Modern Garhwali Folk Songs, Concept Comparison , Satire Poems
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रंग (गढ़वाली कविता )
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रंग (गढ़वाली कविता )
रचना -- देवेश जोशी ( जन्म 1967 , गंगुली , चमोली गढ़वाल )
Poetry by - Devesh Joshi
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( गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग -139 )
( गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग -139 )
-इंटरनेट प्रस्तुति और व्याख्या : भीष्म कुकरेती
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लाल पिंगळा हैरा नीला
काळा अर सुखैला
बनि -बनि रंग का छन
दुनिया मा
पर विज्ञानं पढ्यां लोग ब्वलदन
कैकू क्वी रंग नी छ
रंग त उज्याळा मा हूंदा
उज्याळा का जै रंग तै हम पचै नी सकदा
अपण भैरा खोळा मां
वै ही रंग दिख्येंदा
तब तू -
जु दिखेंद जथगा सुखिल भैर बिटेन
मन को उथगा काळू होलू
अर जु दिखेंदू जथगा ईमानदार
वो होंद महा -बेमान
( साभार -- अंग्वाळ )
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