कव्वा कु ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
राजदीप सरदेसाई (अपण सहयोगी से )- अरे ! इख अमेरिका मा बि कुत्ता ? अर इख मेडसन स्क्वायर , न्यूआर्क मा स्यु कुत्ता म्यार पैथर ?
सहयोगी - सर ! डरणै जरुरत नी च। इख न्यूयॉर्क मा पैल त कुत्ता कटद नि छन अर काटि बि ल्याल तो बि राबी नि सौरे (फैलै ) सकदन। आप नरेंद्र मोदी बारा मा ब्वाला मि कैमरा एडजस्ट करद।
सरदेसाई - पर मि कटखना या नॉन कटखना कुत्ता से डरुद छौं। मि इन करद ये कुत्ता से दूर उना जांद तू कैमरा लेक उना इ ऐ जा।
सरदेसाई - अरे अरे ! यु कुत्ता म्यार पूछ नि छुड़णु च।
एक शिव सैनिक समर्थक - अरे अरे ! पकड़ो साला तैं ! तै सरदेसाईन कबि माननीय उद्धव ठाकरे जी की आलोचना करी छे। पीटो इस पाजी गधे को !
एक मनसे समर्थक - वो चुप ! मराठी अस्मिता पर मनसे कु एकाधिकार च। ये राजदीप सरदेसाईन इण्डिया मा उद्धव ठाकरे से पैल हमर नेता माननीय राज ठाकरे जी की आलोचना करी छे तो आज ए थुरद्वन्या की टांग तुड़णो एकाधिकार हमर च।
एडीएमके समर्थक - नही नही ! मेरी अग्ल्यार च। मीन सरदेसाइक कन्दुड़ काटिक एक खून कुमारी अम्मा जयललिता जीक फोटो मा चढ़ाणो कसम खायीं च। तै निरा मुर्ख सरदेसाइन बोल बल न्यायपालिका जीती और जयललिता हारी। हूँ ! हमारी जयललिता कुछ बि गुनाह कार तो भी अम्मा तैं क्वी गुनाहगार नि बोल सकुद। सरदेसाई को सबसे पहले सजा मैं दूंगा !
कॉंग्रेस समर्थकों झुण्ड - अजी ! क्या बात करते हो ! इसकी हड्डी पसली पहले हम तोड़ेंगे। सरदेसाईन हमर राजकुमार राहुल गांधी बड़ी बेज्जती करि छे। आज हम इसको थींचेंगे , कुटेंगे।
क्रोधित भाजपा समर्थक -हटो , हटो ! पीछे हटो ! क्या बात करते हो तुम लोग ? मीडिया का भरता बनाने के लिए ही तो जनता ने हमें वोट दिया है , मेजोरिटी दी है। इसने आज न्यूयार्क में माननीय नरेंद्र मोदी प्रशंसा नही की है। हम भाजपाईयों ने कसम खाई है कि जो भी पत्रकार किसी भी मीडिया में श्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा नही करेगा तो हम उसकी ऐसी -तैसी करेंगे , उसकी झगुली -लगुली डाळ लगाएंगे , उसका मुंड फोड़ेंगे , उसके दांत तोड़ेंगे , उसका भट्यूड़ तोड़ेंगे और उसे पत्रकारिता करने लायक नही छोड़ेंगे ! ह पत्रकारों पर लगाम लगाने का पुण्य काम हमे करने दो ।
सभी एक स्वर मा - हाँ हाँ ! तुम ही पीटो ये साला सरदेसाई का बच्चा तैं । कुछ भी ह्वावो मीडिया पर लगाम लगाओ।
सरदेसाई का सहयोगी - सर जी न्यूयार्क छोड़िक वाशिंगटन च जांदवां। कुत्तों से त हम बची जौंला किंतु यूँ राजनीतिज्ञों का भेष मा खदुळ भेड़ियों से कनकै बचला ? चलो वाशिंगटन चल जाँदा !
Copyright@ Bhishma Kukreti 30 /9/ 2014
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
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