महेन्द्र सिँह राणा 'आजाद'
मायाक समुण आज भी सिराणा रै ग्यायी
त्येरी माया मा बिज्यु ही रै ग्यायी!
चिट्ठी लिखि-लिखिन नि थकि मेरी हाथि
पर जति लिखिन सब खिसन रै ग्यायी!
जति भी चुनीन फूल तेरा नौँ का
सभी फूल माया का देल्योँ मा रै ग्यायी!
स्वीणौँम तेरु ख्याल, ख्यालोँम तेरी मुखड़ी
मुखड़ी तेरी म्यारा स्वीणोँम रै ग्यायी!
दिन बिती रात, इनी बिती जाल साल
सैरी जिन्दगी त्येरी मायाम रे ग्यायी!
त्येरी इखरी माया म्यार जिकुड़ी मा रे ग्यायी
त्वेँते लिन्यु समुण सिराणा मा रे ग्यायी॥
महेन्द्र सिँह राणा 'आजाद'
सर्वधिकार सुरक्षितwww.mahendrarana.weebly.com
20/08/2012
मायाक समुण आज भी सिराणा रै ग्यायी
त्येरी माया मा बिज्यु ही रै ग्यायी!
चिट्ठी लिखि-लिखिन नि थकि मेरी हाथि
पर जति लिखिन सब खिसन रै ग्यायी!
जति भी चुनीन फूल तेरा नौँ का
सभी फूल माया का देल्योँ मा रै ग्यायी!
स्वीणौँम तेरु ख्याल, ख्यालोँम तेरी मुखड़ी
मुखड़ी तेरी म्यारा स्वीणोँम रै ग्यायी!
दिन बिती रात, इनी बिती जाल साल
सैरी जिन्दगी त्येरी मायाम रे ग्यायी!
त्येरी इखरी माया म्यार जिकुड़ी मा रे ग्यायी
त्वेँते लिन्यु समुण सिराणा मा रे ग्यायी॥
महेन्द्र सिँह राणा 'आजाद'
सर्वधिकार सुरक्षितwww.mahendrarana.weebly.com
20/08/2012
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