Oriental/Asian Ravanlti Folk Literature from Ravain/Rawaeen, Yamuna-Tons Valley Region, Uttarkashi, Dehradun, Garhwal -37
रवांइ, उत्तरकाशी , देहरादून गढ़वाल क्षेत्र के प्रचलित रंवाल्टी लोक गीत- 37
( रवांइ क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; हर की दून, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; जानकी चट्टी, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; फुल चट्टी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; मोरी रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; पुजेली , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; पुरोला , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; बनाल पट्टी ,रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषाजागर, लोक गीत ; राढ़ी डांडा, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;यमुनोत्री , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; हनुमान चट्टी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; खरसाली रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; गंगनाणी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; बडकोट , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; नौगाँव , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; आराकोट , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; जर्मोला धार रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;लाखामंडल, रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;चकरौता रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;अनहोल रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; त्यूणी रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत श्रृखला जारी)
Translation, Interpretation by: Bhishma Kukreti
Love for Farm Animals from Old time
The importances of farm animals have been there from the time of domestication of animals by human beings. There are many songs of the time when people used to worship animals in England. The Christians still sing folk song ‘Glory to the lamb’.
The folk song ‘The Derby Ram’ of English Midland was sung in Churches around 1739. The folk song is still popular in the region.
There are Ravanlti various folk songs in Ravain region depicting love for farm animals and show importance for farm animals.
पशु धन महत्व संबंधी रवाँल्टी लोक गीत
(सन्दर्भ: महावीर रंवाल्टा, 2011, उत्तराखंड में रंवाइ क्षेत्र के लोक साहित्य की मौखिक परंपरा, उदगाता )
( इंटरनेट प्रस्तुति एवं अतिरिक्त व्याखा - भीष्म कुकरेती )
सिर लाई बिंदू
आइर मालू गूजर चांदू भैंस्या भी दिन्दू ?
दूध बणी खीर
चांदू भैंस्या न दिन्दू मेर गोठ कू सिर
O Malu Gujar! Would you sell me your buffalo?
No! At any cost, I shall not sell my buffalo.
In my Cowherd, the great domestic animal is my buffalo.
Copyright Interpretation, @ Bhishma Kukreti 14/7/2013
References:
Ranvalta, Mahaveer. 2011, Uttarakhand me Ravain Kshetr ke Lok Sahitya ki Maukhik Parmapara, Udgata, page 48-56
Oriental/Asian Folk Literature from Ravain/Rawaeen, Yamuna-Tons Valley Region, Uttarkashi, Dehradun, Garhwal to be continued …38
( रवांइ क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; हर की दून, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; जानकी चट्टी, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; फुल चट्टी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; मोरी रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; पुजेली , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; पुरोला , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; बनाल पट्टी ,रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषाजागर, लोक गीत ; राढ़ी डांडा, रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;यमुनोत्री , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; हनुमान चट्टी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; खरसाली रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; गंगनाणी , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; बडकोट , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; नौगाँव , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; आराकोट , रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; जर्मोला धार रवांइ -उत्तरकाशी क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;लाखामंडल, रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;चकरौता रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ;अनहोल रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत ; त्यूणी रवांइ -देहरादून क्षेत्र के रंवाल्टी भाषा जागर, लोक गीत श्रृखला जारी)
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(सन्दर्भ: महावीर रंवाल्टा, 2011, उत्तराखंड में रंवाइ क्षेत्र के लोक साहित्य की मौखिक परंपरा, उदगाता )
( इंटरनेट प्रस्तुति एवं अतिरिक्त व्याखा - भीष्म कुकरेती )
सिर लाई बिंदू
आइर मालू गूजर चांदू भैंस्या भी दिन्दू ?
दूध बणी खीर
चांदू भैंस्या न दिन्दू मेर गोठ कू सिर
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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