक मा रम्भा दगड़ रम्बा -सम्बा नाच बि नाचणु रावो I हां एक दै विश्वामित्रन महर्षि बणनों बान एक हैंक लोक बणै जरुर छौ अर वै तैं हम त्रिशंकु लोक बुल्दवां I इन बोदन बल त्रिशंकु लोक छैं बि च अर नि बि च I इनि इंटरनेट लोक बि च जु छैं त च पण कख च कै तैं नि पता ! बस इंटरनेट छैं च I
इंटरनेट मा बि समाज च अर यु समाज च पण पारम्परिक समाज अर हवा माँगक समाज मा कुछ समानता छन तो भौत सा बातों मा असमानता बि च I
असली समाज अब उथगा असली नी च अर वर्चुअल सोसाइटी हवा माँगक समाज उथगा नकली नि रै ग्यायि जथगा लोक सुचदा छा I कबि कबि त इन लगद कि वर्चुअल समाज जादा असली च I
नेट समाज अर पारम्परिक समाज मा समानता या च कि दुयुं मा नब्बे टका छ्वीं बेकार , बकबास, बकवाद , हूंदन जै तैं छूं ना कुरुड़ बुले जांद I
आपन पारम्परिक छुयाँळु मादे देखि होलु कथगा हि छुंयाळ एकि रट लगांदन और सुणा क्या हाल छन ? नेट सोसल मीडिया मा बि कथगा इ लोग बस गुड मौर्निंग या सुनाओ क्या हाल हैं दोस्तों तक ही सीमित रौंदन I
गप लगाण वाळ तैं गपास्टी , गपोड्या बोले जांद छौ अर गप समौ बरबाद करणों एक माध्यम माने जांद छौ अर आज इंटरनेट का गपोड्यों तैं चैटैड्या बुले जांदI चैटैड्योँ तैं बि भलु नि माने जांद I
पारम्परिक समाज मा दगुड़ बणाण सौंग नि होंद बलकणम कठण होंद पण नेट मा दगुड़ खुज्याण सरल च I अब त इन्टरनेट माँ दगुड़ या दोस्त की परिभाषा ही बदल गे I अब बुले जांद चलो जरा फ्रेंड करे जावो या लेट अस फ्रेंड याने नेट पर दगड्या करे जावो . अब फ्रेंड या दगड्या संज्ञा नी च बलकणम वाचक ह्वे ग्यायि I परसि मीन एक पारम्परिक दगड्या कुण फोन कार त वैन बोलि बल भीषम जरा थ्वड़ा देरम फोन कौर आइ ऍम फ्रेंडिंग याने कि मि फ्रेंड्याणु या दगड्याणु छौं I नेट मा ब्याकरण कखन से कख पौंछि गे I
नेट समाज मा 'LIKE ' अब क्रिया नि रै ग्याइ बलकणम संज्ञा ह्वे ग्याइ I अब हम 'LIKE' दीन्दा या लींदा I पेल बुले जांद छौ मि त्यार इख औलु त तू क्या देलि अर तु म्यार इख ऐलि त क्या लैलि I अब नेट पर इन लिखे जांदो -मीन त्वे तैं दस दै 'LIKE' देन अर तीन अबि तलक मै तैं एक बि 'LIKE ' नि दे , अब मीन त्यार दगड़ नि फ्रेंड्याणाइ ( I not frenduig with you ) I
पारम्परिक समाज मा काका -ब्वाडा रिश्ता हूंद इख इन रिश्तेदारी कमि होंद I हां क्षेत्रीय ब्लौग मा तुम तैं काका -ब्वाडाक रिश्तेदारी मीलि जालि I
चौंतरा मा जब बिंडी लोग बैठिक गप लगावन तो कुछ पुरण बैरि बि हूंदन जो तुम कुछ बि बोलिल्या वो तुमर काट जरुर कारल I इनि सॉसल मीडिया मा बि च I पप्पू अर फेंकू बैर्युं उदाहरण छन जो पारम्परिक बैरी छन I
हमर गां मा एक ददा जी छया जौंक इख छ्वारा बैठ्यां रौंद छा, तमाखु पीण सिखदा छा अर बेझिझक तमाकु पींदा छा दगड़म छ्वीं बि लगांदा छा I सरा गाँ वाळ वै ददा तैं 'लौड़ बिगाड़ु ' बुल्दा छा I आज नेट सोसल मीडिया तै 'छोरा -छोरी ' बिगाड़ु बुल्दन I
जुआर्युं तास चौपड़ की बैठ्वाक भलि नि माने जांद छे त अचकाल नेट माँ उपलब्ध 'जुआ' का विरुद्ध बि समाज विरोध करणु रौंद I
चौंतरा मा बैठिक कथगा हि नौनी -नौन्याळु जोड़ी खुज्याये जांद छे आज इन्त्र्नेत जोडी खुज्याणो बडु माध्यं ह्वे गे I
अपण अपण लगाण अर हैंकाक नि सुणण द्वी समाजों मा इकजसी समानता च I
आलोचना -प्रशंसा द्वी जगा इकसनी छन I
पारम्परिक बैठ्वाकम जो तुमन हैंकाकि बात नि सुणनाइ या जबाब नि दीणाइ त बौग मरण पोड़द त नेट पर डिलिट करण पोड़द या मेल ब्लौक करण पोड़द I
कुछ लोग अबि बि सोसल मीडिया क्या इन्टरनेट तैं बेकार माणदन यी बाबा आदम जमाना का लोग छन I
इनि भौत सि बात छन जो पारम्परिक चौपाल -की- कछेड़ी मा बि छन तो इंटरनेट -की -कछेड़ी मा बि छन अर कुछ गुण /चरित्र दुयुं मा बिलकुल अलग अलग छन I
Copyright @ Bhishma Kukreti 7/8/2013
इन कबि नि ह्वे कि मिनख द्वी तरां समाज मा रौंदु ह्वा धौं I इन कबि नि ह्वे कि मनिख मृत्युलोक मा बि रावो अर देवलोक मा रम्भा दगड़ रम्बा -सम्बा नाच बि नाचणु रावो I हां एक दै विश्वामित्रन महर्षि बणनों बान एक हैंक लोक बणै जरुर छौ अर वै तैं हम त्रिशंकु लोक बुल्दवां I इन बोदन बल त्रिशंकु लोक छैं बि च अर नि बि च I इनि इंटरनेट लोक बि च जु छैं त च पण कख च कै तैं नि पता ! बस इंटरनेट छैं च I
इंटरनेट मा बि समाज च अर यु समाज च पण पारम्परिक समाज अर हवा माँगक समाज मा कुछ समानता छन तो भौत सा बातों मा असमानता बि च I
असली समाज अब उथगा असली नी च अर वर्चुअल सोसाइटी हवा माँगक समाज उथगा नकली नि रै ग्यायि जथगा लोक सुचदा छा I कबि कबि त इन लगद कि वर्चुअल समाज जादा असली च I
नेट समाज अर पारम्परिक समाज मा समानता या च कि दुयुं मा नब्बे टका छ्वीं बेकार , बकबास, बकवाद , हूंदन जै तैं छूं ना कुरुड़ बुले जांद I
आपन पारम्परिक छुयाँळु मादे देखि होलु कथगा हि छुंयाळ एकि रट लगांदन और सुणा क्या हाल छन ? नेट सोसल मीडिया मा बि कथगा इ लोग बस गुड मौर्निंग या सुनाओ क्या हाल हैं दोस्तों तक ही सीमित रौंदन I
गप लगाण वाळ तैं गपास्टी , गपोड्या बोले जांद छौ अर गप समौ बरबाद करणों एक माध्यम माने जांद छौ अर आज इंटरनेट का गपोड्यों तैं चैटैड्या बुले जांदI चैटैड्योँ तैं बि भलु नि माने जांद I
पारम्परिक समाज मा दगुड़ बणाण सौंग नि होंद बलकणम कठण होंद पण नेट मा दगुड़ खुज्याण सरल च I अब त इन्टरनेट माँ दगुड़ या दोस्त की परिभाषा ही बदल गे I अब बुले जांद चलो जरा फ्रेंड करे जावो या लेट अस फ्रेंड याने नेट पर दगड्या करे जावो . अब फ्रेंड या दगड्या संज्ञा नी च बलकणम वाचक ह्वे ग्यायि I परसि मीन एक पारम्परिक दगड्या कुण फोन कार त वैन बोलि बल भीषम जरा थ्वड़ा देरम फोन कौर आइ ऍम फ्रेंडिंग याने कि मि फ्रेंड्याणु या दगड्याणु छौं I नेट मा ब्याकरण कखन से कख पौंछि गे I
नेट समाज मा 'LIKE ' अब क्रिया नि रै ग्याइ बलकणम संज्ञा ह्वे ग्याइ I अब हम 'LIKE' दीन्दा या लींदा I पेल बुले जांद छौ मि त्यार इख औलु त तू क्या देलि अर तु म्यार इख ऐलि त क्या लैलि I अब नेट पर इन लिखे जांदो -मीन त्वे तैं दस दै 'LIKE' देन अर तीन अबि तलक मै तैं एक बि 'LIKE ' नि दे , अब मीन त्यार दगड़ नि फ्रेंड्याणाइ ( I not frenduig with you ) I
पारम्परिक समाज मा काका -ब्वाडा रिश्ता हूंद इख इन रिश्तेदारी कमि होंद I हां क्षेत्रीय ब्लौग मा तुम तैं काका -ब्वाडाक रिश्तेदारी मीलि जालि I
चौंतरा मा जब बिंडी लोग बैठिक गप लगावन तो कुछ पुरण बैरि बि हूंदन जो तुम कुछ बि बोलिल्या वो तुमर काट जरुर कारल I इनि सॉसल मीडिया मा बि च I पप्पू अर फेंकू बैर्युं उदाहरण छन जो पारम्परिक बैरी छन I
हमर गां मा एक ददा जी छया जौंक इख छ्वारा बैठ्यां रौंद छा, तमाखु पीण सिखदा छा अर बेझिझक तमाकु पींदा छा दगड़म छ्वीं बि लगांदा छा I सरा गाँ वाळ वै ददा तैं 'लौड़ बिगाड़ु ' बुल्दा छा I आज नेट सोसल मीडिया तै 'छोरा -छोरी ' बिगाड़ु बुल्दन I
जुआर्युं तास चौपड़ की बैठ्वाक भलि नि माने जांद छे त अचकाल नेट माँ उपलब्ध 'जुआ' का विरुद्ध बि समाज विरोध करणु रौंद I
चौंतरा मा बैठिक कथगा हि नौनी -नौन्याळु जोड़ी खुज्याये जांद छे आज इन्त्र्नेत जोडी खुज्याणो बडु माध्यं ह्वे गे I
अपण अपण लगाण अर हैंकाक नि सुणण द्वी समाजों मा इकजसी समानता च I
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पारम्परिक बैठ्वाकम जो तुमन हैंकाकि बात नि सुणनाइ या जबाब नि दीणाइ त बौग मरण पोड़द त नेट पर डिलिट करण पोड़द या मेल ब्लौक करण पोड़द I
कुछ लोग अबि बि सोसल मीडिया क्या इन्टरनेट तैं बेकार माणदन यी बाबा आदम जमाना का लोग छन I
इनि भौत सि बात छन जो पारम्परिक चौपाल -की- कछेड़ी मा बि छन तो इंटरनेट -की -कछेड़ी मा बि छन अर कुछ गुण /चरित्र दुयुं मा बिलकुल अलग अलग छन I
Copyright @ Bhishma Kukreti 7/8/2013
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments