[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक की गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला ]
चबोड़्या -चखन्योर्या -भीष्म कुकरेती
वै क्षेत्र मा लोगुंक आपस मा मेल मिऴवाक दिखण लैक छौ I क्षेत्र मा असपताळ खुलणो बान सरा अडगैं (क्षेत्र) लोक एक ह्वे गेन I गांव, जाति, थोक, ख्वाळ छोड़ि अर इकमुठी (कट्ठा) ह्वेक सब्युंन एक ह्वेक अस्पताल की मांगक बान ब्लॉक अर जिला राजधानी गजे द्यायि। सरा जिला मा जगा जगा क्षेत्र की सहकारिता, मेल मिऴवाक की चर्चा हूण मिसे गे. सर जिला मा ये क्षेत्र की जनता मा सहकारिता का लोक गीत प्रसिद्ध ह्वेगेन अर आण घऴयाण बिसे गेन बल ईं सहकारितान त चौदकोट को नाम पैथर धकेल देI
झक मारिक प्रशासन तैं अडगैं बान अस्पताल खुलणो आदेस दीण प्वाड़।
क्या सरकारी क्या विरोधी पार्टी अर राज अधिकारी सबि क्षेत्र के कौमी एकता से डौरि गेन I कै पणि बोल च बल राजनैतिक पार्टी अर राज अधिकारी को कौमी एकता सबसे बड़ो दुसमन होंद।
राजनेता अर राज अधिकारी सब्युंन क्षेत्र की जनता से पूछ बल अस्पताळ कैक नाम से खुलण चयेंद I क्वी अस्पताळौ नाम अपण क्षेत्र का नाम पर रखण चांदो छौ, त क्वी अपण पट्टी नाम त क्वी अस्पताळौ बोर्ड पर अपण जातिक नाम दिखण चाणु छौ. कथगा तो अस्पताळौ नाम अपण ख्वाळो नाम पर चाणा छा.
बस क्षेत्र की एकता भंग ह्वे ग्याइ। अस्पताल खुलणो आदेस उनि पड्युं च पण अब अस्पताल नि खुल्याणु च किलैकि हरेक चाणु च कि अस्पताळौ नाम पट्टिका मा वैक हिसाबन ही नाम हो I
Copyright @ Bhishma Kukreti 25/7/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक की गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
चबोड़्या -चखन्योर्या -भीष्म कुकरेती
वै क्षेत्र मा लोगुंक आपस मा मेल मिऴवाक दिखण लैक छौ I क्षेत्र मा असपताळ खुलणो बान सरा अडगैं (क्षेत्र) लोक एक ह्वे गेन I गांव, जाति, थोक, ख्वाळ छोड़ि अर इकमुठी (कट्ठा) ह्वेक सब्युंन एक ह्वेक अस्पताल की मांगक बान ब्लॉक अर जिला राजधानी गजे द्यायि। सरा जिला मा जगा जगा क्षेत्र की सहकारिता, मेल मिऴवाक की चर्चा हूण मिसे गे. सर जिला मा ये क्षेत्र की जनता मा सहकारिता का लोक गीत प्रसिद्ध ह्वेगेन अर आण घऴयाण बिसे गेन बल ईं सहकारितान त चौदकोट को नाम पैथर धकेल देI
झक मारिक प्रशासन तैं अडगैं बान अस्पताल खुलणो आदेस दीण प्वाड़।
क्या सरकारी क्या विरोधी पार्टी अर राज अधिकारी सबि क्षेत्र के कौमी एकता से डौरि गेन I कै पणि बोल च बल राजनैतिक पार्टी अर राज अधिकारी को कौमी एकता सबसे बड़ो दुसमन होंद।
राजनेता अर राज अधिकारी सब्युंन क्षेत्र की जनता से पूछ बल अस्पताळ कैक नाम से खुलण चयेंद I क्वी अस्पताळौ नाम अपण क्षेत्र का नाम पर रखण चांदो छौ, त क्वी अपण पट्टी नाम त क्वी अस्पताळौ बोर्ड पर अपण जातिक नाम दिखण चाणु छौ. कथगा तो अस्पताळौ नाम अपण ख्वाळो नाम पर चाणा छा.
बस क्षेत्र की एकता भंग ह्वे ग्याइ। अस्पताल खुलणो आदेस उनि पड्युं च पण अब अस्पताल नि खुल्याणु च किलैकि हरेक चाणु च कि अस्पताळौ नाम पट्टिका मा वैक हिसाबन ही नाम हो I
Copyright @ Bhishma Kukreti 25/7/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक की गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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