कबलाट मा :: भीष्म कुकरेती
जनानी टी शर्ट - वार्डरोब से सब भैर आवो ! निकळो बाहर। अब मि ऐ ग्यों तो मेरी इ बादशाहत चौललि।
बिलोज -ऐ छ कु छे तू इथगा बरबराट करण वळि , चरबराट मचाण वळि , रौब मारण वळि ?
बिलोज -ऐ छ कु छे तू इथगा बरबराट करण वळि , चरबराट मचाण वळि , रौब मारण वळि ?
टीशर्ट -मि स्त्री ह्वेक बि पुल्लिंग धारी लारा -लत्तों दगड़ बात नि करदु !
बिलोज -जादा चर्र -चर्र करिल तो चीर फाड़ करिक रद्दी वाळु जोग कौर देलु हाँ !
टीशर्ट- अब त तू मनमोहन सिंग जन रिटायर ह्वे गे , लालकृष्ण आडवाणी जन घरबैठ ह्वे गे , तू ट्वीटर का समणि ऑरकुट ह्वे गे।
टीशर्ट- अब त तू मनमोहन सिंग जन रिटायर ह्वे गे , लालकृष्ण आडवाणी जन घरबैठ ह्वे गे , तू ट्वीटर का समणि ऑरकुट ह्वे गे।
बिलोज -औ तू अफु तैं नरेंद्र मोदी समजणि छे ? तू पीयूष गोयल ह्वे गे अर मि पयळ (पथरौ की थाळी ) ह्वे ग्यों ?
टीशर्ट -इक मा समजण क्या च ? दिख्युं आँख क्या दिखण अर तप्युं घाम क्या तपण । अब त तू पुरात्व विभाग की सम्पति ह्वे गे।
बिलोज -बिंडी खिकचाट , भड़भड़ाट , घुंघ्याट नि कौर हां !
टीशर्ट- हाँ त्वे पर त चमराट, धगद्याट ,ममळाट हूण लाजमी च आखिर म्येरी धूम चीन , जपान अर अमेरिका तक जि च।
बिलोज -हूँ ! त्यार त इ हाल छन घुस -घुस माई देळि मा आई
टीशर्ट- मि अर तू इनि छंवां जन -कख राजा की राणी कख मंगतू की काणी
बिलोज -तू तो इन छे बल आबत ना मित्र , पौंछ्यां भित्र
टीशर्ट -तू तो इन बुलणी छे जन त्येरु बाबा डांडा कौणी नि बुतद छौ तो रिखन म्येरू बाबा नि खाण छौ।
बिलोज -मि भारतीय स्वरूप छौं।
टीशर्ट- हाँ त्वे पर त चमराट, धगद्याट ,ममळाट हूण लाजमी च आखिर म्येरी धूम चीन , जपान अर अमेरिका तक जि च।
बिलोज -हूँ ! त्यार त इ हाल छन घुस -घुस माई देळि मा आई
टीशर्ट- मि अर तू इनि छंवां जन -कख राजा की राणी कख मंगतू की काणी
बिलोज -तू तो इन छे बल आबत ना मित्र , पौंछ्यां भित्र
टीशर्ट -तू तो इन बुलणी छे जन त्येरु बाबा डांडा कौणी नि बुतद छौ तो रिखन म्येरू बाबा नि खाण छौ।
बिलोज -मि भारतीय स्वरूप छौं।
टीशर्ट -त्वे से अळजाट हूंद।
बिलोज -में से ना साडी अर पेटीकोट से अळजाट हूंद।
टीशर्ट- जन जोड़ीदार तनि स्वारभार !
टीशर्ट- जन जोड़ीदार तनि स्वारभार !
बिलोज -हिन्दुस्तानम मेरी बड़ी इज्जत च।
टीशर्ट -आज सबि जनान्युं की असली , पहली अर आखरी पसंद जीन्स अर टी शर्ट ! जरा कखि बि जा जनान्युं बीच टीशर्ट अर जीन्स की ही मांग च।
बिलोज -अरे जा ! म्यार मुखन बिंडि नि बुलवा हाँ। पूजा पाठ दैं त सबि नौनि अर जनानी साडी -बिलौज मा इ पूजा करदन।
टीशर्ट- हूँ ! त्यार त यी हाल छन समिण बिरळ बैठ्युं च अर कबूतर आँख बंद करिक बोल्दु बल कख च बिरळु ? जरा बद्रीनाथ , तिरुपति मंदिरों मा जादि अर गाउँमा नागराजा -ग्विल मंदिरों मा दिखदि किजनानी - नौनी बड़ी इज्जत से टीशर्ट -जीन्स मा पूजा पाठ करणा छन।
टीशर्ट- हूँ ! त्यार त यी हाल छन समिण बिरळ बैठ्युं च अर कबूतर आँख बंद करिक बोल्दु बल कख च बिरळु ? जरा बद्रीनाथ , तिरुपति मंदिरों मा जादि अर गाउँमा नागराजा -ग्विल मंदिरों मा दिखदि किजनानी - नौनी बड़ी इज्जत से टीशर्ट -जीन्स मा पूजा पाठ करणा छन।
बिलोज -सब झूठ !
बिलोज - त्यार फोकट का फफत्याण से कुछ नि हूण। मेरी त अमरकाया खायीं च ; मीमा भारतीय संस्कृति की अमर ओढ़नी च , तू म्यार कुछ नि बिगाड़ सकदी।
टीशर्ट -हाँ पथरूं आँख ह्वाल तो चिट्टु उज्यळ बि औंसीक रात लगद। नजला का रोगी तैं मिट्ठू बि नीमक सत लगद। जैन मक्का मदीना नि देख हो वैन बुलण इ च तीन लोक मेसे मथुरा प्यारी !
बिलोज -मि नि जाणदु कुछ तू ये वार्डरॉब मा खुट बि नि धरि सकदी। ये वार्डरॉब पर म्यार अधिकार च अर जब तक सूरज -चाँद छन म्यार ही अधिकार राल।
टीशर्ट- दिखुद छौं कन अधिकार रौंद धौं त्यार ! मीन विज्ञापनुं , फिल्मुं , टीवी सीरियलुं फ़ौज कट्ठा करीं च अर बस आज ना भोळ तू ये वार्डरॉब से बहुत बहुत दूर , कखि पुरात्व विभाग का म्यूजियम मा रैली अर ये वार्डरॉब पर केवल मेरो ही अधिपत्य रालु।
टीशर्ट- दिखुद छौं कन अधिकार रौंद धौं त्यार ! मीन विज्ञापनुं , फिल्मुं , टीवी सीरियलुं फ़ौज कट्ठा करीं च अर बस आज ना भोळ तू ये वार्डरॉब से बहुत बहुत दूर , कखि पुरात्व विभाग का म्यूजियम मा रैली अर ये वार्डरॉब पर केवल मेरो ही अधिपत्य रालु।
वार्डरॉब का कूण्या बिटेन अंगुड़ - हा! हा ! हरेक लारा , झुल्ला , ड्रेस इनि बुल्दु या बुल्दी कि मेरी अमरकाया खायीं च , मीन संस्कृति की ओढ़नी ओढ़ी च च। मीन बि कबि जनान्युं कुर्ता कुण इनि घमंड मा बोल छौ कि कुर्ता म्यार कुछ नि बिगाड़ सकद।
वार्डरॉब का कूण्या बिटेन जनानी कुर्ता - अर स्यु बिलोज बिसरी गे कि जब यु बिलोज मैं तैं धकल्याणो ऐ छौ तो मीन बि संस्कृति की धौंस-रौंस दिखै छे। किन्तु मनुष्य तो जनि बाजा बजदु तनि नचदु तो ये हिसाब से मनुष्य हर युग मा नया नया ड्रेस अपनाइ लींदु अर फिर जु कुछ दिन तक नया फैशन हूंद पैथर वा ही ड्रेस संस्कृति का हिस्सा बण जांद।
वार्डरॉब का कूण्या बिटेन जनानी कुर्ता - अर स्यु बिलोज बिसरी गे कि जब यु बिलोज मैं तैं धकल्याणो ऐ छौ तो मीन बि संस्कृति की धौंस-रौंस दिखै छे। किन्तु मनुष्य तो जनि बाजा बजदु तनि नचदु तो ये हिसाब से मनुष्य हर युग मा नया नया ड्रेस अपनाइ लींदु अर फिर जु कुछ दिन तक नया फैशन हूंद पैथर वा ही ड्रेस संस्कृति का हिस्सा बण जांद।
Copyright@ Bhishma Kukreti 1 / 10 / 2014
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
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