चबोड़्या , चखन्यौर्या , घपरोळया :::: भीष्म कुकरेती
आजकलौ समौ मा नरेंद्र मोदी सबसे होस्यार राजनेता , सबसे पॉपुलर लीडर छन अर ऊंक भाग्यरेखा मा एकआधिकारवाद त छैं इ च। अच्काल मोदी जी जै पर हथ लगाणा छन वु मुख्यमंत्री बण जाणु च , जै काम तैं हथ मा लीन्दन वै काम की बड़ै , प्रशंसा , वै कार्य की वाही वाही मिल्दी बस सुप्रीम कोर्ट मा विदेशों मा काळा धन का मामला मा बड़ी मात ही नि खै गेन अपितु इन सि ह्वे गे जन बुल्यां - ग्यूं बि खतेन अर स्या वा नांग बि दिखे गे।
जब बिटेन नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बणिन पिछली सरकार की पकयीं घीपक खिचड़ी खाणा छन , कॉंग्रेसी सरकार घोटिं भांग पीणा छन अर कॉंग्रेस का कपड़ा पैरिक फर्र फर्र घूमिक देस ही ना विदेश मा बि नाम कमाणा छन।
अब द्याखो ना जब दिल्ली से माँ वैष्णो देवी ,जम्मू का वास्ता विशेष ट्रेन ट्रैक आरम्भ करणै बारी आई त हुस्यार नरेंद्र मोदीन शुभारम्भ की हरी झंडी दिखाइ इन लग जन बुल्यां इथगा कठिन काम मोदी जीन करी होलु जब कि काम तो मनमोहन सरकार कु पूरो कर्युं छौ।
जन धन बैंक योजना तो यूपीए सरकार मा चलणि ही छे वु त बिचारु राहुल गांधी का दुर्भाग्य छौ जो यीं योजना तैं गति नि मील , सफल मार्केटिंग नि ह्वे अर मोदी जीन सरा दुनिया मा ढोल बजै दे कि जन -धन योजना मोदी जीक खोज च।
एक योजना बहुत दिनों से चलणि छे राजीव गांधी या फिरोज गांधी या कैफणी गांधी स्वच्छ ग्राम योजना। बस मंथर गति से चलणि छे। मोदी जीन सांसद आदर्श ग्राम योजना नाम देकि यीं योजना तैं गति दे अर लोग समझणा छन , मी बि समजणु छौं अर इख तक कि राहुल गांधी हीन भावना से ग्रसित ह्वै गेन कि कास ! या प्रशंसा युक्त योजना प्रणव मुखर्जी , चिदंबरम जी बणादा। जी हाँ ! राहुल गांधी जी बि मानिक बैठी गेन कि या योजना मोदी जीक मौलिक योजना च।
जयराम रमेश जी याने भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री की दुकान मा एक बोर्ड लग्युं छौ 'देवालय से पहले शौचालय ' नरेंद्र मोदी जीक सुनामी मा यु बोर्ड उड़दो उड़दो मोदीजीक दुकानिम चलि गे। मोदी जीन बड़ा बड़ा रंगीन बल्ब लगैक बोर्ड चमकै दे अर हो हल्ला करिक जापनी प्रधानमंत्री , अमेरिकी राष्ट्रपति तैं चकाचक , झकाझक , झिलमिल बोर्ड क्या दिखाई कि जय रमेश ही ना सोनिया गांधी बि मनणि च कि 'हर परिवार को एक शौचालय ' योजना महान विचारक नरेंद्र मोदी जी की च ।
मंगल ग्रह मा मंगलयान पठाणै , भिजणै सोच , योजना , कार्य कॉंग्रेस की छे। पर जब मंगलयान मंगल ग्रह की चौहद्दी मा पौंच तो मोदी जीन इन डुगडुगी बजाई, इन ढोल बजाई अर जोर जोर से अपण पीठ अफिक थपथपाई कि इसरो का वैज्ञानिक बि समजण लगिन कि मगल ग्रह मा मंगलयान यीं सदी को महान नायक नरेंद्र भाई की वजह से ही पौंछ।
इनि जब नरेंद्र मोदीजीन भौत सा यूपीए सरकार का कामुँ तैं अपण बताई तो भारतवास्युं तैं क्वी दुख नि ह्वे, क्वी परेशानी नि ह्वे , क्वी किंक्वळि बि नि लग किलैकि नरेंद्र भाई की मनशा बढ़िया छे , जनकल्याण की दिल से आयीं इच्छा छे , ख्वाइस छे। जब इच्छा , मनशा , ख्वाइस मा खोट नि हो तो लोग 35 -45 रुपया किलो अल्लु, 140 रुपया राजमा , सौ रुपया किलो हरड़ खरीदद बगत बि सरकार या प्रधानमंत्री तैं गाळी नि दींदन , श्राप नि दींदन उल्टां मुआफ कर दींदन।
किन्तु जब भाई नरेंद्र मोदीन देस -विदेश माँ व्याप्त काळो धन पर चुप्पी साधिं राइ तो लोगुं तैं नरेंद्र मोदी की मनशा पर शक हूण लग गे अर जब सुप्रीम कोर्ट मा विदेशी बैंको मा काळो धन का खातेदारों नाम बताण मा सरकारन आनाकानी कार तो लोग समजी गेन कि नरेंद्र भाई का मन मा खोट च , दाळ मा कुछ काळो च , नरेंद्र भाई विदेशुं मा धर्युं काळु धन तो जाणि द्यावो देस मा जु ब्लैक मनी च वै ब्लैक मनी का बारा मा बि नि सुचणा छन। नरेंद्र भाई भूली गेन कि लोगुं आसा तो अब बि च कि देस -विदेश कु काळो धन भारत तैं मिल जावो। पर छै इ मैना मा नरेंद्र मोदी की मनशा पर सवालिया निशान लगल त महान धर्मनिरपेक्ष दिग्विजय सिंह , यीं दशाब्दी का महान कॉमरेड यचुरी अर यीं सदी का स्वघोषित समाजवादी नीतेश कुमार तैं बि उम्मीद नि छे कि काळो धन का मामला मा नरेंद्र मोदी की मनशा पर प्रश्न चिन्ह लगल ।
वित्त मंत्री अरुण जेटली कु इंटव्यू कि विदेसी बैंकुं मा काळा धन का खातेदारुं नाम उजागर हूण से कॉंग्रेस शर्मसार होली से तो मोदी सरकार की पोल खुलि गे कि मोदी सरकार विदेसूं अर देस मा काळा धन भैर लाणो बारा मा कतई बि गंभीर नी च। अरुण जेटलीक इन्टरव्युंन सरकार की गलत मनशा की ही कलई खोल दे।
ब्याळि 28 /10 /2014 कुण सुप्रीम कोर्टन विदेशो मा जमा काळो धन का मामला मा जनता की तरफ से मोदी सरकार पर चमाटा मार , थप्पड़ मार , खैड़ा लगैन। नरेंद्र मोदी सरकार पर या चमकताळ , थप्पड़ अर खैड़ा की गूंज साफ़ साफ़ धै लगाणी च कि मोदी जी ! ग्यूं बि खतेन अर आपकी नीयत , आपकी मनशा, आप नांगी ह्वे गेन।
Copyright@ Bhishma Kukreti 29 /10 /2014
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
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