डाम
पोरु -परार
सूणे
बल , बणगि डाम I
ऐस्वा बसग्याळ
सूणे
बल , प्वड़िगि डाम I
कविता ;ललित केशवान
उत्तरखंडि खुजेर
पाड़ का पाड़ि कि
चिट्ठी ऐगि
मेरु उत्तराखंड
क्य जणि कख ख्वगि
एक सालो एक्वल्यांस
डांडी कांठ्यों तुमुन बि देखि
कवि : गोकुला नन्द किमोठी 'ग्रामीण '
पोरु -परार
सूणे
बल , बणगि डाम I
ऐस्वा बसग्याळ
सूणे
बल , प्वड़िगि डाम I
कविता ;ललित केशवान
उत्तरखंडि खुजेर
पाड़ का पाड़ि कि
चिट्ठी ऐगि
मेरु उत्तराखंड
क्य जणि कख ख्वगि
एक सालो एक्वल्यांस
डांडी कांठ्यों तुमुन बि देखि
कवि : गोकुला नन्द किमोठी 'ग्रामीण '
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