गढ़वाळि व्यंग्यकोष -भाग -19
Garhwali Satirical Dictionary part 19
गुस्सा कथगा बि गरम हो वु तैडु नि उस्ये सकुद ! (नाइजीरियाई कहावत )
नाटा मनिख तैं लड़का समजणै भूल नि करण चयेंद (नाइजीरियाई कहावत )
मुर्ख लोगुं समूह की तागत तैं कम नि अंक्याण चयेंद ( उगांडा की कहावत )
जैक पुटुक चलणु हो (दस्त लगण ) वै तै बगैर बतायां गुदनड़ो बाटू मिल ही जांद या रस्ता पता चल ही जांद ( उगांडा की कहावत )
एक म्वारक काटणो मतबल यु त नी च कि मधुमख्युं सरा छत्ता ही तोड़ दिए जावो ! (केन्या की कहावत )
बच्चा जु बेडुक डाळ मा चौढ़िक दिखदु वी एक प्रौढ़ खड़ु ह्वेक देख सकुद ! ( पश्चिम अफ्रिका की कहावत )
जु घाम घी गळान्दु वी घाम गिल्लू कीच बि सुखान्दु ( नाइजर की कहावत )
अपर गल्वड़म बैठ्युं माख तैं थप्पड़न नि मारे जांद ( घाना की कहावत )
बुगठ्याक किराण से बुगठ्या बलि चढ़न से नि बच सकुद ( नाइजीरिया की कहावत )
यदि तुम ख़ूबसूरत नी छंवां त तुम तैं नाच सिखण चयेंद या गीत लगाण सिखण चयेंद ( अफ्रीका की कहावत )
पीठ कथगा बि जल्दीबाजी मा ह्वावो रौण पीठन पैथर ही च ( लिसोटो की कहावत )
जु बांदर क्याळा छोड़िक घास खावो तो समज ल्यावो उ बखर च ( अफ्रीका की कहावत )।
अंधा द्वारा खांणक मुख तक ठीक से लिजाण से उज्यळो अंदाज नि लगाये जांद ( अफ्रीका की कहावत )।
पीठ कन्यान्द कन्यान्द दौड़े नि सक्यांद ( इथोपिया की कहावत )
गू कथगा बि कम हो गुवाण त आली ही ना ( गाम्बिया की कहावत )
व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।
CLEAN INDIA , स्वच्छ भारत !
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