दस-बीस मील पर
सरकरि अस्पताल
जुगराज रैंया
द्वार-मोर
खुल्याँ छन
द्वी-तीन भैनजी
अर
एक-आध भैजी
गौलुन्द
डाक्टर कु तमगा
लगैकी
कुर्स्यूं मा
बैठ्याँ छन
दिन भर
मरीजों कि
भितर-भैर
हे राम !
अस्पताळ मा
डाक्टर
एक बि ना
क्वी बचीं
क्वी म्वरीं
कैन बि क्य कन
भैन जि
अर
भैजी त
जिम्मेदारी से
अस्पताळ
चलाणा छन
जनि तनि कै
अधकचि खिचड़ी
पकाणा छन.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल ..सर्वाधिकार सुरक्षित
सरकरि अस्पताल
जुगराज रैंया
द्वार-मोर
खुल्याँ छन
द्वी-तीन भैनजी
अर
एक-आध भैजी
गौलुन्द
डाक्टर कु तमगा
लगैकी
कुर्स्यूं मा
बैठ्याँ छन
दिन भर
मरीजों कि
भितर-भैर
हे राम !
अस्पताळ मा
डाक्टर
एक बि ना
क्वी बचीं
क्वी म्वरीं
कैन बि क्य कन
भैन जि
अर
भैजी त
जिम्मेदारी से
अस्पताळ
चलाणा छन
जनि तनि कै
अधकचि खिचड़ी
पकाणा छन.
डॉ नरेन्द्र गौनियाल ..सर्वाधिकार सुरक्षित
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